Vitamin D: विटामिन डी की कमी से कौन सा रोग होता है?
विटामिन डी (vitamin d) से हमारे शरीर को बहुत उर्जा मिलती है, जिससे हमारा शरीर सुचारू रूप से काम करता है। सूर्य की किरणों को विटामिन डी का अच्छा स्रोत माना जाता है। यह आपके शरीर में कैल्शियम के स्तर को नियंत्रित करता है, जो कि तंत्रिका तंत्र (Nervous System) की कार्य प्रणाली और हड्डियों की मजबूती के लिए जरूरी है। यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। विटामिन डी की कमी के चलते थकान रहना, मांसपेशियों का कमजोर होना या अन्य स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें पैदा होती हैं। इसलिए यह जरूरी हो जाता है कि आप अपनी सेहत का ध्यान रखें।
विटामिन डी की कमी से होने वाले रोग (Vitamin d deficiency disease)
डायबिटीज का खतरा रहें: मोटापे के अलावा विटामिन डी (vitamin d) की कमी से भी डायबिटीज हो सकती है। मोटापे और विटामिन डी की प्रॉबल्म्स एक साथ हो जाए तो शरीर में इंसुलिन की मात्रा को असंतुलित करने वाली बीमारी के होने का खतरा और बढ़ जाता है।
कोलेस्ट्रॉल और सूजन- जलन होना: विटामिन डी की कमी से शरीर में सूजन होने लगती है। जब शरीर को धूप नहीं मिलती तो विटामिन डी बनाने वाले तत्व कोलेस्ट्रॉल में बदल जाते हैं। विटामिन डी का स्तर कम होने से इम्यून सिस्टम तेजी से कम होने लगता है। इससे सर्दी व जुकाम, संक्रमण और बीमारियों की शिकायत बढ़ जाती है।
त्वचा का रंग गहरा होना: त्वचा का गहरा रंग मिलेनिन नामक पिगमेंट के कारण होता है। मिलेनन अधिक होने के कारण धूप लगने पर त्वचा में विटामिन डी (vitamin d) का निर्माण ठीक से नहीं हो पाता। कुछ शोधो का मानना है कि बढ़ती उम्र मे गहरे रंग की त्वचा वालों में विटामिन डी की कमी की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
दिमाग पर असर पड़ना: विटामिन डी की कमी ना सिर्फ हेल्दी बॉडी के लिए जरुरी होती है, साथ ही साथ यह आपके दिमाग पर भी असर डालता है। विटामिन डी दिमाग में केमिकल सेरोटोनिन तथा डोपामिन बनाने में अहम भूमिका निभाता है। हेल्दी ब्रेन के लिए शरीर में विटामिन डी का स्तर ठीक होना चाहिए।
हार्ट अटैक और अस्थमा का खतरा होना: विटामिन डी की कमी से अस्थमा हो सकता है। विटामिन डी सूजन पैदा करने वाले प्रोटीन को फेफड़ों से दूर रखने का काम करता है। जब विटामिन डी की कमी होती है तो सूजन बढ़ने लगती है और अस्थमा की दिक्कत हो सकती है। विटामिन डी की कमी से ब्लड प्रेशर बढ़ने का खतरा होता है। इसकी कमी से हार्ट अटैक तक आ सकता है।
एनीमिया का खतरा होना: शरीर में विटामिन डी (vitamin d) की कमी आपके बच्चों के लिए खतरनाक बन सकती है। बच्चों में लंबे समय तक विटामिन डी की कमी बने रहना एनीमिया रोग का कारण हो सकता है। खून में विटामिन डी 30 नैनो ग्राम प्रति मिली लीटर से कम होने पर बच्चों के एनीमिया का खतरा बढ़ जाता है।
विटामिन डी की कमी होने के लक्षण (vitamin d deficiency symptoms)
- विटामिन डी की कमी होने के कारण ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है।
- शरीर में विटामिन डी (vitamin d) की कमी होने पर आप समय से पहले बुड्ढे दिखाई देने लगेंगे। चेहरे और हाथों में झुर्रियां पड़ने लग जाती हैं।
- हड्डियों में दर्द की समस्या हो तब यह विटामिन डी के लक्षणों में से एक है।
