Navratri 2020: ऑस्टियोपोरोसिस क्या है? नवरात्रि में रखें इन बातों को ध्यान
वर्ल्ड ऑस्टियोपोरोसिस डे (World Osteoporosis Day) हर साल 20 अक्टूबर को ऑस्टियोपोरोसिस की रोकथाम, निदान और उपचार के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है। ‘ऑस्टियो’ का मतलब हड्डी व ‘पोरोसिस’ का मतलब छिद्रों से भरा हुआ। जब कई कारणों से हड्डियों में गलन की रफ्तार अधिक हो जाए तो ऑस्टियोपोरोसिस हो जाती है।
नवरात्रि में गरबा (Garba In Navratri) का चलन बहुत पुराना है, जो कभी एक लोक नृत्य (Folk Dance) हुआ करता था, लेकिन इसके लिए आज हर शहर में खास आयोजन किए जाते हैं। लोग बहुत ही उत्साह, खुशी और भक्ति के साथ गरबा खेलते है। इस साल कोरोना के चलते बड़े आयोजन तो नहीं होंगे पर लोग घर पर अपने परिवार वालों के साथ छोटा का आयोजन रखना चाहें और गरबा खेलना चाहें तो ऑस्टियोपोरोसिस, घुटने का दर्द और कमर दर्द से जुड़ी जरुरुई बातों का ध्यान जरूर रखें।
ऑस्टियोपोरोसिस के मरीज़ों को गरबा (Navratri 2020 Garba) करते समय खतरा अधिक है, क्योंकि गरबा नृत्य में काफी एनर्जी लगती है, इसके अलावा पैर में मोच आने का डर भी बना रहता है।
अब लोग गरबा के लिए डाइट टिप्स (Diet Tips For Garba) भी तलाशते हैं, क्योंकि कई घंटों तक डांस करने से आपका एनर्जी लेवल (Energy Level) डाउन होने लगती है। (व्रत में ऐसे रखें खुद को एनर्जेटिक )
ऑस्टियोपोरोसिस क्या है (What is Osteoporosis)?
बचपन में 20 साल की उम्र तक नई हड्डी बनने की रफ्तार ज्यादा होती है व पुरानी हड्डी गलने की कम होती है। इसलिए हड्डियों का घनत्व ज्यादा होता है और वह मजबूत होती हैं। तीस साल की उम्र तक आते-आते हड्डियों का गलना बढ़ने लगता है व नई हड्डी बनने की रफ्तार कम होने लगती है। यह बढ़ती उम्र की प्रक्रिया है।
‘ऑस्टियो’ का मतलब हड्डी व ‘पोरोसिस’ का मतलब छिद्रों से भरा हुआ। हड्डी एक जीवित अंग है, जीवन भर पुरानी हड्डी गलती जाती है व नई बनती जाती है। जब कई कारणों से गलन की रफ्तार अधिक हो जाए तो ऑस्टियोपोरोसिस हो जाती है। इस बीमारी में हड्डियों का घनत्व (लंबाई, मोटाई, चौड़ाई) कम हो जाता है।
कैल्शियम की कमी से हड्डियाँ कमजोर और खोखली हो जाती हैं, जिससे शरीर आगे की ओर झुकता है व मामूली चोट से हड्डियों के फ्रेक्चर की आशंका बढ़ जाती है। पुरुषों के मुकाबले स्त्रियों में यह समस्या 4 गुना ज्यादा होती है। 50 वर्ष के बाद कूल्हे एवं रीढ़ की हड्डी के फ्रेक्चर होने की आशंका 54 प्रतिशत बढ़ जाती है व 20 प्रतिशत मृत्यु दर बढ़ जाती है।
इसकी शुरुआत में छोटे-छोटे क्रेक फ्रेक्चर होने से रीढ़ की हड्डी के मन के जुड़कर ऊँचाई कम लगने लगती है। कभी-कभी शरीर आगे की ओर झुकता है। चलने की गति कम होने लगती है। बैलेंस बिगड़ने से गिरने की आशंका बढ़ जाती है। और पढ़ें- जोड़ों में दर्द के घरेलू उपाय
ऑस्टियोपोरोसिस के लक्षण (Symptoms of Osteoporosis):
अगर आपकी पीठ में लगातार दर्द रहता है, तो आपको अतिरिक्त सावधानी की जरुरत होती हैं, क्योंकि लंबे समय तक पीठ में दर्द रहना ऑस्टियोपोरोसिस का प्रमुख लक्षण है, जो आपकी कमर की हड्डी के कमजोर होने को दर्शाता है।
