महिलाओं में PCOS की समस्या, जानें क्या है ये? PCOS problem kya hai in hindi

PCOS यानि पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (Polycystic ovary syndrome)। यह एक तरह की मेडिकल परिस्थिति है जिससे लगभग हिंदुस्तान में 10 में से एक औरत परेशान होती है।
PCOS में होने वाली परेशानियाँ: PCOS problem kya hai
- दो-दो, तीन-तीन महीने तक पीरियड्स ना आना
- चेहरे पर बाल आना
- सिर पर बड़े-बड़े दाने आना
- दवाई लेने पर कुछ महीने तक ठीक रहना
- PCOS की वजह से वज़न का बढ़ना
- छोटी-छोटी चीज़ों से इरिटेशन होना
आइये जानते है PCOS से जुडी कुछ जानकारियाँ।| Click – 👇

PCOS क्या है (What is PCOS):
PCOS एक तरह की ओवरी का नाम है। ओवरी का काम अंडो को बनाने का है। नार्मल पीरियड साइकल 28 दिनों का होता है। इसमें ओवरी में अंडा बनने के बाद बाहर निकलता है और इन्हें शरीर से बाहर निकालने के लिए पीरियड्स होते है।
लेकिन अगर एक अंडे की जगह बहुत सारे अंडे बनने लग जाए तो अंडा अच्छे से विकसित नहीं हो पाता। और यही अंडर डेवलप्ड अंडो को सिस्ट के नाम से जाना जाता है। इस वजह से होने वाली कंडीशन को ही पॉलिसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम कहते हैं यानि ओवरी में बहुत सारे सिस्ट बनने वाली बीमारी।
PCOS से क्या होता है?
अंडा बनाने के दौरान ओवरी एस्ट्रोजन नाम का हॉर्मोन बनाती है। ओवरी से बाहर अंडा निकल जाने के बाद प्रोजेस्टेरॉन नाम का हॉर्मोन बनाता है। रेगुलर पीरियड आने के लिए इन दोनों हॉर्मोन्स की मात्रा में संतुलन होना चाहिए। लेकिन PCOS में बहुत सारे अंडे बनते हैं जिस वजह से एस्ट्रोजन ज्यादा बनता है। लेकिन यह ओवरी से बाहर नहीं निकल पाते जिससे प्रोजेस्टेरॉन नहीं बन पाता यानि दोनों हॉर्मोन्स का बैलेंस बिगड़ जाता है। जिससे:
- एस्ट्रोजन बढ़ने से वज़न बढ़ने लगता है।
- प्रोजेस्टेरॉन रिलीज़ नहीं होने के चलते पीरियड रेगुलर नहीं आते।
- पीरियड रेगुलर नहीं होंगे तो प्रेग्नेंसी में परेशानियाँ हो सकती हैं।
- टेस्टेस्टेरॉन एक हॉर्मोन है जिसकी थोड़ी मात्रा हर औरत में होती है। लेकिन पीरियड में अनियमितता रहती है तो टेस्टेस्टेरॉन की मात्रा भी बढ़ जाती है, इससे चेहरे पर बाल आते हैं। सिर के बाल झड़ने लगते हैं।
PCOS होता क्यों है?
- जब किसी को हाइपो थायरॉइड होता है, यानि शरीर में थायरॉइड हॉर्मोन की मात्रा कम हो जाना। इससे ओवरी ठीक से फंक्शन नहीं कर पाती है।
- अगर इंसुलिन की मात्रा ज़्यादा या कम रहती है तो ओवरी पर असर पड़ता है।
- हमारी किडनी के ऊपर एक एड्रेनल ग्लैंड होता है। जिसका काम टेस्टेस्टेरॉन हॉर्मोन बनाना होता है। अगर यह हॉर्मोन ज्यादा बनने लग जाए तो ओवरी का काम प्रभावित करता है।
- हमारे ब्रेन में पिट्यूटरी नाम का ग्लैंड होता है। इस ग्लैंड से प्रोलैक्टिन हॉर्मोन निकलता है। स्ट्रेस या ट्यूमर की वजह से प्रोलैक्टिन हॉर्मोन की मात्रा बढ़ जाती है। इस वजह से ओवरी ठीक से फंक्शन नहीं कर पाती।
- जेनेटिक कारण।
- लाइफस्टाइल की दिक्कतें जैसे जंक फूड खाना। एक्सरसाइज़ ना करना, बहुत स्ट्रेस लेना।
PCOS का पता कैसे चलता है? How to know PCOS in hindi
- पीरियड्स की दिक्कत होने पर सोनोग्राफी की जाती हैं। इससे ओवरी की साइज का पता चलता है। साइज़ बढ़ा होने पर डॉक्टर हॉर्मोन टेस्ट करवाने के लिए कहते हैं।
- हॉर्मोन टेस्ट के लिए ब्लड का सैम्पल लिया जाता है। इसमें टेस्टेस्टेरॉन, प्रोजेस्टेरॉन लेवल्स चेक किए जाते हैं। लेवल ऊपर नीचे आने पर हॉर्मोनल ट्रीटमेंट किया जाता है।
PCOS का इलाज क्या है? Treatment of PCOS in hindi
- इसमें डॉक्टर या तो प्रोजेस्टेरॉन सप्लीमेंट देते हैं ताकि एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरॉन का संतुलन सही हो सकें या गर्भ निरोधक गोलियों के अलग-अलग डोज दिए जाते हैं। यह दवाए एक पूरे साइकल के हिसाब से आती हैं।इससे पीरियड रेगुलर होता है।
- पीसीओएस से निपटने का दूसरा और लॉन्ग टर्म बेनिफिट है लाइफस्टाइल में बदलाव करें। इसमें डॉक्टर एक्सरसाइज़ करने और हेल्दी खाना खाने की सलाह देते हैं।
- थायरॉइड या इंसुलिन रेजिस्टेंस को दवाओं से ठीक किया जाता है।
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PCOS में फॉलो करें ये डाइट: PCOS Diet in hindi
PCOS में आपको अपने खाने-पीने का ख्याल रखना चाहिए।
- प्रोटीन और फाइबर अपनी डाइट में ज़्यादा करें
- ऐसा दूध जिसमें एंटी बायोटिक या ग्रोथ हॉर्मोन मिला हो वो कभी ना लें
- अपनी डाइट में रागी, ज्वार, बाजरा लें
- केला, आम ज़्यादा ना खाएं
अस्वीकरण: सलाह सहित इस लेख में सामान्य जानकारी दी गई है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है।अधिक जानकारी के लिए आज ही अपने फोन में आयु ऐप डाउनलोड कर घर बैठे विशेषज्ञ डॉक्टरों से परामर्श करें। स्वास्थ संबंधी जानकारी के लिए आप हमारे हेल्पलाइन नंबर 781-681-11-11 पर कॉल करके भी अपनी समस्या दर्ज करा सकते हैं। आयु ऐप हमेशा आपके बेहतर स्वास्थ के लिए कार्यरत है।