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Weight Loss Tips in Hindi: मासिक धर्म के दौरान कैसे वजन कम करें

Weight Loss Tips in Hindi: मासिक धर्म के दौरान कैसे वजन कम करें

पीरियड्स के दौरान 2-3 किलो वजन बढ़ना सामान्य है। दरअसल, यह वाटर रिटेंशन बढ़ने के कारण होता है। शरीर में नमक की मात्रा बढ़ने से वाटर रिटेंशन हो सकता है इसलिए ज्यादा नमक के सेवन से बचें।

It is normal to gain 2-3 kg weight during periods. It is because of increased water retention. Increasing the amount of salt in the body can cause water retention, so avoid excessive salt intake.

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महिलाओं में मोटापा ज्यादा देखने को मिलता है। इसलिए मासिक धर्म में वजन कम करने के तरीके (Weight Loss Tips in Hindi) पता होने चाहिए। वजन बढ़ना ना केवल गलत खान-पान की वजह से होता है बल्कि मासिक धर्म की अनियमितता भी इसका एक कारण हो सकता है। विशेषज्ञों का यह मानना है कि महिलाओं में पुरुषों के मुकाबले मोटापे का ज्यादा असर देखा जाता है। ऐसा देखा गया है कि पुरुषों पर मोटापे का असर केवल शारीरिक होता है जबकि महिलाओं में यह शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से प्रभाव डालता है।

अगर आप मासिक धर्म के दौरान अपने बढ़ते हुए वजन से परेशान है तो आप अपने मासिक धर्म के समय कुछ टिप्स अपनाकर वजन घटा सकती है। इसके लिए आप रोजाना एक्सरसाइज करें और अपने आहार पर ध्यान दें। शरीर में ज्यादा पानी होने की वजह से आपको मासिक के समय दर्द महसूस होता है।

आइये जानते है पीरियड्स के दौरान वजन कम करने के टिप्स (Weight Loss Tips in Hindi).

वजन कम करने के टिप्स: (Weight Loss Tips in Hindi):

सोडियम का सेवन ना करें: इस समय सोडियम की मात्रा कम कर दें। रात का बचा हुआ ठंडा खाना, मीट और नमकीन चीज़ों को जितना हो सके कम खाएं। ऐसा करने पर शरीर जितना पानी इन आहारों से ग्रहण करता है वह रुक जाता है और शरीर में जमा हुआ बेकार पानी बाहर निकल जाता है।

ज्यादा से ज्यादा पानी पिएँ: वजन कम करने के टिप्स (Weight Loss Tips in Hindi) में ज्यादा से ज्यादा पानी पीना भी शामिल है। पीरियड्स के दौरान आप ज्यादा से ज्यादा पानी पिएँ। ज्‍यादा पानी पीने से आपके शरीर में सोडियम की मात्रा कम होती है। आपकी किडनी शरीर से बेकार पानी को बाहर निकालती है जिससे वजन में कमी आती है।

पोटैशियम रिच फूड खाएं: ऐसे आहार लें जिसमें पोटैशियम की मात्रा ज्यादा होती है जैसे, केला, सेब, टमाटर और मूंगफली आदि। पोटैशिम शरीर में पानी को निंयत्रित रखने में मदद करता है, जिससे शरीर नहीं फूलता।

व्यायाम करें: इन दिनों कई महिलाएं खुद के शरीर को आराम देने पर ज्‍यादा ध्‍यान देती हैं लेकिन डॉक्‍टरों का मानना है कि इन दिनों आराम करने की जगह व्‍यायाम करना ज्‍यादा फायदेमंद होता है। व्यायाम करना भी पीरियड्स के दौरान वजन कम करने के टिप्स (Weight Loss Tips in Hindi) में शामिल है। इस दौरान शरीर में कुछ ऐसे हार्मोनल बदलाव होते हैं जिससे व्‍यायाम करने से वजन कम होता है।

आइये अब जानते है पीरियड्स कितने दिन चलता है?

पीरियड्स कितने दिन चलता है?

ज्यादातर महिलाओं में एक नियमित मासिक चक्र होता है जो प्रत्येक 28 दिनों में आता है। जब पहला मासिक धर्म शुरू होता है, तो अगला मासिक धर्म तीन से छह सप्ताह के बीच कभी भी आ सकता है। यह 21 दिनों जितना छोटा हो सकता है या 40 दिनों तक चल सकता है और इसका पैटर्न अनियमित हो सकता है धीरे-धीरे यह पैटर्न अधिक नियमित हो जाता है।

एक बार प्यूबर्टी (यौवनावस्था) शुरू होने पर, आपका पहला मासिक धर्म शुरू होने में समय नहीं लगता। यह आपके मासिक चक्र का केवल एक हिस्सा है इससे घबराए नहीं लेकिन मासिक धर्म सबसे अधिक ध्यान आकर्षित करता है क्योंकि इसी समय आपके शरीर से खून प्रवाहित होता है। मासिक चक्र के चार चरण होते हैं:

आइये जानते है इन चरणों के बारे में।

आपका मासिक चक्र प्रत्येक महीने तब शुरू होता है जब आपका गर्भाशय रक्त युक्त झिल्ली की एक ताज़ा परत बनाता है। यह अंडे के निषेचित या फर्टिलाइज़ होने पर आपके शरीर द्वारा उसे समायोजित करने की तैयारी है।

अगला चरण है अण्डोत्सर्ग (ओव्यूलेशन), जब आपके एक अण्डाशय से एक अण्डा निकलता है और आपके गर्भाशय तक यात्रा करता है।

यदि अण्डे की आपके गर्भाशय तक की यात्रा के दौरान उसे एक शुक्राणु (स्पर्म) मिलता है और निषेचन होता है, तो आप गर्भवती हो जाती हैं। यदि ऐसा नहीं होता, तो आपका शरीर आपके गर्भाशय की रक्त युक्त झिल्ली जिसका उपयोग नहीं हुआ है उसको हटा देगा। यह आपका मासिक धर्म है।

आपका मासिक धर्म शुरू होता है और आपको 3 से 7 दिनों तक रक्तस्राव होता है। लेकिन चिंता ना करें, आपके शरीर से केवल 20 से 60 मिलीलीटर रक्त बहता है यानि की 4 से 12 छोटे चम्मच।

ये सभी चरण प्रत्येक महीने में तब तक एक दोहराव चक्र बनाते हैं जब तक आप गर्भवती नहीं हो जाती या जब तक आपकी रजोनिवृत्ति शुरू नहीं हो जाती। यह चरण एक महिला के आमतौर पर चालीस वर्ष में पहुँचने तक ज़ारी रहता है और यह व्यक्तिगत रूप से भिन्न हो सकता है, और यह किसी महिला के प्रजनन चक्र के अंत का प्रतीक है। (यह भी पढ़ें: गर्भवती होने के उपाय)

यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा आयु ऐप (AAYU App) पर डॉक्टर से संपर्क करें.

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