फ्लू से बचने के तरीके | Daily Health Tip | 28 March 2020 | AAYU App
“रात में डिनर आठ बजे तक ज़रूर कर लें ताकि खाना अच्छे से पच जाए। जितना कम हो सके उतना कम खाएं और रात में मीठा ना खाएं। “
” Eat dinner before 8 PM as it helps in good digestion. Eat as little as possible and do not eat sweets at night. “
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मौसमी इन्फ्लूएंजा का संक्रमण जानलेवा हो सकता है। जानिए इसके लक्षण और बचाव के तरीके क्या-क्या हैं।
मौसमी इन्फ्लूएंजा या फ्लू दुनिया भर में तेजी से फैलने वाला वायरल संक्रमण है। यह बीमारी शुरूआत में तो बहुत सामान्य होती है लेकिन धीरे-धीरे इसकी गंभीरता बढ़ती जाती है जिसके बाद रोगी को अस्पताल में भी भर्ती करवाना पड़ जाता है। इन्फ्लूएंजा की वजह से कभी-कभी रोगी की मौत भी हो जाती है। इन्फ्लूएंजा बीमारी का संक्रमण स्कूलों, नर्सिंग होम्स और भीड़-भाड़ वाली जगहों पर आसानी से हो सकता है। संक्रमित व्यक्ति के छींकने, खांसने और थूकने आदि से यह बीमारी एक रोगी से स्वस्थ व्यक्ति में फैलती है। जब भी कोई व्यक्ति छींकता, खांसता या फिर थूकता है तो फ्लू के वायरस हवा में फैल जाते है और बाद में जब कोई व्यक्ति इन हवाओं के संपर्क में आता है तो उन्हें संक्रमित कर देते है। इसलिए इस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लोगों को छींकते या खांसते समय मुंह को ढके रखने तथा ठीक तरह से हाथ धोते रहने की सलाह दी जाती है।
इन्फ्लूएंजा के लक्षण:
किसी भी व्यक्ति को इन्फ्लूएंजा का संक्रमण अचानक होता है। ऐसे में उनमें कुछ इस तरह के लक्षण दिखाई देते है। जैसे ठंड के साथ बुखार होना, सूखी खांसी होना, गले में खराश, बंदनाक, मांसपेशियों और शरीर में दर्द, सिरदर्द, थकान, कभी कभार उल्टी। इसके अलावा बच्चों में डायरिया की भी शिकायत होती है।
इन लोगों पर होता है खतरा:
यूं तो फ्लू का संक्रमण किसी को भी हो सकता है लेकिन कुछ ऐसे लोग भी होते है जिनमें इस संक्रमण का खतरा ज्यादा होता है। 6 महीने से 5 साल तक के बच्चे, बड़ों में वो लोग जो किसी तरह की बीमारी की चपेट में हों या फिर जिनकी रोग-प्रतिरोधक क्षमता कम हो और गर्भवती महिलाओं में फ्लू के संक्रमण का खतरा सबसे ज्यादा होता है।
रोकथाम:
कुछ सावधानियों को अपनाकर फ्लू के खतरनाक संक्रमण की रोकथाम की जा सकती है। जैसे, फ्लू से बचने का सबसे अच्छा तरीका होता है कि हर साल नियमित रूप से फ्लू का टीका जरूर लगवाएं। इसके अलावा बीमार लोगों के संपर्क में न रहें। छींकते या खांसते समय नाक और मुंह को जरूर ढक लें, इससे संक्रमण फैलने का खतरा कम होगा। नियमित रूप से अपने हाथों को साबुन से धोते रहें। इसके लिए हैंड सैनिटाइजर का भी प्रयोग किया जा सकता है। साथ ही साथ अपने हाथों को आंख, नाक और मुंह में ले जाने से भी बचें।
घरेलू नुस्खे:
फ्लू से बचाव के लिए इन घरेलू नुस्खों का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। फ्लू का संक्रमण हो जाने पर तरल पदार्थों का सेवन ज्यादा से ज्यादा करना चाहिए। ऐसे में बंदनाक की शिकायत है तो इसके लिए भाप ले सकते है। रोग से लड़ने के लिए शरीर को ऊर्जा की जरूरत तो पड़ती ही है इसलिए खान-पान पर विशेष ध्यान दें। नाक को हमेशा साफ रखें। गर्म पानी से स्नान करना ऐसे में काफी फायदेमंद होता है। नाक में सलाइन की बूंदें या फिर सलाइन स्प्रे का प्रयोग करें। गर्म का सूप का सेवन काफी लाभकारी होता है। फ्लू से संक्रमित होने पर पर्याप्त मात्रा में नींद लेना बहुत जरूरी है ताकि हमारे प्रतिरक्षा तंत्र को संक्रमण से मुकाबला करने में थोड़ी मदद मिले।
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