क्या होता है कैंसर, जानें इसके प्रकार और बचाव
इंडिया में ज्यादातर लोगों में आज भी कैंसर को लेकर काफी ज्यादा भ्रम है. इसका कारण यह भी है कि कैसर होने के बाद इस बीमारी के बारे में ज्यादातर लोगों को पता चलता है कि उन्हें कैंसर है.. इसके शुरुआती लक्षणों के बारे में बहुत ही कम लोगों को मालूम होता है. आज मेडकॉडस आपको कैंसर से जुड़ी सभी जानकारियां उपलब्ध कराएगा, जिससे आप इस बीमारी की शुरुआती दौर में ही पहचना कर सके.
पहले आप कैंसर को जान लें
शरीर कई प्रकार कि कोशिकाओं से बना है. यह कोशिकाएं शरीर में बदलावों के कारण बढ़ती रहती हैं. जब ये कोशिकाएं अनियंत्रित तौर पर बढ़ती हैं और पूरे शरीर में फैल जाती हैं, तब यह शरीर के बाकि हिस्सों को अपना काम करने में दिक्कत देती हैं. जिससे उन हिस्सों पर कोशिकाओं का गुच्छा सौम्य गांठ या ट्यूमर बन जाता है. इस अवस्था को कैंसर कहते हैं. यही ट्यूमर घातक होता है और बढ़ता रहता है.
कैसे शरीर में फैलता है कैंसर
यह ट्यूमर शरीर में खून के जरिए शरीर के बाकि हिस्सों में फैलता है. इस प्रक्रिया को मेटास्टैसिस कहते हैं. इसमें कैंसर सेल्स बढ़कर नया ट्यूमर बनाती हैं. सबसे पहले ये सेल्स शरीर को इंफेक्शन से बचाने वाले अंग लिम्फ नोड यानि लसीकापर्व में फैलती हैं. लिम्फ नोड गले, प्राइवेट पार्ट्स और अंडर आर्म्स में मौजूद होते हैं. इनके अलावा कैंसर खून या ब्लड स्ट्रीम के जरिए हड्डियों, लीवर, फेफड़ों और दिमाग में फैलता है. इन जगहों पर फैलने के बाद कैंसर जिस जगह से शुरू होता है उसे वही नाम दिया जाता है. जैसे ब्रेस्ट कैंसर फेफड़ों में फैले तो उसे मेटास्टैसिस ब्रेस्ट कैंसर कहा जाएगा, ना कि लंग कैंसर.
क्या है कैंसर के कारण
कैंसर के आम लक्षणों में धूम्रपान, तम्बाकू, फिजिकल एक्टिविटी की कमी, खराब डाइट, एक्स-रे से निकली रेज़, राडोन रेज़, सूरज ने निकलने वाली यूवी रेज़, इंफेक्शन, फैमिली के जीन आदि होते हैं.
कैंसर के चार स्टेज
कैंसर की पहली और दूसरी स्टेज में इसका ट्यूमर छोटा होता है. ये आस-पास के टिश्यूज की गहराई में नहीं फैलता है. यही वजह है कि इन स्टेज में ही कैंसर का पता लगने पर इसका इलाज संभव है. तीसरे स्टेज में कैंसर बॉडी में विकसित हो चुका होता है. ट्यूमर बड़ा हो चुका होता है और इसके अन्य अंगों में फैलने की संभावना बढ़ जाती है.वहीं, चौथी अवस्था कैंसर की आखिरी अवस्था होती है. इसमें कैंसर अपने शुरुआती हिस्से से अन्य अंगों में फैल जाता है. इसे मैटास्टेटिक कैंसर कहा जाता है.
कैंसर के 8 लक्षण
- अत्यधिक थकान होना.
- बेवजह वजन घटना
- समान्य कमजरी और थकान का ना रहना.
- शरीर के किसी भाग में कोई फोड़ा या गांठ का होना.
- लंबे समय तक कफ का बना रहना और सीने में दर्द होना.
- कूल्हे या पेट के निचले भाग में दर्द होना.
- निप्पल के आकार में अचानक बदलाव आना ब्रेस्ट कैंसर का कारण हो सकता है.
- माहवारी में अत्यधिक दर्द होना, और असमय खून का स्त्राव होना.
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कैंसर के प्रकार
कैंसर लगभग 100 से ज्यादा प्रकार के होते है. समान्य तौर पर स्किन कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर, कोलोरेक्टल कैंसर, ब्लैडर कैंसर, मेलानोमा, लिम्फोमा, किडनी कैंसर और ल्यूकेमिया है.
लाइलाज नहीं है कैंसर
- डॉक्टर कैंसर की स्टेज, मरीज की बीमारियों का इतिहास और लक्षणों देखकर इलाज करता है. आमतौर पर इसका इलाज सर्जरी, कीमोथेरेपी और रेडिएशन से किया जाता है.
- इसमें डॉक्टर इफेक्टिड एरिया को शरीर से अलग करते हैं. जैसे ब्रेस्ट कैंसर होने पर ब्रेस्ट को हटा दिया जाता है. प्रोस्टेट कैंसर होने पर प्रोस्टेट ग्लैंड को निकाल दिया जाता है. सभी तरह के कैंसर में सर्जरी की जरूरत नहीं होती. जैसे ब्लड कैंसर को सिर्फ दवाइयों से ठीक किया जा सकता है.
- इसमें ड्रग्स या दवाइयों के जरिए कैंसर सेल्स को खत्म किया जाता है. कुछ कीमो में आईवी (नसों में सुइयों के जरिए) से ठीक किया जाता है, कुछ में आपको दवाई दी जाती है. यह दवाइयां पूरे शरीर में अपना असर दिखाती हैं और हर जगह फैले कैंसर को खत्म करती हैं.
- इसमें कैंसर की बढ़ती सेल्स को रोका और उन्हें मारा जाता है. कभी-कभार सिर्फ रेडिएशन या फिर सर्जरी और कीमो के दौरान इससे इलाज किया जाता है. इसमें आपके पूरे शरीर को एक्स-रे मशीन में डाला जाता है, और कैंसर सेल्स को खत्म किया जाता है.
कैंसर से बचने का उपाए
–स्वस्थ आहार लें
-वायरस और बैक्टीरिया से बचाव करें
-मांसाहारी भोजन कम करें
-महिलाओं पेप स्मियर की जांच जरुर कराए
-स्तन कैंसर की जांच कराते रहें
-एल्कोहल से परहेज करें
–तंबाकू का सेवन ना करें
आयु है आपका सहायक
अगर आपके घर का कोई सदस्य लंबे समय से बीमार है या उसकी बीमारी घरेलू उपायों से कुछ समय के लिए ठीक हो जाती है, लेकिन पीछा नहीं छोड़ती है तो आपको तत्काल उसे डॉक्टर से दिखाना चाहिए. क्योंकि कई बार छोटी बीमारी भी विकराल रूप धारण कर लेती है. अभी घर बैठे स्पेशलिस्ट डॉक्टर से “Aayu” ऐप पर परामर्श लें . Aayu ऐप डाउनलोड करने के लिए नीचे दी गई बटन पर क्लिक करें.
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