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विटामिन डी 3 की कमी के कारण और लक्षण

विटामिन डी 3 की कमी के कारण और लक्षण

विटामिन डी की कमी स्वास्थ्य से जुड़ी आम समस्या बन गई है। विटामिन डी दो तरह के होते है एक विटामिन डी 2 और एक विटामिन डी 3। असल में विटामिन डी वसा घुलनशील होता है जिसका सीधा स्रोत सूरज की रोशनी या किरणें होती हैं। सबसे मुश्किल बात यह है कि प्राकृतिक तरीके से इसकी कमी पूरी नहीं की जा सकती यानि सिर्फ धूप काफी नहीं होती इसीलिए आजकल विटामिन डी(Vitamin D) की कमी होना आम हो गया है।

 

अमेरिकन रिसर्च के अनुसार पौष्टिक दूध में कुछ मात्रा में विटामिन डी मिलता है लेकिन वह हर दिन के जरूरत को पूरा करने में सक्षम नहीं होता। लेकिन मुश्किल की बात ये है कि दूध से बने खाद्द पदार्थ जैसे चीज़ और आइसक्रीम से विटामिन डी नहीं मिलता इसलिए विटामिन डी को ‘सनशाइन विटामिन’ भी कहते हैं आपकी त्वचा का संपर्क जितना सूरज की रोशनी से होगा उतनी ही इसकी कमी पूरी होगी।

आइये जानते है विटामिन डी2 और विटामिन डी 3 में अंतर क्या है?

जानें क्या है विटामिन डी 2 और विटामिन डी 3? (Difference between vitamin d2 and d3)

शायद आप सोच रहे होंगे की आखिर विटामिन डी2 और विटामिन डी3 क्या है? एक रिपोर्ट के मुताबिक, विटामिन डी का नाम भले ही ‘विटामिन’ है लेकिन यह विटामिन नहीं बल्कि हार्मोन है। वैज्ञानिकों का कहना है कि विटामिन दो तरह के होते हैं, विटामिन डी2 और डी3 । विटामिन डी3 और विटामिन डी2 के गुण एक-दूसरे से कुछ मायनों में अलग हैं।

वैज्ञानिकों के अनुसार हमारा शरीर विटामिन डी2 को पचा नहीं पाता। वहीं विटामिन डी3 एक ऐसा हार्मोन है जो शरीर को कैल्शियम को पचाने में मदद करता है। 

जब हमारे शरीर पर सूरज की किरणें पड़ती हैं तब सूरज की अल्ट्रावायलेट-बी किरणें हमारे शरीर पर पड़ती हैं तो हमारा शरीर भीतर ही मौजूद कोलेस्ट्रॉल से विटामिन डी बना लेता है। 

विटामिन डी 3 प्राप्त करने का तरीका 

विटामिन डी 3 प्राप्त करने का सबसे अच्छा तरीका है धूप। इसके अलावा दूध से बने प्रोडक्ट्स और फिश ऑयल से भी विटामिन डी 3 मिलता है। 

एक दिन में शरीर को जितना विटामिन डी 3 की जरूरत होती है उसके लिए कम से कम आपको 45 मिनट धूप सेंकनी चाहिए। इससे कम बैठने पर कुछ मात्रा में विटामिन बनता तो है लेकिन शरीर उसे पचा नहीं पाएगा और वह वेस्ट हो जाएगा।

शरीर में विटामिन डी 3 की कमी का कारण (Causes of deficiency of vitamin d3)

