World First Aid Day: फर्स्ट ऐड का इस्तेमाल कब करें
वर्ल्ड फर्स्ट ऐड डे (World First Aid Day) हर साल लोगों को फर्स्ट ऐड के बारे में जागरूक करने के लिए मनाया जाता है। हर किसी को फर्स्ट ऐड की अहमियत पता होनी चाहिए। यह इस साल 12 सितम्बर को मनाया जायेगा। अक्सर सड़क दुर्घटना में लोगों को प्राथमिक उपचार नहीं मिल पाता है। जिससे कई बार लोग मर जाते है। घर पर भी किसी भी तरह की दुर्घटना होने पर आप फर्स्ट ऐड का इस्तेमाल कर सकते है।
हर कोई यह नहीं जानता कि फर्स्ट ऐड क्या है, फर्स्ट ऐड बॉक्स में किन चीजों को रखें , जिसकी मदद से आप दूसरों को तत्काल प्राथमिक उपचार देकर उन्हें हॉस्पिटल पहुँचा सकते है। आइये जानते है इन्हीं सब चीज़ों के बारे में।
प्राथमिक चिकित्सा क्या है(World First Aid Day)?
किसी रोग के होने या चोट लगने पर किसी व्यक्ति द्वारा उस व्यक्ति को हॉस्पिटल पहुँचाने से पहले दिया गया उपचार को प्राथमिक चिकित्सा (First Aid) कहते हैं। इसका मकसद कम से कम साधनों में इतनी व्यवस्था करना होता है कि चोटग्रस्त व्यक्ति को उचित उपचार मिलने से पहले कम से कम नुकसान हो। कभी-कभी यह जीवन भी बचा सकता है।
प्राथमिक चिकित्सा कब दें(World First Aid Day)?
प्राथमिक चिकित्सा कुछ इमरजेंसी अवस्था में दी जा सकती है जैसे दम घुटना (पानी में डूबने के कारण, फांसी लगने के कारण या साँस नली में बाहरी चीज अटक जाने के कारण), ह्रदय गति रूकना, हार्ट अटैक, खून बहना, शरीर में जहर का असर होना, जल जाना, हीट स्ट्रोक(अत्यधिक गर्मी के कारण शरीर में पानी की कमी), बेहोश या कोमा, मोच, हड्डी टूटना और किसी जानवर के काटने पर।
प्राथमिक चिकित्सा के उपयोग(World First Aid Day):
- घायल व्यक्ति की जान बचाना
- बिगड़ी हालत से बाहर निकालना
- तबियत के सुधार में बढ़ावा देना
प्राथमिक चिकित्सा के दौरान क्या करें?
- सांस की जाँच करें
- चोट लगने पर रक्तस्राव को रोकें
- घायल व्यक्ति को सदमा लगने पर समझाए
- व्यक्ति को होश में लाए
- टूटी हुई हड्डी को सीधा करने में मदद करें
- हड्डी में दर्द कम करने की कोशिश करें
- घायल व्यक्ति को जल्दी से जल्दी अस्पताल पहुँचाए
प्राथमिक उपचार के तत्व:
- रोगी में श्वास, नाड़ी इत्यादि जीवनचिन्ह ना मिलने पर उसे तब तक मृत ना समझें जब तक डॉक्टर ना कह दें।
- रोगी को तत्काल चोट लगने की वजह से दूर करें।
- ज्यादा रक्तस्राव वाली जगहों का पहले उपचार करें।
- श्वासमार्ग की बाधाएँ दूर करके शुद्ध वायुसंचार की व्यवस्था करें।
- हर घटना के बाद रोगी का स्तब्धता दूर करने के लिए गर्मी पहुँचाए। इसके लिए कंबल, कोट, तथा गर्म पानी की बोतल का इस्तेमाल करें।
- घायल को आराम मिलने वाली स्थिति में रखें।
- हड्डी टूटी होने पर उस जगह को ना हिलाएँ।
- शरीर के कपड़े ढीले कर दें।
- रोगी खाने योग्य हो जाने पर उत्तेजक पदार्थ पिलाएँ। होश में लाने के लिए स्मेलिंग साल्ट (smelling salt) सुँघाए।
- प्राथमिक उपचार को डॉक्टर के काम में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए, बल्कि उसके सहायक के रूप में कार्य करें।
फर्स्ट ऐड बॉक्स में किन चीज़ों को रखें:
- बैंडेज और डेटोल
- डॉक्टर टेप
- कॉटन और कैंची
- एंटीसेप्टिक क्रीम
- थर्मामीटर
- पेनकिलर
- क्रोसिन, कोम्बिफ्लैम
- एंटी-एलर्जिक दवा
- जैल, क्रीम, पाउडर
- मसल्स क्रीम और स्प्रे
- ईनो
रोग या घाव संबंधी बातें:
- रोगी की स्थिति: इसमें रोगी की दशा और स्थिति देखें।
- चिन्ह, लक्षण: घायल के शरीरगत चिन्ह, जैसे सूजन, रक्तसंचय इत्यादि प्राथमिक उपचार को अपनी ज्ञानेंद्रियों से पहचानना तथा लक्षण, जैसे पीड़ा, प्यास इत्यादि पर ध्यान दें। यदि घायल व्यक्ति होश में हो तो रोग और उससे, या आसपास के लोगों से, पूछना चाहिए।
- कारण : यदि कारण का बोध हो जाए तो उसके फल का बहुत कुछ बोध हो सकता है, परंतु स्मरण रहे कि एक कारण से दो स्थानों पर चोट, अर्थात् दो फल हो सकते हैं, अथवा एक कारण से या तो स्पष्ट फल हो, या कोई दूसरा फल, जिसका संबंध उस कारण से ना हो, हो सकता है। कभी-कभी कारण बाद तक अपना काम करता है, जैसे गले में फंदा इत्यादि।
अस्वीकरण: सलाह सहित इस लेख में सामान्य जानकारी दी गई है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है।अधिक जानकारी के लिए आज ही अपने फोन में आयु ऐप डाउनलोड कर घर बैठे विशेषज्ञ डॉक्टरों से परामर्श करें। स्वास्थ संबंधी जानकारी के लिए आप हमारे हेल्पलाइन नंबर 781-681-11-11 पर कॉल करके भी अपनी समस्या दर्ज करा सकते हैं। आयु ऐप हमेशा आपके बेहतर स्वास्थ के लिए कार्यरत है।