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Elephantiasis: फाइलेरिया के लक्षण, कारक और उपचार

Elephantiasis: फाइलेरिया के लक्षण, कारक और उपचार

फाइलेरिया ऐसी बीमारी है जो जान तो नहीं लेती है, लेकिन जिंदा इंसान को मृत के समान बना देती है. फाइलेरिया एलीफेंटिटिस यानि श्लीपद ज्वर एक परजीवी के कारण फैलती है जो कि मच्छर के काटने से शरीर के अंदर प्रवेश करता है. इस बीमारी की शुरुआत में इंसान के पैर, स्तन, हाथ, मुंह सूज जाते हैं. इस बीमारी को हाथी पांव के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि फाइलेरिया में पैर हाथी के पांव की तरह मोटा हो जाता है. अगर समय पर फाइलेरिया की पहचान कर ली जाए, तो इसका इलाज हो सकता है.

फाइलेरिया के कारक

  • आमतौर पर क्यूलैक्स मच्छर को फाइलेरिया का कारक माना जाता है.
  • यह कृमिवाली बीमारी है जिसमें कृमि शरीर के लसिका तंत्र की नलियों में होते हैं और इन नलियों को बंद कर देते हैं.
  • इसके संक्रमण से लसिका अपना काम करना बंद कर देते हैं.
  • ये कृमि बहुत छोटे आकार के होते हैं जो क्यूलैक्स मच्छर के काटने से शरीर में प्रवेश करते हैं.
  • यह व्यस्क कृमि में लाखों की संख्या में छोटी-छोटी कृमि पैदा करने की क्षमता होती है.
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फाइलेरिया के लक्षण

  • इंफेक्शन होने के कुछ सालों बाद फाइलेरिया के लक्षण नजर आते हैं.
  • इस बीमारी के कारण गुप्तांग और जांघों के बीच गिल्टी हो जाती है.
  • इस बीमारी में एक या दोनों पैर फूल जाते है.
  • इस बीमारी में गले में सूजन आ जाता है.
  • इस बीमारी की वजह से स्तनों में सूजन आ जाता है.
  • इस बीमारी के कारण पैरों व हाथों की लसिका वाहिकाएं लाल हो जाती हैं.
  • इस बीमारी में पुरूषों के अंडकोष संक्रमित होकर फूल जाते हैं।

फाइलेरिया के घरेलू उपचार

लौंग

काले अखरोट का तेल

  • काले अखरोट के तेल को एक कप गर्म पानी में तीन से चार बूंदे डालकर पिएं.
  • इस मिश्रण को दिन में दो बार पिया जा सकता है.
  • अखरोट के अंदर मौजूद गुणों से खून में मौजूद कीड़ों की संख्या कम होने लगती है.

आंवला

  • आंवला में विटामिन सी प्रचुर मात्रा में होता है.
  • इसमें एन्थेलमिंथिंक भी होता है जो कि घाव को जल्दी भरने में बेहद लाभप्रद है.
  • आंवला को रोज खाने से इंफेक्शन दूर रहता है.

ब्राह्मी

  • ब्राह्मी पुराने समय से ही बहुत सी बीमारियों के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाती है.
  • फाइलेरिया के इलाज के लिए ब्राह्मी को पीसकर उसका लेप लगाया जाता है.
  • रोजाना ऐसा करने से रोगी सूजन कम हो जाती है.

अदरक

  • फाइलेरिया से निजात के लिए सूखे अदरक का पाउडर या सोंठ का रोज गरम पानी से सेवन करें.
  • इसके सेवन से शरीर में मौजूद परजीवी नष्ट होते हैं.
  • मरीज को जल्दी ठीक होने में मदद मिलती है.

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फाइलेरिया में क्या करना चाहिए?

  • अपने पैर को साधारण साबुन व साफ पानी से रोज धोएं.
  • एक मुलायम और साफ कपड़े से अपने पैर को पोछें.
  • पैर की सफाई करते समय ब्रश का प्रयोग न करें, इसे पैरों पर घाव हो सकते हैं.
  • जितना हो सके अपने पैर को आरामदायक स्थिति में उठाए रखें.
  • जितना हो सके व्यायाम करें, कहीं भी, कभी भी.

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