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World Toilet Day: जानें क्यों मनाया जाता है यह दिन

World Toilet Day: जानें क्यों मनाया जाता है यह दिन

विश्व शौचालय दिवस: World Toilet Day हर वर्ष 19 नवंबर को मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार विश्व को स्वच्छता नहीं मिल पाती। बीमारियाँ उत्पन्न होने के साथ-साथ पर्यावरण दूषित होता है इसलिए सरकार ने इस समस्या से उबरने के लिए स्वच्छ भारत अभियान चलाया था लेकिन एक सर्वे के अनुसार खुले में सौच करना एक तरह की मानसिकता दर्शाता है इसके मुताबिक सार्वजनिक शौचालय में नियमित रूप से जाने वाले तकरीबन आधे लोगों और खुले में शौच जाने वाले इतने ही लोगो का कहना है कि यह सुविधाजनक है। ऐसे में स्वच्छ भारत के लिए सोच में बदलाव जरुर दिखाता है।

बच्चों में विभिन्न बीमारियाँ जैसे दस्त, शिस्टोसोमिआसिस, सोइल ट्रांसमिटेड हेल्मिन्थिआसिस और क्रोनिक कुपोषण का प्रसार, जो एक ऐसी स्थिति से संबंधित है जिसे पर्यावरणीय एंट्रोपैथी कहा जाता है, सीधे मानव के मल के संपर्क से जुड़ा होता है। 145 देशों के एक अध्ययन में इसका मूल्यांकन किया गया कि 58% दस्त खराब स्वच्छता, सफाई के अभाव और असुरक्षित पानी के कारण थे।

7 से 17% तक दस्त से पीड़ित बच्चों की मुश्किलों को कम करने के लिए उचित स्वच्छता का मूल्यांकन किया जाता है। मल से मानव संपर्क को सुरक्षित रूप से अलग करना एक स्वस्थ वातावरण का परिणाम है जो कई रोगों से सुरक्षा देता है।

विश्व शौचालय दिवस (World Toilet Day) क्यों मनाया जाता है?

विश्व शौचालय दिवस (World Toilet Day) कई स्वच्छता मुद्दों के प्रति जनता का ध्यान दिलाने और उन मुद्दों को हल करने का प्रयास करते है। हालांकि पर्याप्त स्वच्छता तक पहुँच को मानव अधिकार के रूप में घोषित किया गया है।

इसके अलावा जिन लोगों की पहुँच असुरक्षित और अशुद्ध शौचालय तक है उन्हें कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है जिनमें टाइफाइड, हैजा, डायरिया और हेपेटाइटिस जैसी बीमारियाँ शामिल है। खुले में शौचालय जाने पर बच्चों और महिलाओं पर होने वाले यौन उत्पीड़न के केसों में वृद्धि होती है। विश्व शौचालय दिवस का अंतिम उद्देश्य सभी व्यक्ति को अपनी प्राथमिक जरूरतों का ख्याल रखने के लिए सुरक्षा के डर के बिना अनुमति देना है।

विश्व शौचालय दिवस स्वच्छता के महत्व पर जागरूकता फैलाने का एक बहुमूल्य अवसर प्रदान करता है और हर जगह को सुधारने तथा हर साल वहां की उचित स्वच्छता को बनाए रखने के उद्देश्य की गति को प्रोत्साहित करता है।

यह दिवस इस बात को सुनिश्चित करता है कि सभी की सुरक्षित शौचालय और स्वच्छता तक पहुँच होनी चाहिए। सभी लोगों को विश्व शौचालय दिवस (World Toilet Day) का उद्देश्य समझाना एक अंतर्राष्ट्रीय विकास प्राथमिकता है और जो शौचालय की सुविधा नहीं रखते उनके लिए स्वच्छता संकट को रोकना आवश्यक है। यह दिवस लोगों को इस संकट को खत्म करने के लिए आवश्यक कदम उठाने के लिए प्रेरित करता है।

पेशाब संबंधित बीमारियाँ कौन-कौन सी है?

यूरिनरी इनकॉन्टिनेंस (Urinary incontinence): जब ब्लैडर का नियंत्रण असंयमित (Unsymmetrical) हो जाता है, इस स्थिति को यूरिनरी इनकॉन्टिनेंस कहते है। जिस वजह से आपको बहुत ज्यादा मात्रा में यूरिन आने की शिकायत होती है। यह पेशाब संबंधित बीमारियाँ किसी के सामने शर्मिंदगी का कारण बन सकती है, लेकिन यह बहुत आम समस्या है जो कई कारणों की वजह से हो सकती है। डायबिटीज, ओवरएक्टिव ब्लैडर, प्रेग्नेंसी या डिलीवरी, ब्लैडर की कमजोर मसल्स, यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन, स्पाइनल कॉर्ड में चोट आदि होने की वजह से पेशाब की समस्या हो सकती है।

बिनाइन प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया (Benign Prostatic Hyperplasia; BPH): प्रोस्टेट ग्लैंड के अत्यधिक बढ़ जाने की स्थिति को बिनाइन प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया कहा जाता है। यह समस्या अधिक उम्र के पुरुषों में बहुत आम है। प्रोस्टेट के बढ़ने से यूरेथ्रा पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। यूरेथ्रा एक पतली ट्यूब है, जो ब्लैडर से पेशाब को शरीर से बाहर निकालती है। इस समस्या की वजह से पुरुषों को बार-बार पेशाब आने की समस्या होती है। इस समस्या के गंभीर मामलों में सर्जरी की आवश्यकता पड़ सकती है।