  • दरअसल, हमारा शरीर विटामिन डी 3 तब ही बनाता है जब हम सीधे धूप के संपर्क में होते हैं। ऐसे में अलग आप दिन-भर में केवल कुछ समय के लिए ही धूप में निकलते हैं तो शरीर में विटामिन डी 3 की कमी (Vitamin D3 Deficiency) हो जाती है और इससे फिर धीरे-धीरे शरीर में अनेक बीमारियां होने लगती हैं।
  • अक्सर ऐसा होता है कि रक्त से वसा की कोशिकाएं विटामिन डी 3 (Vitamin D3) को सोख लेती हैं जिसके कारण विटामिन डी की कमी हो जाती है, यानि बॉडी मास इंडेक्स जितना ज्यादा होगा शरीर में विटामिन डी की कमी उतनी ही ज्यादा होगी।
  • शरीर को हड्डियों के विकास के लिए कैल्शियम और विटामिन डी3 की जरूरत होती है और किडनी कैल्सीटेरॉल नाम का एक हार्मोन उत्पादित करता है जो हड्डियों को ब्लड से सही मात्रा में कैल्शियम लेने में सहायता करता है, इसलिए किडनी के सही तरह से काम ना करने पर विटामिन डी3 (Vitamin D3) अपना काम नहीं कर पाती। जिसके कारण हड्डियाँ कमजोर हो जाती हैं।

विटामिन डी 3 की कमी के लक्षण (vitamin d3 deficiency symptoms)

दरअसल, विटामिन का मूल काम कोशिकाओं का विकास, प्रतिरक्षा क्षमता बढ़ाना, सूजन कम करना और नॉर्मल बोन मिनरल डेन्सिटी को मेंटेन (BMD) करना है। आइए जानते हैं विटामिन डी 3 की कमी के लक्षण

  • शरीर में लगातार दर्द रहना
  • ज्यादा थकान रहना और दिनभर सुस्ती रहना
  • जोड़ों में दर्द होना जो ठीक होने का नाम ही न ले रहा हो
  • कूल्हों और घुटनों में दर्द का लगातार होना और पीठ में दर्द बने रहना

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डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग किसी भी प्रकार से दवाई या डॉक्टर से लिया गया इलाज का विकल्प नहीं है। किसी भी समस्या के लिए डॉक्टर से  www.aayu.app पर परामर्श लें ।

 

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल:

(A) विटामिन डी की कमी से क्या होता?

विटामिन-D शरीर की तमाम हड्डियों और मांसपेशियों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण होता है, इसलिए इसकी कमी के कारण हड्डियों और मांसपेशियो में दर्द जैसी समस्याएं होती हैं। वहीं, अधिक से अधिक थकान और कमजोरी महसूस होना भी विटामिन-D के लक्षण हैं।

(B) विटामिन डी को कैसे पूरा करें?

रोजाना धूप में अपने हाथ, पैरों और चेहरे को 30 मिनट के लिए सूरज की रोशनी। आप ऐसा सुबह 10 से दिन में 3 बजे के बीच करें। अपनी डाइट में मछली जैसे – साल्मन , टूना आदि शामिल करें।

(C) विटामिन डी कितना होना चाहिए?

अगर आपको अपने अंदर विटामिन डी की कमी महसूस हो रही है या इसके लक्षण नज़र आ रहे हैं तो एक बार ’25- हाइड्रोक्सी’ टेस्ट ज़रूर करवाएं और डॉक्टर से सलाह लें। डॉक्टर्स के अनुसार, ब्लड में विटामिन डी का नॉर्मल लेवल 50-20 नैनोग्राम होना चाहिए लेकिन अगर ये लेवल 20 नैनोग्राम तक पहुँच  जाए तो सतर्क हो जाना ही बेहतर है।

(D) विटामिन डी की कमी में क्या खाएं?

गाय का दूध सेहत के लिए बहुत अच्छा होता है, इसलिए आप इसे जरुर लें।

(E) विटामिन डी की कमी क्यों होती है?

विटामिन-D की कमी का मुख्य कारण पर्याप्त धूप का ना मिल पाना है। अगर आपकी स्किन टोन का रंग डार्क होता जा रहा है तो यह भी विटामिन-D की कमी की बड़ी वजह हो सकती है, क्योंकि डार्क स्किन होने के कारण सूरज के प्रकाश से विटामिन-D ठीक से अवशोषित नहीं हो पाता या देर से होता है।

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