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पीलिया क्या है, पीलिया के कारण, लक्षण और बचाव के उपाय

पीलिया क्या है, पीलिया के कारण, लक्षण और बचाव के उपाय

पीलिया को जॉन्ड‍िस भी कहा जाता है। इस रोग का प्रमुख कारण पाचन तंत्र का कमजोर हो जाना है। पीलिया में त्वचा पीली पड़ जाती है और आंखें सफेद होने लगती हैं। नवजात बच्चे अक्सर पीलिया की चपेट में आ जाते हैं। ऐसे में बच्चों का खास ख्याल रखने की जरूरत है।

अगर शरीर पीला पड़ रहा है तो ये पीलिया का लक्षण हो सकता है। हालांकि, बच्चों में पीलिया होने पर चिंता की कोई बात नहीं है। लेकिन अगर बड़े इस बीमारी की चपेट में आ जाएं तो परेशानी बढ़ जाती है। इसे ठीक होने में भी लंबा वक्त लग जाता है। पीलिया किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है, जैसे कि यकृत रोग, इसलिए तत्काल चिकित्सक से परामर्श लेनी चाहिए। 

क्यों होता है पीलिया ?

जब शरीर में रेड ब्लड सेल्स एक तय अंतराल, यानी 120 दिन में टूटते हैं तो बिलिरुबिन नाम का एक बाई-प्रॉडक्ट बनता है। ये पदार्थ पहले, लीवर में जाता है और फिर धीरे-धीरे मल-मूत्र के साथ शरीर से निकल जाता है। लेकिन, अगर किसी कारण से रेड ब्लड सेल्स 120 दिनों से पहले टूट जाते हैं तो लीवर में बिलिरुबिन की मात्रा बढ़ जाती है। इसी से पीलिया होता है।

पीलिया में क्‍या खायें और क्‍या नहीं👇

👉पीलिया एक ऐसा रोग है जो हेपेटाइटिस ‘ए’ या हेपेटाइटिस ‘सी’ वायरस के कारण फैलता है। पीलिया शरीर के अनेक भागों को अपना शिकार बनाता है और शरीर को बहुत हानि पहुंचाता है। 

इस रोग में पाचन तंत्र सही ढंग से काम नहीं करता है और शरीर का रंग पीला पड़ जाता है। इस रोग से बचने के लिए रोगी अनेक तरह के उपचार और एंटी बायोटिक का सहारा लेता है। 

लक्षण

अगर इनमें से कोई भी लक्षण परेशान करे तो तुरंत किसी डॉक्टर से संपर्क करें और जॉन्डिस का टेस्ट करवाएं।

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पीलिया से बचने के लिए जरूरी सावधानियां –

खाना बनाने, परोसने, खाने के पहले, बाद में और शौच जाने के बाद हाथ साबुन से अच्छी तरह धोना चाहिए। 

2  भोजन अलमारी में या ढक्कन से ढंककर रखना चाहिए, ताकि मक्खियों व धूल से बचाया जा सके। 

3  ताजा व शुद्ध गर्म भोजन करें। दूध व पानी उबालकर काम में लें। 

4  पीने के लिए पानी नल, हैंडपंप या आदर्श कुओं से ही लें। नगरीय निकायों द्वारा शुद्ध किया पानी भी ठीक है।

5  गंदे, सड़े, गले व कटे हुए फल नहीं खाएं। धूल में पड़ी या खुले हुए बाजार के पदार्थ न खाएं।  स्वच्छ शौचालय का प्रयोग करें। 

6  रोगी बच्चों की नियमित डॉक्टर से जांच कराएं। जब तक वे पूरी तरह स्वस्थ न हो जाएं उन्हें स्कूल या अन्य सार्वजनिक स्थानों पर न जाने दें। 

7  इंजेक्शन लगाते समय सिरिन्ज व नीडिल को 20 मिनट तक उबाल लें या डिस्पोजेबल सिरिंज का उपयोग करें।

पीलिया में इन पदार्थो का सेवन करने से लाभ मिलता है

👉नारियल पानी

👉गन्ने का जूस

👉नींबू पानी

👉दही और छाछ

👉हरी सब्जियां

👉मूली का जूस

👉पपीता

👉टमाटर का जूस

👉तरबूज

👉आंवला

पीलिया से बचाव के उपाय

-इससे बचने का सबसे अच्छा उपाय है- टीकाकरण।

-चूंकि पीलिया में लीवर पर असर पड़ता है, इसलिए ऐल्कॉहॉल का सेवन कम से कम मात्रा में करना चाहिए।

-खुले में रखे खाने खासतौर पर स्ट्रीट फूड और गंदे पानी के सेवन से जॉन्डिस का खतरा रहता है। इसलिए इनसे बचें।

-ताजा खाना खाएं और उबला हुआ पानी पिएं।

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dr nand kishore verma
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