World Rose Day: ब्लड कैंसर क्या है ? जानें इलाज | What is Blood Cancer in Hindi
World Rose Day (वर्ल्ड रोज डे) एक बच्ची की याद में मनाया जाता है जिसे रेयर ब्लड कैंसर था लेकिन दुनिया से जाने से पहले उसने कई लोगों को खुशियां दी। वर्ल्ड रोज डे (World Rose Day) प्रत्येक वर्ष 22 सितंबर को 12 वर्षीय मेलिंडा रोज की याद में मनाया जाता है।
वह कनाडा की रहने वाली थी। उसे एक रेयर ब्लड कैंसर हुआ था। कनाडा की इस बच्ची को एक रेयर ब्लड कैंसर Askin’s Tumor था।
ब्लड कैंसर क्या है ? (What is Blood Cancer in Hindi)
ब्लड कैंसर (Blood Cancer) शरीर की कोशिकाओं में होने वाले परिवर्तन के कारण होता है। ब्लड कैंसर से शरीर का रक्त दूषित होता है और इंसान बहुत ज्यादा कमजोर हो जाता है। इसमें मनुष्य के शरीर में रक्त बनने की प्रक्रिया रुक जाती है जिससे कोशिकाएँ अपना काम सही से नहीं कर पाती है। यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immune System) को कम कर देता है।
ब्लड कैंसर के प्रकार (Types of Blood Cancer in Hindi)
माइलोमा: यह कैंसर प्लाज्मा कोशिकाओं को प्रभावित करता है। यह प्लाज्मा कोशिकाएँ शरीर के अंदर हड्डी में स्थित होती है।
लिम्फोमा: यह लिम्फैटिक प्रणाली (Lymphatic System) को प्रभावित करता है। यह बीमारी शरीर की सफ़ेद रक्त कोशिकाओं को ज्यादा बनाता है।
ल्यूकेमिया: शरीर के लिए सफ़ेद रक्त कोशिकाएँ जरूरी है क्योंकि यह शरीर के रोगों से लड़ने में सहायक है।
ब्लड कैंसर के कारण (Causes of Blood Cancer in Hindi )
- शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होना
- कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली
- केमिकल्स के अधिक संपर्क में आना
- धूम्रपान करना
ब्लड कैंसर के लक्षण (Symptoms of Blood Cancer In hindi)
- त्वचा में लाल चकते पड़ना
- रात में अधिक पसीना आना
- जी मिचलाना
- बुखार आना
- थकान महसूस होना
- जोड़ों में दर्द होना
- भूख में कमी आना
ब्लड कैंसर का इलाज (Treatment of Blood Cancer in Hindi)
- कीमोथेरेपी में मरीज को दवाई या सुई दी जाती है ताकि मरीज का कैंसर का प्रभाव कम हो सकें
- रेडिएशन थेरेपी ल्यूकेमिया कोशिकाओं को नुकसान पहुँचाने व उनके विकास को रोकने के लिए किया जाता है
पॉजिटिव रहना जरूरी है (Stay Positive Always in Hindi)
कैंसर पेशंट्स के लिए पॉजिटिव रहना जरूरी है और अगर आप उनकी केयर कर रहे हैं तो आपका पॉजिटिव रहना भी जरूरी है। आपको सबसे ज्यादा इस बात का ध्यान रखना होगा कि कैंसर के मरीज कई तरह के इमोशंस से गुजरते हैं।
कई बार वह चिड़चिड़ाते है, कभी खुश रहते है तो कभी दवाई खाकर निराश हो जाते है। उनसे हमेशा पॉजिटिव रहने के लिए जोर ना डालें। उन्हें जो फील हो रहा है सुनने की कोशिश करें और हर वक्त साथ रहने का एहसास करवाएं।
कैंसर से होने वाली परेशानियाँ (Problems due to Cancer in Hindi)
अचानक वजन कम हो जाना: अगर बिना डाइटिंग (Dieting) और व्यायाम (Exercise) ना करने के बाद आपका वजन कम हो रहा है तो आपको सतर्क होने की जरुरत है क्योंकि वजन (Weight) का खुद से कम होना पेट, फेफड़े और अंडाशय में कैंसर के कुछ लक्षण दिखते है।
तेज बुखार आना: ल्यूकेमिया (Leukemia) और लिम्फोमा (Lymphoma) जैसे रक्त कैंसर शुरुआती चरण में तेज बुखार (High Fever) के जरिए संकेत देते हैं। तेज बुखार गुर्दे या पेट के कैंसर का शुरूआती संकेत भी तेज बुखार हो सकता है।
थकान होना: हम कही घूमने जाते हैं या लंबे व्यस्त सप्ताह होने के बाद थकान होना बहुत आम है। आप थोड़ा आराम करते है तो आपकी थकान खत्म हो जाती है। लेकिन चिंता की बात तब है जब आराम के बाद भी थकान खत्म ना हो। क्योंकि यह ब्लड और पेट के कैंसर का शुरूआती लक्षण है।
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दर्द होना: दर्द कैंसर के आम लक्षणों में से एक है। हड्डी और testicular cancer का कारण दर्द हो सकता है। लगातार सिरदर्द (Headache) होना मस्तिष्क ट्यूमर का संकेत हो सकता है और पीठ में दर्द ओवरी या पेट के कैंसर का लक्षण हो सकता है।
अचानक स्किन में बदलाव होना: मौसम या आहार की वजह से कई बार स्किन में अचानक बदलाव आपको नजर आ सकता है। अगर इसके पहले आपको ऐसा कभी नहीं हुआ, तो आपको सचेत होने की जरूरत है। फ्रीकल्स या मोल्स रंग या आकार में बदलते हैं, उन्हें कैंसर की जाँच करने की आवश्यकता होती है। अगर आपको स्कीन के गहरा लाल या अपकी आंखों का रंग पीला नजर आता है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
सांस फूलना: यदि सांस लेने में तकलीफ होती है तो यह भी कैंसर का संकेत है। सांस लेने की फेफड़ों के कैंसर होने के कारण हो सकता है। इसके अलावा ये स्तन, ओवरी और लिवर कैंसर की वजह से हो सकता है।
बेवजह खून बहना: असामान्य रूप से रक्त बहना हमेशा चिंता का कारण है, खांसी के साथ रक्त आना फेफड़ों के कैंसर का संकेत हो सकता है, जबकि पेशाब या मल में रक्त का मतलब कोलन, किडनी या ब्लैडर कैंसर हो सकता है। स्तन कैंसर के रोगियों में निप्पल से खून आना आम है।
खांसी की शिकायत होना: यह एक चौंकाने वाला आंकड़ा है 50% से अधिक ऐसे लोग जिन्हें खांसी की शिकायत है और जो दवा लेने के बाद भी ठीक नहीं हो रहे है तो यह फेफड़े के कैंसर की चेतावनी हो सकती है। खांसी laryngeal और थायरॉयड कैंसर से जुड़ी है।
अस्वीकरण: सलाह सहित इस लेख में सामान्य जानकारी दी गई है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है।अधिक जानकारी के लिए आज ही अपने फोन में आयु ऐप डाउनलोड कर घर बैठे विशेषज्ञ डॉक्टरों से परामर्श करें। स्वास्थ संबंधी जानकारी के लिए आप हमारे हेल्पलाइन नंबर 781-681-11-11 पर कॉल करके भी अपनी समस्या दर्ज करा सकते हैं। आयु ऐप हमेशा आपके बेहतर स्वास्थ के लिए कार्यरत है।