अगर आपकी हड्डियां हल्की टक्कर से टूट जाती हैं, यह ऑस्टियोपोरोसिस का एक लक्षण है, क्योंकि इस बीमारी में ही हड्डियां कमजोर होती हैं, जिससे वो टक्कर के असर को झेल नहीं पाती और टूट जाती है।
अगर आपकी ऊंचाई अन्य लोगों की तुलना में कम है, तो यह आपकी हड्डियों के कमजोर होने की वजह से हो सकती है, इसके साथ ही इसे भविष्य में ऑस्टियोपोरोसिस बीमारी होने के संकेत के रुप में माना जाता है।
ऑस्टियोपोरोसिस के कारण (Reasons of Osteoporosis):
हार्मोनल स्तर में बदलाव:
शरीर में कम सेक्स हार्मोंन का स्तर हड्डियों को कमजोर बनाता है। इसके अलावा महिलाओं में पीरियड्स के दौरान एस्ट्रोजन के स्तर में कमी से ऑस्टियोपोरोसिस की बीमारी और स्तन कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है जबकि पुरुषों में उम्र बढ़ने के साथ टेस्टोस्टेरोन के स्तर में धीरे-धीरे कमी आती है साथ ही प्रोस्टेट कैंसर के लिए उपचार पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन के स्तर को कम करके ऑस्टियोपोरोसिस यानि हड्डियों के नुकसान को बढ़ाता है।
थायरॉयड समस्याएं:
ऑस्टियोपोरोसिस को ओवरएक्टिव पैराथॉयराइड से जोड़ा जाता है क्योंकि इसमें थायरॉयड ज्यादा सक्रिय हो जाता है, जिसकी वजह से आपको थॉयरायइड हार्मोंन को कंट्रोल करने के लिए दवाओं का सेवन करना चाहिए। शरीर में अधिक मात्रा में थॉयराइड हार्मोन धीरे-धीरे हड्डियों को कमजोर करता है।
संतुलित भोजन ना लेना:
अगर आप बचपन से संतुलित आहार यानि पौषक तत्वों से भरपूर डाइट (कैल्शियम, प्रोटीन और विटामिन-डी) सेवन नहीं करते, ऐसे में आपको कमजोर हड्डियां, ऑस्टियोपोरोसिस की बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है। और पढ़ें- संतुलित आहार क्या है। नवरात्रि में संतुलित आहार कैसे लें? WHATS IS BALANCE DIET
ज्यादा दवाओं का सेवन करना:
अगर आप शारीरिक या मानसिक रोग के लिए लंबे समय तक इंजेक्शन या कॉर्टिकोस्टेरॉइड दवाओं का उपयोग करते हैं, तो इससे आपकी हड्डी के पुननिर्माण की प्रक्रिया को रोकने का काम करते है। ऑस्टियोपोरोसिस को रोकने के लिए उपयोग की जाने वाली दवाओं से कई नकारात्मक असर भी होते है। और पढ़ें- आप भी करते हैं पेन किलर दवाओं का इस्तेमाल तो हो जाइए सावधान!
गलत दिनचर्या:
अगर आप दिन में 2 बार से अधिक तंबाकू या शराब का सेवन करते हैं, तो इससे आपकी हड्डियों के कमजोर होने का खतरा बढ़ जाता है। इसके साथ अधिक सक्रिय होना, दौड़ना, डांस करना आपकी हड्डियों को कमजोर बनाते हैं।
अस्वीकरण: सलाह सहित इस लेख में सामान्य जानकारी दी गई है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है।अधिक जानकारी के लिए आज ही अपने फोन में आयु ऐप डाउनलोड कर घर बैठे विशेषज्ञ डॉक्टरों से परामर्श करें। स्वास्थ संबंधी जानकारी के लिए आप हमारे हेल्पलाइन नंबर 781-681-11-11 पर कॉल करके भी अपनी समस्या दर्ज करा सकते हैं। आयु ऐप हमेशा आपके बेहतर स्वास्थ के लिए कार्यरत है।
Helloo sir mere peeth me hamesa dard rahta hai nd thyroid ki shikayat v hai