Corona Brief News: पहली कोरोना वैक्सीन 10 अगस्त तक, भारत में कोविशिल्ड वैक्सीन का ट्रायल जल्द !
world’s first Corona Vaccine : दुनिया की पहली कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) 10 से 12 अगस्त के बीच बाज़ार में उपलब्ध होगी। रूस ने इस बात का दावा किया है। इस वैक्सीन को गामालेया नेशनल रिसर्च सेंटर ऑफ ऐपीडेमीलॉजी एंड माइक्रोबॉयोलॉजी ने तैयार किया है। वहीं, कोविशिल्ड वैक्सीन (covishield vaccine trial) के दूसरे और तीसरे फेज के ट्रायल के लिए भारत के 17 मेडिकल संस्थानों को जिम्मा सौंपा गया गया है।
1.आने वाली है दुनिया की पहली वैक्सीन, रूस में पूरे हुए ट्रायल
कोरोना वायरस की वैक्सीन (Corona Vaccine) 10 से 12 अगस्त के बीच दुनिया को मिल सकती है, इस बात का दावा रूस (Russia) की तरफ से किया जा रहा है। समाचार एजेंसी ब्लूमबर्ग के मुताबिक लॉंच को लेकर तैयारियाँ पूरी कर ली गई हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि पहले इस कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) को रजिस्टर्ड किया जाएगा और फिर 3 से 7 दिनों के अंदर ये बाज़ार में उपलब्ध होगी।
रूस के गामालेया इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों का कहना इस वैक्सीन को आम जनता के इस्तेमाल के लिए 10 अगस्त तक मंजूरी दिलवा लेंगे। लेकिन सबसे पहले फ्रंटलाइन हेल्थवर्कर्स को दी जाएगी. यानी वो लोग कोरोना के इलाज में जुटे हैं।
हालांकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने रूस की इस वैक्सीन को लेकर कई तरह की चिंताएं जाहिर की है। WHO ने कहा है कि रूस ने वैक्सीन बनाने के लिए तय गाइडलाइंस का पालन नहीं किया है, ऐसे में इस वैक्सीन की सफलता पर भरोसा करना मुश्किल है। दुनिया भर में फिलहाल 165 वैक्सीन पर काम चल रहा है. जिसके अलग-अलग फेज के ट्रायल चल रहे हैं।
2.भारत के 17 मेडिकल संस्थानों में होगा कोविशिल्ड वैक्सीन का ट्रायल
- कोरोना महामारी की वैक्सीन (Vaccine) कोविशिल्ड का पहला ट्रायल पूरा हो चुका है, जबकि दूसरे और तीसरे फेज का ट्रायल भारत में होगा।
- इसके लिए देश के 17 मेडिकल संस्थानों को जिम्मा सौंपा गया है। पीजीईआई चंडीगढ़ इनमें से एक है। मालूम हो, सीरम इंस्टीट्यूस पुणे औऱ इंग्लैंड की ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी ने कोविशिल्ड वैक्सीन को तैयार किया है।
- चंडीगढ़ पीजीआई प्रमुख के मुताबिक भारत मे 1600 लोगों पर इसका ट्रायल होगा। चंडीगढ़ में 18 साल से ऊपर के स्वस्थ लोगों पर इसका ट्रायल किया जाएगा।
- इन लोगों की पहले सभी जांच होगी। जांच में सब कुछ सही पाए जाने के बाद इनको इंजेक्शन लगाया जाएगा। फिर 28 दिन बाद दूसरी डोज दी जायेगी। इस दौरान देखा जायेगा कि शरीर मे कितनी एन्टीबॉडी बन रही है।
3. बीसीजी वैक्सीन कोविड-19 के खिलाफ कारगर
ब्रिटेन के शोधकर्ताओं ने कहा है कि बीसीजी (बैसिलस कैलमेट-गुएरिन) वैक्सीन का कोरोनावायरस के खिलाफ सकारात्मक असर देखा गया है।
यह वैक्सीन हमारे इम्यून सिस्टम को तेज करती है। बीसीजी टीबी की रोकथाम के लिए दी जाने वाली वैक्सीन है। इस अध्ययन को ‘सेल रिपोर्ट मेडिसिन’ जर्नल में प्रकाशित किया गया है।
ब्रिटिश शोधकर्ताओं के मुताबिक, जिन लोगों ने पिछले पांच सालों में बीसीजी वैक्सीन ली थी उनमें कोरोना के लक्षण बहुत कम देखे गए।
4. कोविड-19 की दवा ‘फैबीफ्लू’ का 400 MG वाला वर्जन जल्द
ड्रग कम्पनी ग्लेनमार्क कोविड-19 की दवा फैबीफ्लू का स्ट्रॉन्ग वर्जन पेश करेगी। कम्पनी फैबीफ्लू की 400 एमजी डोज वाली टेबलेट लॉन्च करेगी। जिसकी कीमत 75 रुपए रखी जाएगी।
ग्लेनमार्क के मुताबिक, कम्पनी का लक्ष्य गोलियों की संख्या को घटाकर डोज को पूरा करना है। इससे रोगियों को कम टेबलेट्स में पूरा डोज मिल जाएगा। फैबीफ्लू का इस्तेमाल कोरोना संक्रमण के हल्के और मध्यम लक्षणों वाले मरीज़ों का इलाज करने में किया जा रहा है।
फेविपिराविर का इस्तेमाल अब तक इन्फ्लुएंजा के लिए होता था-
- फैबीफ्लू टेबलेट में फेविपिराविर की डोज है। फेविपिराविर ड्रग को बड़े स्तर पर जापानी कम्पनी फुजीफिल्म होल्डिंग कॉर्प तैयार करती है।
- जापानी कम्पनी इसे एविगन के नाम से बाजार में बेचती है। 2014 से इसका इस्तेमाल इन्फ्लुएंजा के इलाज में किया जा रहा है। ग्लेनमार्क को फैबीफ्लू के निर्माण की अनुमति जून में ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया से मिली थी।
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