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विटामिन डी के फायदे और नुकसान

विटामिन डी के फायदे और नुकसान

विटामिन डी शरीर में कैल्शियम और फास्फोरस की सही मात्रा बनाए रखने में मदद करता है।

Vitamin D helps in maintaining the right amount of calcium and phosphorus in the body.
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विटामिन डी सूरज की रोशनी से मिलता है तथा यह घुलनशील विटामिन है। सूरज की रोशनी के संपर्क में शरीर की कोशिकाओं द्वारा उत्पादित एक स्टेरॉयड इसे विटामिन डी में बदलता हैं। विटामिन डी खाद्य स्रोतों से प्राप्त होता है जैसे दूध या अंडे, आदि लेकिन ये सभी हमारी हड्डी और पूरे स्वास्थ्य के लिए पर्याप्त नहीं है।

विटामिन डी के फायदे (Vitamin D Benefits)

विटामिन डी हड्डियाँ मजबूत बनाए: 

शरीर में फॉस्फोरस और कैल्शियम के अवशोषण के लिए विटामिन D जरूरी होता है। ये दोनों तत्व हड्डियों की मूल संरचना बनाते हैं। विटामिन D की कमी से हड्डियाँ कमजोर हो जाती हैं जिससे चोट लगने पर फ्रैक्चर का खतरा हो सकता है।

रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएं: 

शरीर को संक्रमण से बचाने में विटामिन डी काम आता है। यह आपके शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाता है। नर्व सिस्टम, मांसपेशियाँ और नसों के काम करने के लिए भी विटामिन डी जरूरी होता है। विटामिन डी मोटापा से भी आपको बचाता है।

बच्चों के लिए मददगार:

विटामिन D शिशुओं और बच्चों में उनकी हड्डियों की मजबूती और उचित विकास के लिए जरूरी है। इस विटामिन की कमी से बच्चों में रिकेट्स (हड्डियों में विकृति) रोग हो सकता है।

महिलाओं के लिए फायदेमंद:

रजोनिवृत्ति (जब महिलाओं में मासिक धर्म चक्र पूरी तरह बंद हो जाता हैं) के लक्षणों में सुधार या महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस (वह स्थिति जिसमें हड्डियाँ  नाजुक और कमजोर हो जाती हैं।) के खतरे को कम करने के लिए विटामिन डी लेने का सुझाव दिया जाता है।

दांतों को मजबूती दें:

विटामिन D सप्लीमेंट बच्चों और वयस्कों दोनों में दंत क्षय (tooth decay) के खतरे को कम करता है। यह दांतों के पुनर्वितरण (Redistribution) और दांतों की सड़न को रोकने में भी मदद करता है।

मांसपेशियों को ताकत दें:

शरीर में कैल्शियम के स्तर को विनियमित (irregular) करके, मांसपेशियों की ताकत और उन्हें बेहतर बनाने में विटामिन डी एक अहम भूमिका निभाता है। इसके कारण शरीर की शक्ति और बल पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

वजन कम करने में सहायक:

विटामिन D से भरपूर खाद्य पदार्थ, भूख पर अंकुश लगाकर वजन कम करने में मदद करते है। यह व्यायाम और शरीर के आकार को बेहतर बनाने एवं थकान को कम करता है, जिससे वजन घटाने को मदद मिलती हैं।

आइये अब जानते है विटामिन डी के नुकसान क्या-क्या है ?

विटामिन डी के नुकसान (Vitamin D Side Effects)

शरीर में कैल्शियम का स्तर खतरनाक स्थिति में पहुँच जाए:

जब शरीर में ब्लड कैल्शियम का स्तर खतरनाक स्तर पर पहुँच जाता है, तो इस स्थिति को हाइपरकैल्सीमिया कहते हैं, जो ज़्यादा विटामिन डी के सेवन से हो सकती है।

इससे आपको थकावट, मतली, चक्कर आना, पाचन से जुड़ी तकलीफ, पेट दर्द, ज़्यादा प्यास लगना, उल्टी और बार-बार पेशाब आना जैसी दिक्कतें हो सकती हैं। इसकी वजह से शरीर में कैल्शियम के पत्थर भी बन सकते हैं।

किडनी में परेशानी होना:

विटामिन D के ज्यादा सेवन से किडनी को भी नुकसान पहुँच सकता है। जिन लोगों को पहले से किडनी की बीमारी है, उनमें स्थिति बिगड़ने का खतरा ज्यादा रहता है।

पाचन में दिक्कत होना:

जरूरत से ज्यादा विटामिन D के सेवन से डायरिया, कब्ज़, पेट दर्द जैसी पाचन से जुड़ी दिक्कतें हो सकती हैं।

हड्डियों में तकलीफ होना:

हड्डियों की मजबूती बनाए रखने के लिए विटामिन D जरूरी है, लेकिन अगर आप इसका अधिकता में सेवन करते है तो आपकी हड्डियों को नुकसान पहुँच सकता है। शरीर में ज़्यादा विटामिन D से विटामिन-के2 का स्तर बिगड़ सकता है, जिससे हड्डियां कमज़ोर पड़ सकती हैं।

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डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग किसी भी प्रकार से दवाई या डॉक्टर से लिया गया इलाज का विकल्प नहीं है। किसी भी समस्या के लिए डॉक्टर से  www.aayu.app पर परामर्श लें ।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल:

(A) विटामिन डी के कमी से कौन सा रोग होता है?

विटामिन D की कमी से ब्लड प्रेशर बढ़ने का खतरा होता है। इससे हार्ट अटैक तक आ सकता है। यह आपके बच्चों के लिए भी खतरनाक हो सकती है। ज्यादा लंबे समय तक विटामिन डी की कमी रहने से एनीमिया हो सकता है।

(B) विटामिन डी की अधिकता से क्या होता है?

विटामिन D की अधिकता के चलते किडनी के फेल होने का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा किडनी में पथरी हो जाने की आशंका रहती है। विटामिन डी को अधिक मात्रा में लेने पर ब्लड में कैल्शियम की मात्रा ज्यादा बढ़ सकती है जो आपके लिए मुसीबत परेशानी की बात बन सकती है।

(C) विटामिन डी की कमी में क्या खाएं?

 गाय का दूध सेहत के लिए बहुत अच्छा होता है, तो आप इसे जरूर लें ।

(D) विटामिन डी कितना होना चाहिए?

अगर आपको विटामिन D की कमी महसूस हो रही है या इसके लक्षण नज़र आ रहे हैं तो एक बार ’25- हाइड्रोक्सी’ टेस्ट ज़रूर करवाएं और फिर डॉक्टर से सलाह लें। ब्लड में विटामिन डी का नॉर्मल लेवल 50-20 नैनोग्राम होना चाहिए. लेकिन अगर ये लेवल 20 नैनोग्राम तक पहुँच जाए तो सतर्क हो जाना चाहिए।

(E) विटामिन डी की कमी कैसे पूरा करें?

सही डाइट और धूप यानि सूरज में रहने से इसकी कमी को पूरा किया जा सकता है। कहा जाता है कि शरीर को रोजाना 600 UI विटामिन D की जरूरत होती है। अगर आप बाहर नहीं जा सकते तो इस तरह घर बैठे विटामिन डी की कमी को खत्म करें। रोजाना धूप में अपने हाथ, पैरों और चेहरे को 30 मिनट के लिए सूरज की रोशनी दिखाएं।

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