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लासा फीवर क्या है, इसके लक्षण और इलाज

लासा फीवर क्या है, इसके लक्षण और इलाज

लासा फीवर, लासा नामक वायरस के कारण होता है जो चूहों के माध्यम से होती है। इसके गंभीर मामले कई बार जानलेवा हो सकते हैं। आमतौर पर संक्रमित मास्टोमिस चूहों के मूत्र या मल से दूषित भोजन या घरेलू वस्तुओं के संपर्क में आने से लासा वायरस इंसानों तक पहुँचता है। यह एक रक्तस्रावी वायरस है, जिसका मतलब है कि यह इंसानों में रक्तस्राव का कारण बन सकता है। हालांकि, वायरस से संक्रमित 10 में से 8 लोगों में कोई लक्षण दिखाई नहीं देते।

लासा फीवर के लक्षण:

लासा फीवर के 80 फीसदी मामलों में लक्षण नजर नहीं आते। लेकिन रोगी को सामान्य अस्वस्थता, सिरदर्द और हल्का बुखार हो सकता है।

  • मसूड़ों, नाक, आँख या अन्य ​हिस्सों से खून आना
  • सांस लेने में तकलीफ होना
  • खांसी होना
  • खून के साथ उल्टी और दस्त होना
  • हेपेटाइटिस
  • चेहरे पर सूजन
  • हाई या लो बीपी की शिकायत होना

लासा फीवर के कारण:

लासा वायरस मुख्यतः चूहों के माध्यम से फैलता है। एक बार चूहे के संक्रमित होने के बाद उसके मल और मूत्र के माध्यम से वायरस दूसरों तक पहुँचता है। चूहे के मल और मूत्र के संपर्क में आने वाली वस्तुओं के प्रयोग के जरिए यह वायरस इंसानों को संक्रमित कर सकता हैं।

शरीर में कट या खुले घावों के माध्यम से भी वायरस शरीर में प्रवेश करते हैं। कई बार चूहे घरों में खाद्य पदार्थों को दूषित कर देते हैं। उन पदार्थों के सेवन से संक्रमण फैलने का खतरा रहता है।

यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे में भी रक्त और ऊतकों के माध्यम से फैल सकता है। यह एक-दूसरे को छूने से नहीं फैलता। इसके अलावा संक्रमित व्यक्ति में इस्तेमाल की गई सूई को दूसरे किसी व्यक्ति पर प्रयोग लाने पर वायरस फैल सकता है। यौन संबंधों के माध्यम से फैलने की पुष्टि होती हैं। 

जिन अस्पतालों में लासा फीवर के रोगियों का इलाज होता है, अगर वहां साफ-सफाई की कमी है और एक दूसरे के सामानों को प्रयोग में लाया जाता है तो रोगी के माध्यम से वायरस, अस्पताल के दूसरे कर्मचारियों को भी संक्रमित कर सकता है।

लासा फीवर में संक्रमण का अनुमानित असर छह दिनों से तीन सप्ताह तक रह सकता है। अधिकांश लोगों में हल्के या कोई लक्षण नहीं होते।

लासा फीवर से बचाव के तरीके:

वायरस का संक्रमण चूहों के माध्यम से होता है। चूहों की आबादी को रोकने के लिए सामुदायिक स्वच्छता बहुत आवश्यक है। इसके अलावा कुछ बातों का पालन करके भी लासा वायरस के संक्रमण से खुद को सुरक्षित रखा जा सकता है।

  • नियमित रूप से हाथ धोना
  • खाद्य पदार्थों को कंटेनर अथवा ऐसे डिब्बों में रखें, जिससे वह चूहों के संपर्क में ना आ पाएँ।
  • घर में कचरा इकट्ठा ना करें
  • घर में पालतू बिल्लियां रखें
  • बीमार रिश्तेदारों की देखभाल के दौरान रक्त और अन्य शारीरिक तरल पदार्थों से बचें
  • रोगी की देखभाल करते हुए पीपीई किट जैसे सुरक्षात्मक उपायों को प्रयोग में लाएं

लासा फीवर का निदान:

लासा फीवर के लक्षणों की पहचान कर पाना ​कठिन है। इबोला वायरस, मलेरिया और टाइफाइड सहित अन्य वायरल रक्तस्रावी के बुखार के तरह ही लक्षण दिखते है। प्रयोगशालाओं में परीक्षण के आधार पर लासा फीवर का निदान किया जा सकता है। क्योंकि वायरस के निदान के लिए जिन नमूनों का परीक्षण किया जाता है, उनकी रखरखाव भी अन्य लोगों के लिए खतरनाक हो सकती है।

सामान्य रूप से एलिसा के माध्यम से लासा फीवर का निदान करता है। इसके माध्यम से आईजीएम और आईजीजी एंटीबॉडी के साथ लासा एंटीजन का पता लगाया जा सकता है। बीमारी के शुरुआती चरणों में रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन-पोलीमरेज़ चेन रिएक्शन का इस्तेमाल करके भी इसका निदान हो सकता है।

लासा फीवर का इलाज:

लासा फीवर के लक्षणों का पता अगर शुरुआती चरणों में लग जाए तो इलाज के माध्यम से नियंत्रित करके इंसान की जान बचा सकते है। एंटीवायरल ड्रग का उपयोग किया जा सकता है। यह दवा लासा वायरस से लड़ने में उपयोगी है, इलाज के अन्य माध्यमों में बीमारी के लक्षणों को कम करने का प्रयास किया जाता है। इसके लिए शरीर में द्रव के स्तर को नियंत्रित रखने, ऑक्सीजन की आवश्यकताओं की पूर्ति और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने का प्रयास किया जाता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ के एक रिपोर्ट के मुताबिक वर्तमान में लासा बुखार से बचाव के लिए कोई लाइसेंस प्राप्त टीका नहीं है, लेकिन कई संभावित टीकों पर काम जारी है। लासा फीवर के इलाज के रूप में लाइसेंस प्राप्त नहीं होने के बावजूद एंटीवायरल ड्रग रिबाविरिन को कई देशों में प्रयोग किया जा रहा है।

अस्वीकरण: सलाह सहित इस लेख में सामान्य जानकारी दी गई है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है।अधिक जानकारी के लिए आज ही अपने फोन में आयु ऐप डाउनलोड कर घर बैठे विशेषज्ञ  डॉक्टरों से परामर्श करें। स्वास्थ संबंधी जानकारी के लिए आप हमारे हेल्पलाइन नंबर 781-681-11-11 पर कॉल करके भी अपनी समस्या दर्ज करा सकते हैं। आयु ऐप हमेशा आपके बेहतर स्वास्थ के लिए कार्यरत है।

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