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UVB किरणों की कमी बन रही कोलोरेक्टल कैंसर (Colorectal Cancer) का कारण

UVB किरणों की कमी बन रही कोलोरेक्टल कैंसर (Colorectal Cancer) का कारण

Colorectal Cancer: सूरज हमारी ऊर्जा का मुख्य स्त्रोत है लेकिन क्या आप जानते हैं कि सूर्य से मिलने वाली अल्ट्रावायलेट-बी किरणों (UVB) की अपर्याप्त मात्रा कोलोरेक्टल कैंसर (Colorectal Cancer) का जोखिम बढ़ा सकती है। उम्रदराज लोगों में इस कैंसर का खतरा (Cancer Risk) और भी ज्यादा है। ये चौंकाने वाला खुलासा अंतराष्ट्रीय शोधकर्ताओं की टीम की रिपोर्ट से हुआ है। टीम ने इस रिपोर्ट को 186 देशों के मिले तथ्यों के गहन अध्ययन के बाद तैयार किया है। कम UVB वाले देशों में नॉर्वे, डेनमार्क और कनाडा शामिल हैं, जबकि उच्च यूवीबी वाले देशों में संयुक्त अरब अमीरात, सूडान, नाइजीरिया और भारत शामिल हैं।

1. उम्र के साथ बढ़ता कोलोरेक्टल कैंसर (Colorectal Cancer) का खतरा

** बात कोलोरेक्टल कैंसर की करें तो यह (Colorectal Cancer)  विश्व में तीसरी बड़ी बीमारी है। दुनिया में हर साल 18 लाख से ज्यादा लोग कोलोरेक्टल कैंसर (Colorectal Cancer) की जद में आ जाते हैं। और हर साल करीब 8 लाख 62 हजार मरीजों की मौत का कारण कोलोरेक्टल कैंसर ही बनता है। पूरे जीवन में कोलोरेक्टल कैंसर होने का जोखिम 20 में से एक प्है। 

** UVB की कमी के कारण 45 साल से ज्यादा उम्र के लोगों में कोलोरेक्टल कैंसर का खतरा (Cancer Risk) और भी ज्यादा पाया गया है। शोध में त्वचा पर UVB के प्रभाव, जीवन प्रत्याशा और धुम्रपान जैसे कई पहलुओं पर भी ध्यान दिया गया। शोध के तथ्य 148 देशों के लिए उपलब्ध कराए गए हैं। 

** शोध में दावा किया गया है कि अल्ट्रावायलेट बी किरणों की अपर्याप्त मात्रा शरीर में विटामिन डी कमी (vitamin D deficiency) का कारण बनती है और विटामिन डी का गिरता स्तर कोलोरेक्टल कैंसर (Colorectal Cancer) के जोखिम को और भी ज्यादा बढ़ा देता है। रिसचर्स की माने तो भविष्य के शोध विटामिन डी की कमी (vitamin D deficiency) पूरा कर कोलोरेक्टल कैंसर के खतरे को कम करने की दिशा में किए जा सकते हैं। 

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2. UVB की कमी ने बढ़ाया कैंसर (Cancer Risk) का खतरा?

इस शोध के तथ्यों को BMC पब्लिक हेल्थ जनर्ल में प्रकाशित किया गया है। कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के रिसचर्स ने 2017 में अल्ट्रावायलेट-बी किरणों के वैश्विक स्तर, 2018 में कई देशों और आयु वर्गों में कोलोरेक्टल कैंसर (Colorectal Cancer) के मामलों बीच संभावित संबंधों की जांच की। इस अध्ययन में 186 देशों के 75 वर्ष तक के सभी आयु वर्गों के लोगों को शामिल किया गया।

