World Food Day: कुपोषण से होने वाले रोग और उनका बचाव
विश्व खाद्य दिवस (World Food Day) को मनाने का मुख्य उद्देश्य दुनिया भर में खाद्य सुरक्षा को सुरक्षित और बढ़ावा देना है। विश्व खाद्य दिवस का वार्षिक उत्सव खाद्य और कृषि संगठन के महत्व को दर्शाता है।
यह दुनिया भर में सरकारों द्वारा लागू प्रभावी कृषि और खाद्य नीतियों की महत्वपूर्ण आवश्यकता के बारे में जागरूकता बढ़ाने में मदद करता है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि दुनिया भर में हर किसी के लिए पर्याप्त भोजन उपलब्ध हो।
1. बच्चों में कुपोषण की पहचान और निदान है जरूरी
एक कुपोषित बच्चे में सही समय पर कुपोषण की पहचान और सही निदान बहुत जरूरी है, ताकि कुपोषण से बच्चे पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभावों को रोका जा सके और समय रहते बेहतर इलाज किया जा सके। शरीर में पर्याप्त मात्रा में पोषक-तत्वों के स्तर को बनाए रखने के लिए संतुलित आहार लेना जरूरी है। विश्व भर में 15 करोड़ से अधिक बच्चे कुपोषण के शिकार हैं।
2. बच्चों और गर्भवती महिलाओं को पौष्टिक आहार की अधिक जरूरत
कुपोषण (Malnutrition) सभी उम्र के लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है लेकिन गर्भवती महिला और शिशु के आरम्भिक वर्षों में बेहतर पोषण अत्यधिक महत्त्वपूर्ण हो जाता है। बच्चे के मस्तिष्क और शारीरिक विकास के लिए आवश्यक है कि विटामिन (Vitamin), कैल्शियम (Calcium), आयरन, फैट और कार्बोहाइड्रेट वाले पोषक तत्वों के साथ संतुलित आहार बच्चे और माँ को दिया जाए।
जब बच्चे को आवश्यक पोषक तत्व, खनिज और कैलोरी प्राप्त नहीं होते, तब बच्चों का विकास नहीं हो पाता। कुपोषण के कारण बच्चे के शारीरिक व मानसिकता विकास में रुकावट ही नहीं बल्कि मानसिक विकलांगता, जी.आई. ट्रैक्ट संक्रमण, एनीमिया और मृत्यु भी हो सकती है।
3. शरीर में कुपोषण का बड़ा कारण
कुपोषण (Malnutrition) का एक बड़ा कारण शरीर में विटामिन ए,बी,सी,और डी की कमी के साथ-साथ, फोलेट, कैल्शियम, आयोडीन, जिंक और सेलेनियम की कमी भी है। यह पोषक तत्व प्रत्येक शरीर में महत्त्वपूर्ण अंगों के विकास और कार्य में सहायक होते हैं।
इसकी कमी से शरीर का विकास रुक जाता है, एनीमिया, मानसिक विकास अवरूद्द, थाइरॉयड की समस्या, प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होना, तंत्रिका का कमजोर होना और हड्डियों का सही विकास न होना आदि रोग हो सकते हैं। विटामिन ए की कमी से डायरिया जैसी बीमारियों का संक्रमण बढ़ जाता है।
कुपोषण के कुछ संकेतों और लक्षणों में शामिल हैः थकान, कमजोरी, चिड़चिड़ापन, खराब प्रतिरक्षा प्रणाली आदि शामिल है, सूखी और पपड़ीदार त्वचा, अवरुद्ध विकास, फूला हुआ पेट, घाव, संक्रमण और बीमारी से ठीक होने में लंबा समय लगना, मांसपेशियों का कम होना, मानसिक कार्यक्षमता में कमी और पाचन समस्याएं आदि।
कुपोषण क्या है? (What is Malnutrition)
कुपोषण (Malnutrition) वह स्थिति है जब आपके बच्चे को आवश्यक पोषक तत्व, खनिज और कैलोरी प्राप्त नहीं होती, जो पर्याप्त मात्रा में बच्चे के महत्वपूर्ण अंगों के विकास में मदद करते हैं। आपके बच्चे को रोग मुक्त और स्वस्थ जीवन जीने के लिए पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है।