किडनी और यूरेटरल स्टोन (Kidney and ureteral stones): जब आपकी किडनी में फिल्टर ना हो पाने की वजह से मिनरल या अन्य तत्व क्रिस्टल का रूप ले लेते हैं, उसे किडनी में पथरी है। इसके साथ ही, जब यह पथरी किडनी से निकलकर यूरेटर में पहुँच जाती है, उसे यूरेटरल स्टोन कहा जाता है। यह पथरी आपके पेशाब के रास्ते को ब्लॉक कर सकती है, जिससे काफी गंभीर दर्द महसूस हो सकता है। छोटी पथरियों को शरीर से निकालने के लिए कई बार चिकित्सा सहायता की जरूरत नहीं पड़ती है, लेकिन जब यह पथरी आकार में बड़ी हो जाती है, तो इसे निकालने के लिए कई बार सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है।

यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (यूटीआई): यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन यूरिनरी ट्रैक्ट में पैथोजेनिक बैक्टीरिया या वायरस के विकसित होने को कहते है। यह समस्या महिलाओं में ज्यादा सामान्य है। इसमें आपको पेशाब के समय जलन होती है। इसके अलावा, आपको पेशाब बार-बार आ रहा है ऐसा भी महसूस हो सकता है। आमतौर पर, पाँच से सात दिन एंटीबायोटिक्स का सेवन करने से इस समस्या का उपचार किया जाता है। यूटीआई की समस्या उम्र, डायबिटीज, कमजोर इम्यून सिस्टम, यूरिनरी ट्रैक्ट में ब्लॉकेज आदि की वजह से हो सकती है। जिसकी ब्लड टेस्ट, अल्ट्रासाउंड, सिस्टोस्कोपी या सीटी स्कैन की मदद से जाँच की जा सकती है।

पेशाब संबंधित बीमारियों के लक्षण:

जब शरीर में पेशाब संबंधित परेशानियाँ या बीमारियाँ होती है, तो हमारा शारीरित तंत्र (Physical System) कई संकेत देता है। जिससे पेशाब संबंधित बिमारियों का अनुमान लगा सकते है। हालांकि, यूरिनरी सिस्टम में अलग-अलग परेशानियों की वजह से संकेत भी अलग-अलग हो सकते है।

  • यूरिन के दौरान जलन होना
  • ब्लैडर का पूरी तरह से खाली ना हो पाने की वजह से बार-बार पेशाब आना
  • पेशाब में खून आना
  • पेशाब दबाव के साथ आना
  • पेशाब में झाग बनना
  • पेशाब का रंग ब्राउन या लाल होना
  • पेशाब में गंध आना
  • पुरुषों में रेक्टल दर्द का होना
  • महिलाओं में पेल्विक दर्द का होना
  • बुखार आना
  • जी-मिचलाना
  • उल्टी होना
  • शारीरिक थकान होना

पेशाब संबंधित बीमारियाँ दूर करने के टिप्स:

यूटीआई या पेशाब संबंधित बीमारियों से बचने के लिए खूब पानी पिएँ। जिससे शरीर में मौजूद सभी बैक्टीरिया आसानी से शरीर से बाहर निकल जाता है। अगर आप शरीर को हाइड्रेट रखेंगे, तो आपको पेशाब जल्दी-जल्दी आएगा। इस तरह आप यूरिनरी ट्रैक्ट में किसी भी बैक्टीरिया को विकसित होने से रोक सकते है।

सेक्स की वजह से भी कई लोगों में यूटीआई की समस्या हो सकती है। इससे बचने के लिए आप, सेक्स से पहले अपने जननांगों (Genitals) की अच्छे से साफ-सफाई करें और सेक्स के बाद पेशाब जरूर करें। जिससे, अगर कोई भी बैक्टीरिया आपके जननांगों (Genitals) के संपर्क में आता है, तो वह शरीर से बाहर निकल जाए।

बर्थ कंट्रोल के तरीकों को चुनने के समय का काफी ध्यान रखना होगा क्योंकि डायाफ्राम या स्पर्मीसाइड कंडोम की वजह से यूटीआई की आशंका बढ़ सकती है क्योंकि यह चीजें बैक्टीरियल ग्रोथ में मदद करती है। अगर, आप इनमें से कोई चीज इस्तेमाल करते है और आपको यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन होता है, तो आपको वजाइनल ड्राईनेस को दूर करने के लिए वाटर बेस्ड ल्यूब्रीकेंट की तरफ जाना चाहिए या बर्थ कंट्रोल के तरीके को बदलने के लिए डॉक्टर की मदद लेनी चाहिए।

यूटीआई से बचने के लिए क्रैनबेरी जूस का सेवन कर सकते है, जो यूटीआई से बचाव करता है।

अगर आप धूम्रपान करते है तो धूम्रपान करना छोड़ दें।

पेशाब प्रेशर से आने पर ज्यादा देर तक ना रोकें क्योंकि लंबे समय तक ब्लैडर में यूरिन रहने से बैक्टीरिया के पनपने की आशंका बढ़ जाती है।

अस्वीकरण: सलाह सहित इस लेख में सामान्य जानकारी दी गई है। अधिक जानकारी के लिए आज ही अपने फोन में आयु ऐपडाउनलोड कर घर बैठे विशेषज्ञ डॉक्टरों से परामर्श करें। स्वास्थ संबंधी जानकारी के लिए आप हमारे हेल्पलाइन नंबर 781-681-11-11 पर कॉल करके भी अपनी समस्या दर्ज करा सकते हैं। आयु ऐप हमेशा आपके बेहतर स्वास्थ के लिए कार्यरत है। 

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