- मांशपेशियों में कमजोरी महसूस होना।
- विटामिन डी (vitamin d) की कमी होने के कारण, शरीर में एनर्जी लेवल कम हो जाता है और सारा दिन थकावट महसूस होती है तथा किसी काम में मन नहीं लगता।
- जरुरत से ज्यादा नींद आना। हमेशा डिप्रेशन में होने जैसा महसूस होना।
विटामिन डी की कमी कैसे दूर करें (how to get rid of vitamin d deficiency)
- अगर आपको मछली नहीं खानी तो अंडे को अपनी डाइट में शामिल करें। अंडे का पीला भाग जरूर खाएं।
- डेयरी प्रोडक्ट्स से विटामिन डी (vitamin d) की कमी पूरी होती है इसके लिए गाय का दूध, पनीर, दही, मक्खन, छाछ आदि का सेवन करें।
- बच्चों को दूध जब पीने के लिए दें तभी उबालें और उसे ठंडा करके दें।
- अक्सर देखा जाता है कि दूध में से मलाई निकालकर दूध गर्म किया जाता है और उसे पीने के लिए दिया जाता है। मलाई निकाल लिए जाने से दूध उतना स्वास्थ्य के लिए लाभदायक नहीं रहता।
- कॉड लिवर में विटामिन डी भरपूर मात्रा में होता है। इससे हड्डियों की कमजोरी दूर होती है।
- विटामिन डी (vitamin d) की कमी होने पर गाजर खाना चाहिए। आप इसकी जगह गाजर का जूस पी सकते है।
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डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग किसी भी प्रकार से दवाई या डॉक्टर से लिया गया इलाज का विकल्प नहीं है। किसी भी समस्या के लिए डॉक्टर से www.aayu.app पर परामर्श लें ।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल:
(A) विटामिन डी की कमी को कैसे पूरा करे?
विटामिन डी (vitamin d) हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी है। वैसे तो धूप से ही शरीर को पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी मिल जाता है लेकिन कभी-कभी इसकी कमी हो सकती है।
(B) विटामिन डी की कमी में क्या खाए?
गाय का दूध सेहत के लिए बहुत अच्छा होता है, तो ऐसे में आप इसे जरुर लें।
(C) विटामिन डी क्या काम करता है?
विटामिन डी की मदद से कैल्शियम को शरीर में बनाए रखने में मदद मिलती है जो हड्डियों की मजबूती के लिए बहुत जरूरी होता है। इसके अभाव में हड्डी कमजोर होती हैं व टूट भी सकती हैं। छोटे बच्चों में इस स्थिति को रिकेट्स कहते है और व्यस्कों में हड्डी के मुलायम होने को ओस्टीयोमलेशिया कहते हैं।
(D) विटामिन डी की कमी से क्या नुकसान होता है?
विटामिन डी की कमी से थकावट, मतली, चक्कर आना, पाचन से जुड़ी तकलीफें, पेट दर्द, ज़्यादा प्यास लगना, उल्टी और बार-बार पेशाब आना जैसी दिक्कतें शुरू हो सकती हैं। इसकी वजह से शरीर में कैल्शियम के पत्थर भी बन सकते हैं।
(E) विटामिन डी के स्रोत क्या है?
दूध और अनाज प्रायः विटामिन डी (vitamin d) के भरपूर स्रोत होते हैं। वसा-पूर्ण मछली, जैसे साल्मन विटामिन डी के प्राकृतिक स्रोतों में से एक हैं। धूप सेंकना विटामिन डी का प्रमुख प्राकृतिक स्रोत होता है।
(F) विटामिन डी कौन से फल में होता है?
विटामिन डी से युक्त फलों में से एक संतरा भी है। संतरे का जूस हड्डियों को मजबूत करने वाले खनिज पदार्थों को अवशोषित कर सकता है जो कि शरीर को एनर्जी और मजबूती देने के लिए जरूरी होता है। एक कप संतरे के रस से पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी मिल जाता है। संतरा विटामिन सी, फोलेट और पोटैशियम से भी युक्त होता है।