खांसी के प्रकार , लक्षण और उपाय
खांसी (Cough) फेफड़ों, सांस की नलियों और गले में संक्रमण के कारण होती है. अगर आपको खांसी है तो आपका शरीर इस बात की ओर इशारा कर रहा होता है कि बाडी के अंदर कोई बीमारी है.खांसी के जरिए हमारा शरीर बीमारियों के जीवाणुओं से मुक्ति पाने की कोशिश करता है. वहीं अगर खांसी का उपचार समय पर नहीं किया गया तो यह आपको कई बीमारियां दे सकती हैं. इसलिए खांसी की समस्यां होने पर डॉक्टर से परामर्श जरुर लें.
सबसे पहले जानते है खांसी के प्रकार के बारे में
वातज खांसी
वात के कारण होने वाली खांसी में कफ सूख जाता है, इसमें कफ बहुत कम निकलता है. कफ नहीं निकलने के कारण, खांसी लगातार और तेजी से आती है. इस दौरान पूरे शरीर में दर्द उत्पन हो जाता है.
पित्तज खांसी
पित्त के कारण होने वाली इस बीमारी में भारी मात्रा में कफ निकलता है, जो कि पीले रंग का होता है. छाती और पेट में जलन होता है और मुंह का स्वाद कड़वा हो जाता है. वहीं इस रोग की वजह से शरीर में गर्महाट और जलने का अनुभव होता है.
कफज खांसी
जैसा कि नाम से पता चला रहा है ठीक वैसे ही कफज खांसी में कफ भारी मात्रा में निकलता है. इस रोग के दौरान जरा-सा खांसते ही कफ बाहर निकल आता है. इस रोग के दौरान सिर अक्सर भारी रहता है और कुछ खाने का मन नहीं करता है.
क्षतज खांसी
इस बीमारी की वजह से वात, पित्त, कफ, तीनों वजहों से होती है. यह काफी गंभीर भी होती है. इस खांसी में बलगम के साथ ब्लड भी निकलता है. क्षतज खांसी गले में घाव की वजह से होती है.
क्षयज खांसी
यह कफ सबसे ज्यादा तकलीफदेह और हानिकारक होती है. इस तरह की कफ में शरीर में दर्द, बुखार, गर्माहट होती है और कभी-कभी कमजोरी भी हो जाती है. ऐसे में सूखी कफ चलती है, कफ के साथ पस और खून के साथ बलगम निकलता है. क्षयज कफ विशेष तौर से टीबी रोग की प्रारंभिक अवस्था हो सकती है.
खांसी के लक्षण
- नाक का बहना
- गले में खरास होना
- सांसों की कमी
- घरघराहट होना
- स्वर बैठना
- ठंड लगना
- रात को पसीना आना
पानी और नमक के गरारे
- पानी को हल्का गर्म करने के बाद उसमें चुटकी भर नमक को मिला कर गरारे करने से इस बीमारी में आराम मिलता है.
शहद
- जैसा कि आप जानते है ब्रैंडी के सेवन से आपका शरीर गर्म रहता है. वहीं अगर इसके साथ शहद को मिक्स करने से इस बीमारी में राहत मिलता है.
चाय
- अगर आप चाय में अदरक, तुलसी, काली मिर्च मिला कर सेवन करते है तो इससे कफ में राहत मिलती है.
आंवला
- आंवला में भरपूर मात्रा में विटामिन-सी पाया जाता है, जो ब्लड के संचार को बेहतर करता है. साथ ही इसमें एंटी- ऑक्सीडेंट्स भी होतचा है जो रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है. यह कफ के लिए काफी फायदेमंद होता है.
अलसी
- वैसे अलसी के सेवन के बहुत फायदे है. अगर आपको कफ है तो आप अलसी के बीजों को तबतक उबाले जबतक वह मोटा ना हो जाए. मोटा हो जाने पर इसमें शहद और नींबू के रस को मिलाए .फिर इसका सेवन करें. ऐसा करने से इस बीमारी में राहत मिलता है.
लहसुन
- लहसुन को घी में भून लें और गर्म-गर्म ही खा लें. यह स्वाद में खराब हो सकता है लेकिन इसके सेवन से कफ में आराम मिलता है.
अनार का रस
- अनार के जूस में थोडा अदरक और पिपली का पाउडर डालने से इस बीमारी में आराम मिलता है.
काली मिर्च
- अगर बलगम भी आ रहे हैं तो आधा चम्मच काली मिर्च को देसी घी के साथ मिलाकर सेवन करें. राहत मिलता है.
आयु है आपका सहायक
अगर आपको या आपके परिवार के किसी सदस्य को खांसी है और घरेलू उपायों से कुछ समय के लिए ठीक हो जाती है, लेकिन पीछा नहीं छोड़ती है तो आपको तत्काल उसे डॉक्टर से दिखाना चाहिए. क्योंकि कई बार छोटी बीमारी भी विकराल रूप धारण कर लेती है. अभी घर बैठे स्पेशलिस्ट डॉक्टर से “Aayu” ऐप पर परामर्श लें . Aayu ऐप डाउनलोड करने के लिए नीचे दी गई बटन पर क्लिक करें.