कोरोना वायरस संक्रमण रोकने के कारगर उपाय
कोरोना वायरस संक्रमण से पूरे देश में कोहराम मचा हुआ है यहां तक की पूरी दुनिया इसकी चपेट में आ गई है।
कोरोना वायरस से समाधान के उपाय:
ज़्यादा से ज़्यादा जांच करें: विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक़ इस महामारी के प्रसार को रोकने की दिशा में सबसे अहम बात इसकी शुरुआती पहचान है। ऐसा पाया गया है कि जिन देशों में ज़्यादा से ज़्यादा जांच करवाई है वहाँ पर धीरे-धीरे मामले कम बढ़ रहे है और जहाँ जांच पर ध्यान नहीं दिया गया वहाँ पर मामले तेजी से बढ़ते जा रहे है।
संक्रमित मरीज को एकांत में रखें: संक्रमित शख्स को एकांत में रखना चाहिए इससे महामारी के प्रचार पर अंकुश लगता है। इससे नए मामले की पहचान में भी मदद मिलती है। ताइवान और सिंगापुर में संक्रमित लोगों के संपर्क में आने वाले लोगों पर नज़र रखी जाती थी। ऐसा संक्रमित लोगों से बातचीत के आधार पर किया गया।
तैयारी और त्वरित कार्यवाई: किसी भी वायरस पर अंकुश लगाने के लिए संक्रमण फैलने से पहले उसपर रोक लगाने के लिए कदम उठाने ज़रूरी है। ताइवान और सिंगापुर जैसे देशों ने नए मामलों की पहचान और उन्हें अलग रखने के लिए त्वरित कार्रवाई की, यह महामारी के संक्रमण पर अंकुश लगाने वाला निर्णायक कदम साबित हुआ।
ताइवान में ऐसी किसी महामारी पर अंकुश लगाने के लिए 2003 में ही कमांड सेंटर स्थापित किया गया था। इस सेंटर के तहत कई रिसर्च करने वाली संस्था और सरकारी एजेंसी काम करती है। इसकी स्थापना सार्स के ख़तरे के दौरान की गई थी और इसके बाद इसने ऐसी चुनौतियों से निपटने का कई बार अभ्यास किया है और कई शोध किए है।
सोशल डिस्टेंसिंग: जब एक बार संक्रमण आपके देश में प्रवेश कर गया तब रोकथाम का कोई उपाय कारगर नहीं रह जाता है। ऐसी स्थिति आने पर आबादी को इसकी चपेट में आने से बचाने का सबसे प्रभावी तरीका सोशल डिस्टैंसिंग है ऐसा हॉन्ग कॉन्ग और ताइवान में देखा गया है।
हॉन्ग कॉन्ग ने जनवरी महीने में ही अपने लोगों को ‘वर्क फ्रॉम होम’ करने को कहा, सभी स्कूलों को बंद कर दिया गया और सभी तरह के सामाजिक आयोजनों पर रोक लगा दी गई।
साफ़-सफाई के प्रति जागरूक रहें: विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने की दिशा में नियमित तौर पर हाथ धोना और स्वच्छता से रहना बेहद ज़रूरी कदम है।
कई एशियाई देशों को 2003 के सार्स संकट से सीखने को मिला था। इन्हें मालूम था कि साफ़ सफ़ाई से लोग बीमार नहीं होते और दूसरों में संक्रमण फैलने की आशंका भी कम होती है।