शोध में पाया गया कि अल्ट्रावायलेट बी किरणों की अपर्याप्त मात्रा का कोलोरेक्टल कैंसर (Colorectal Cancer) के बढ़ते मामलों से सीधा संबंध है। शोध के दौरान NASA के अंतरिक्षयान द्वारा 2017 में प्राप्त UVB के अनुमानों और ग्लोबल कैंसर डेटाबेस (GLOBOCAN) से 2018 में 186 देशों के कोलोरेक्टल कैंसर के मामलों पर अध्ययन किया गया। साथ ही 146 देशों से स्किन पिगमेंटेशन, जीवन प्रत्याशा, धुम्रपान, ओजोन के स्तर सहित UVB को प्रभावित करने वाले तमाम कारकों और कारणों के आकड़ें भी जुटाए गए। 

3. कोलोरेक्टल कैंसर के कारण जानिए (Causes of Colorectal Cancer) 

ताजा शोध में UVB किरणों की कमी को कोलोरेक्टल कैंसर का एक कारण माना है। उम्र के साथ कोलोरेक्टल कैंसर होने का खतरा ज्यादा बढ़ता है। अधिकांश लोगों में उम्र के पांचवें दशक बाद में ये कैंसर अधिक होता है। आहार में ज्यादा मात्रा में रेड मीट और कम मात्रा में ताजे फल और सब्जियां लेने से कोलोरेक्टल कैंसर का खतरा (Colorectal Cancer) बढ़ जाता है।

भोजन में फाइबर की कमी, कोलोरेक्टल कैंसर के खतरे को बढ़ा देती है। जो व्यक्ति मछली ज्यादा खाते हैं, उनमें यह रोग कम होता है। वहीं, मोटापे के साथ साथ शारीरिक निष्क्रियता, धूम्रपान और शराब का अत्याधिक सेवन भी कोलोरेक्टल कैंसर (Colorectal Cancer) के कारणों में शुमार है। कोलोरेक्टल कैंसर के रोगियों के कुछ जीन परिवर्तन होता हैं जो अनुवांशिक होता है और जोखिम को बढ़ाता है। 

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4. कोलोरेक्टल कैंसर (Colorectal Cancer) के लक्षण जानिए

कोलोरेक्टल कैंसर को लेकर हर किसी को जागरुक रहने की दरकार है ऐसे में आपको भी नजर आएं ये लक्षण तो हो जाएं सावधान

  1. मल में लाल या काले रंग का खून का धब्बे दिखाई देना
  2. मल त्याग की आदतों में परिवर्तन
  3. लगातार दस्त होना या कब्ज रहना
  4. लगातार कमजोरी या थकान महसूस होना
  5. भूख न लगना
  6. वजन कम होना
  7. खून हीमोग्लोबिन में कमी
  8. पेट में दर्द या बेचैनी रहना

5. क्या कहता है ताजा शोध?

इस पूरे अध्ययन के सह लेखक राफेल कुओमो का मानना है कि UVB किरणों की असमानता के कारण 45 साल से ज्यादा उम्र वाले लोगों में कोलोरेक्टल कैंसर (Colorectal Cancer) के मामले ज्यादा पाए गए हैं। हालांकि ये शोध के शुरुआती रुझान है लेकिन उम्रदराज लोग विटामिन डी (Vitamin-D) की कमी की पूर्ति कर कोलोरेक्टल कैंसर के जोखिम (Cancer Risk) को काफी हद तक कम भी कर सकते हैं। साथ ही शोधकर्ताओं ने चेताया है कि लेखकों ने चेतावनी दी है कि विटामिन डी की खुराक, कपड़े और वायु प्रदूषण सहित कई अन्य कारक भी UVB जोखिम और विटामिन डी (Vitamin-D) के स्तर को प्रभावित कर सकते हैं क्योंकि इन्हें अध्ययन में शामिल नहीं किया गया था।

डिस्क्लेमर

इस लेख में कोलोरेक्टल कैंसर के कारणों के बारे में बताया गया है। उम्मीद है यह जानकारी आपको पसंद आएगी। अगर आपक किसी अन्य विषय पर जानकारी हासिल करना चाहते हैं तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं। यह केवल सामान्य जानकारी है यह किसी भी प्रकार से योग्य चिकित्सक की सलाह का विकल्प नहीं हो सकता। किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए आयु ऐप डाउनलोड करें

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