fbpx

शरीर में विटामिन डी के लक्षण और इलाज के उपाय

शरीर में विटामिन डी के लक्षण और इलाज के उपाय

विटामिन डी को सनशाइन विटामिन भी कहते है क्योंकि इस विटामिन का सबसे बड़ा सोर्स सूरज की रोशनी है। कई दूसरे जरूरी विटामिन और पोषक तत्वों की तरह ही विटामिन डी भी हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी है। हड्डियों, दांत और मांसपेशियों को हेल्दी और स्ट्रॉन्ग बनाए रखने के लिए विटामिन डी जरूरी है।

 

थकान महसूस करना:

शरीर में विटामिन D की कमी होने का सबसे बड़ा संकेत हर वक्त थकान महसूस होना है। अगर सही डाइट का सेवन करने और रात में 7-8 घंटे की नींद लेने के बाद भी थकान महसूस हो रही है तो यह विटामिन D की कमी की वजह से हो सकता है। इस विटामिन की कमी की वजह से हद से ज्यादा थकान महसूस होती है। लिहाजा अगर आपके साथ भी ऐसा हो रहा है तो अपना ब्लड टेस्ट करवाएं और जानने की कोशिश करें कि कहीं आपके शरीर में इस सनशाइन विटामिन की कमी तो नहीं हो गई।

पीठ और हड्डियों में दर्द होना:

विटामिन डी शरीर में कैल्शियम को सोखने के लिए जरूरी है। हड्डियों, मांसपेशियों और दांत को मजबूत बनाए रखने के लिए कैल्शियम का सेवन बहुत जरूरी है लेकिन कैल्शियम शरीर में तब तक अब्जॉर्ब नहीं होगा जब तक शरीर में विटामिन डी ना हो। ऐसे में अगर आपको अक्सर पीठ में दर्द रहता हो, हड्डियों में दर्द रहता हो तो यह भी विटामिन D की कमी के संकेत हो सकते हैं।

चोट जल्दी ठीक ना होना:

अगर आपको कहीं चोट लग जाती है लेकिन उस चोट को ठीक होने में ज्यादा समय लगता है तो यह भी शरीर में विटामिन डी की कमी का संकेत हो सकता है। इंफेक्शन से लड़ने और शरीर में सूजन को भी रोकता है। इसलिए जब शरीर में इस विटामिन की कमी हो जाती है तो घाव के ठीक होने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है।

​डिप्रेशन और मूड खराब रहना:

अगर आपको हर वक्त डिप्रेशन और ऐंग्जाइटी जैसा महसूस होता है और आपका मूड छोटी-छोटी बातों पर खराब हो जाता है तो यह भी आपके खून में विटामिन डी की कमी का संकेत हो सकता है। इस तरह की परेशानी से दूर रहने के लिए धूप में जाएं, सुबह-सुबह की गुनगुनी धूप और सूरज की रोशनी में खुलकर सांस लें। सनलाइट में रहने से ना सिर्फ विटामिन D मिलता है बल्कि डिप्रेशन भी दूर होता है, मूड फ्रेश और खुशनुमा रहता है।

बाल गिरना:

हेयर फॉल या हेयर लॉस सिर्फ डैंड्रफ या फिर केमिकल वाले प्रॉडक्ट्स यूज करने से नहीं होता बल्कि यह शरीर में विटामिन डी की कमी हो जाने पर भी हो सकता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि यही वो न्यूट्रिएंट है जो हेयर फॉलिकल्स को बढ़ने में मदद करता है। अगर समय रहते इसका इलाज ना किया जाए तो बहुत ज्यादा बाल गिरने लगते हैं।

विटामिन डी की कमी को कैसे दूर करें?

विटामिन D युक्त खाद्य पदार्थ खाएं और रोजाना 15 से 20 मिनट धूप लेना विटामिन डी की कमी को दूर करने का अच्छा तरीका है। रोजाना सूरज की रोशनी में कुछ समय बिताना विटामिन डी की कमी होने की संभावना कम करता है।

सूरज की रोशनी के साथ -साथ जीवनशैली भी शरीर में विटामिन डी के स्तर को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करती है।

  • अपना वजन संतुलित बनाकर रखें। रोजाना व्यायाम करें और सूरज की रोशनी या धूप लें। 
  • अगर पेट, लिवर, और किडनी से संबंधित बीमारी है तो इन्हें ठीक करने के लिए दवाईयाँ लें और इनकी स्थिति में सुधार लाएं। 
  • विटामिन डी के सप्लीमेंट का इस्तेमाल करें। खासकर स्तनपान करने वाले नवजात शिशुओं को विटामिन D सप्लीमेंट खिलाएं।
  • यदि आपके परिवार में किसी को आनुवंशिक रूप से ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डी से संबंधित रोग) या विटामिन डी की कमी है तो उसके बारे में अपने डॉक्टर से सलाह लें।

ये भी पढ़ें:

विटामिन की कमी से होने वाले रोग, जानें शरीर के लिए क्यों जरूरी है विटामिन?

इन लक्षणों से हो सकती है विटामिन-डी की कमी, जानें समाधान

विटामिन डी के फायदे और नुकसान

 

Aayu App

डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग किसी भी प्रकार से दवाई या डॉक्टर से लिया गया इलाज का विकल्प नहीं है। किसी भी समस्या के लिए डॉक्टर से  www.aayu.app पर परामर्श लें ।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल:

विटामिन डी की कमी से क्या होता?

विटामिन D शरीर की सारी हड्डियों और मांसपेशियों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है, इसलिए इसकी कमी के कारण हड्डियों और मांसपेशियो में दर्द होता हैं। वहीं, अधिक से अधिक थकान और कमजोरी महसूस होना भी विटामिन-D के लक्षण हैं। इसके अलावा बार-बार बीमार पड़ना भी इसी सूची में आता है।

विटामिन डी की कमी को कैसे दूर करें?

अगर आप मछली नहीं खा सकते हैं तो अंडे को डाइट में शामिल करें। अंडे का पीला भाग जरूर खाएं। डेयरी प्रोडक्ट्स से विटामिन डी की कमी पूरी होती है। इसके लिए गाय का दूध, पनीर, दही, मक्खन, छाछ आदि का सेवन करें।

विटामिन डी के क्या फायदे हैं?

शरीर की इम्युनिटी बढ़ाता है। नर्व्स और मसल्स के कोआर्डिनेशन को कंट्रोल करता है। यह हड्डियों, मसल्स और लिगामेंट्स को मजबूत बनाता है।

विटामिन डी कितना होना चाहिए?

अगर आपको अपने अंदर विटामिन D की कमी महसूस हो रही है या इसके लक्षण नज़र आ रहे हैं तो एक बार ’25- हाइड्रोक्सी’ टेस्ट ज़रूर करवाएं और डॉक्टर से सलाह लें। ब्लड में विटामिन डी का नॉर्मल लेवल 50-20 नैनोग्राम होना चाहिए लेकिन अगर ये लेवल 20 नैनोग्राम तक पहुँच जाए तो सतर्क हो जाना चाहिए।

विटामिन डी की कमी होने पर क्या खाना चाहिए?

दूध गाय का दूध वैसे भी सेहत के लिए बहुत अच्छा है, तो ऐसे में आप इसे जरुर लें।

CATEGORIES
Share This

COMMENTS

Wordpress (0)
Disqus ( )