पर्याप्त पोषण की कमी से, शारीरिक और व्यवहारात्मक, दोनों से संबंधित कई विकार हो सकते हैं। कुपोषित बच्चों को शारीरिक कमियों का खतरा हो सकता है जिसके परिणामस्वरूप विकास अवरुद्ध हो सकता है या कोई रोग हो सकता है।
बच्चों में कुपोषण के प्रकार (Types of Malnutrition in Children):
कुपोषण (Malnutrition) ना केवल पोषक तत्वों की कमी के कारण होता है, बल्कि इसके अत्यधिक सेवन के कारण भी होता है और इसलिए बच्चे को पोषित और स्वस्थ रखने के लिए संतुलित आहार बहुत जरूरी है।
कम वजन होना– (weight loss)
यह एक ऐसी स्थिति है जहाँ वेस्टिंग या स्टंटिंग या दोनों के कारण बच्चे का उसकी उम्र के अनुसार वजन / लंबाई नहीं बढ़ता। कुपोषण (Malnutrition) के इस प्रकार को असफल विकास कुपोषण के रूप में जाना जाता है। यदि बच्चे के पोषण की जरूरतों में सुधार किया जाए, तो बच्चे में वजन संबंधी कमियों को ठीक किया जा सकता है, पर बच्चे की लंबाई में आई कमियों को सही करना मुश्किल होता है।
स्टंटिंग– Stunting
बच्चे में स्टंटिंग की स्थिति जन्म से पहले गर्भावस्था के दौरान माँ के खराब स्वास्थ्य के कारण शुरू होती है, जिससे बच्चे में असामान्य और अनुपातहीन वृद्धि होती है, यह दीर्घकालिक कुपोषण के रूप में जाना जाता है। स्टंटिंग लंबे समय तक होने वाली प्रक्रिया है और इसीलिए लंबे समय तक इसके परिणाम दिखाई देते हैं।
बच्चे में स्टंटिंग होने के पीछे मुख्य कारण खराब स्तनपान, शरीर में पोषक तत्वों की अपर्याप्त आपूर्ति और निरंतर संक्रमण होना आदि है। स्टंटिंग बच्चे के लिए खतरनाक है, क्योंकि एक विशेष उम्र के बाद इसे ठीक नहीं किया जा सकता। इसलिए गर्भवती महिलाओं के लिए गर्भावस्था के दौरान उचित स्वास्थ्य और जन्म के बाद बच्चे की व्यापक देखभाल सुनिश्चित करना बहुत महत्वपूर्ण होता है।
माइक्रोन्यूट्रिएंट की कमी–
पोषक तत्वों की कमी या कुपोषण, शरीर में विटामिन ‘ए’, ‘बी’, ‘सी’ और ‘डी’ जैसे आवश्यक विटामिनों की कमी के साथ-साथ, फोलेट, कैल्शियम, आयोडीन, जिंक और सेलेनियम की कमी को दर्शाता है। सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी शरीर में इन पोषक तत्वों की लंबे समय तक कमी के कारण होती है।
इन पोषक तत्वों में से प्रत्येक शरीर में महत्वपूर्ण अंगों के विकास और कार्य में सहायता करता है और इसकी कमी से अपर्याप्त विकास और एनीमिया, अपर्याप्त मस्तिष्क विकास, थायरॉयड की समस्या, रिकेट्स, इम्युनिटी कमजोर होना, नजर कमजोर होना और हड्डियों के अपर्याप्त विकास आदि जैसे रोग हो सकते हैं।
अस्वीकरण: सलाह सहित इस लेख में सामान्य जानकारी दी गई है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है।अधिक जानकारी के लिए आज ही अपने फोन में आयु ऐप डाउनलोड कर घर बैठे विशेषज्ञ डॉक्टरों से परामर्श करें। स्वास्थ संबंधी जानकारी के लिए आप हमारे हेल्पलाइन नंबर 781-681-11-11 पर कॉल करके भी अपनी समस्या दर्ज करा सकते हैं। आयु ऐप हमेशा आपके बेहतर स्वास्थ के लिए कार्यरत है।