World Contraception Day: गर्भनिरोधक गोलियों के इस्तेमाल से होने वाले नुकसान और फायदे
World Contraception Day यानि विश्व गर्भनिरोधक दिवस हर साल 26 सितंबर को मनाया जाता है।
जिस तेजी से जनसंख्या बढ़ रही है उसी ओर लोगों का ध्यान आकर्षित करने के लिए वर्ल्ड कॉन्ट्रासेप्शन डे (World Contraception Day) मनाया जाता है।
अनियोजित प्रेग्नेंसी का दोनों पार्टनर के जीवन पर गहरा असर पड़ता है। इसलिए यह बेहद जरूरी है कि सेक्स के दौरान प्रोटेक्शन के तौर पर कॉन्ट्रासेप्टिव का इस्तेमाल करें। सेक्स जीवन का संतोष से भरपूर अनुभव है जिसमें मस्ती और आनंद दोनों है लेकिन यह अगर किसी तरह के प्रोटेक्शन के बिना किया जाए तो सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज होने का खतरा रहता है और अनप्लैन्ड प्रेग्नेंसी का भी कारण हो सकता है।
भारत ही नहीं दुनिया के कई देशों में गर्भ निरोधक के प्रति लोगों को यौन जागरूकता और युवा पीढ़ी को इसके बारे में सही जानकारी देने वाले कार्यक्रम किए जाते है।
जानें क्या हैं सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज और इनसे कैसे बचें।
1. कितना खतरनाक है गर्भनिरोधक दवाओं का इस्तेमाल
- मेन्स्ट्रुअल स्पॉटिंग
- जी मिचलाना, उल्टी आना
- सिरदर्द और माइग्रेन
- वजन बढ़ना
- पीरियड्स मिस हो जाना
- सेक्स की इच्छा में कमी
2. आपातकालीन गर्भनिरोधनक गोलियों का नुकसान
स्त्रीरोग विशेषज्ञ के मुताबिक, जब गर्भनिरोधक की बात आती है तो आपको इस गोली का सेवन तभी करना चाहिए जब आपके पास कोई और रास्ता नहीं है क्योंकि इन गोलियों का नियमित सेवन हार्मोनल असंतुलन का कारण बनता है।
ये 25-45 आयु वर्ग की महिलाओं के द्वारा लेना सबसे उपयुक्त हैं। यह टीनेजर्स के लिए उपयुक्त नहीं हैं क्योंकि यह प्रजनन प्रणाली के विकास को बाधित कर सकती हैं। युवा लड़कियों, जिनके हार्मोन का स्तर अभी तक स्थिर नहीं हुआ है, उनको पॉलिसिस्टिक ओवरी डिजीज, एंडोमेट्रियोसिस जैसी कंडीशन्स और एक्टोपिक प्रेगनेंसी के विकास का अधिक जोखिम रहता है।
ये गोलियां हार्मोनल असंतुलन, अनियमित माहवारी (irregular periods) के कारण बांझपन (इनफर्टिलिटी), असंतुलित वजन, कामेच्छा में कमी, त्वचा की एलर्जी जैसी समस्याओं को जन्म दे सकती हैं।
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3. गर्भनिरोधक गोलियों के उपयोग, फायदे और नुकसान – Contraceptive Pills Uses, Benefits and Side Effects in Hindi
गर्भनिरोधक गोली (Contraceptive Pills) में प्रोजेस्टिन लेवोनोरगेस्ट्रेल (Levonorgestrel) शामिल होता है, जो सिंथेटिक हार्मोन हैं। ये या तो ओवरी से अण्डे के बाहर आने को रोकने या उसमें देरी करने या फर्टिलाइजेशन प्रक्रिया (महिला के अंडाशय से अंडे का पुरुषों के शुक्राणुओं से निषेचन) को रोकने या गर्भाशय की संरचना को बदलकर निषेचित अंडे को महिला के गर्भाशय में रखे जाने से रोकने के द्वारा कार्य करते हैं।
डॉक्टरों के मुताबिक, यह गोली असुरक्षित यौन संबंध के 72 घंटों के अंदर ली जानी चाहिए।
4. वर्ल्ड कॉन्ट्रासेप्शन डे (World Contraception Day) पर डबल्यूसीडी की रिपोर्ट का खुलासा:
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (डबल्यूसीडी) की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के 21 राज्यों में 94.5 फीसदी विवाहित महिलाओं को गर्भ निरोधक के उपायों और उसके इस्तेमाल किए जाने वाले साधनों के बारे में जानकारी है लेकिन जानकारी होने के बावजूद 50 फीसदी महिलाऐं ही इस संसाधनों का इस्तेमाल कर रही हैं। इसके अलावा 44 फीसदी महिलाऐं ऐसी भी है जो शादीशुदा है और उन्हें इसके बारे में पता है। लेकिन फिर भी वो इन उपायों को नहीं अपनाती।
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