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Typhoid: टाइफाइड बुखार का कारण, लक्षण और बचाव के 5 आसान उपाय, जानें

Typhoid: टाइफाइड बुखार का कारण, लक्षण और बचाव के 5 आसान उपाय, जानें

Typhoid symptoms: भारत समेत दुनिया भर में हर साल टाइफाइड के लगभग 11 से 21 मिलियन मामले सामने आते हैं। टाइफाइड बुखार होने का खास कारण साफ-सफाई पर भी अधिक ध्यान नहीं दिया जाता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुमान के मुताबिक, विश्व स्तर पर हर साल लगभग 28,000 से लेकर 1,61,000 टाइफॉइड (Typhoid) से संबंधित मौतें होती हैं। रोगी को टाइफाइड में कमजोरी महसूस होने लगती है। क्या आप जानते हैं कि टाइफाइड किस-किस कारण से हो सकता है। टाइफाइड होने पर कौन-कौन से लक्षण महसूस होते हैं, टाइफाइड में क्या परहेज करना जरूरी होता है, और टाइफाइड के उपचार (typhoid ka ilaj) के लिए क्या-क्या करना है।

1. टाइफॉइड क्या है? (What Is Typhoid)

टाइफाइड बुखार साल्मोनेला एन्टेरिका सेरोटाइप टाइफी बैक्टीरिया की वजह से होता है। यह बैक्टीरिया पानी और खाने के जरिए लोगों के अन्दर जाता है और इसके द्वारा बहुत से लोगों में यह फ़ैल जाता है।

टाइफॉइड होने पर तेज बुखार, डायरिया और उल्टी मुख्य रूप से होता है। दूषित पानी या भोजन के जरिए इस बैक्टीरियल इंफेक्शन के होने की संभावना काफी हद तक बढ़ जाती है। एस. टाइफी बैक्टीरिया मुंह के जरिए आपकी आंतों में प्रवेश करके वहां लगभग एक से तीन सप्ताह तक रहता है। उसके बाद आंतों की दीवार (intestinal wall) के जरिए आपके रक्तप्रवाह (bloodstream) में प्रवेश कर जाता है।  टाइफॉइड की संभावित जटिलताओं में किडनी फेलियर, गंभीर जीआई रक्तस्राव (GI bleeding) आदि शामिल हैं।

टाइफॉइड का इलाज ना कराने से यह आपके लिए घातक हो सकता है। टाइफाइड बुखार के लिए काफी बेहतर इलाज उपबल्ध है। टाइफाइड बुखार के इलाज के लिए आप घर बैठे आयु ऐप पर मौजूद विशेषज्ञ डॉक्टरों से परामर्श भी कर सकते हैं। क्लिक करें। 👇

Online doctor consultation for typhoid fever

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टाइफाइड में कमजोरी होने पर जब आपको थकान या आलस्य महसूस हो तो भी हिम्मत करके गरम पानी से स्नान करें। यदि रोगी स्वयं उठकर स्नान न कर पाए तो उसके शरीर में स्पौंजिंग करनी चाहिए। नहाने और स्पौंजिंग के लिए हमेशा गर्म पानी का उपयोग करें। पसीना आने से बुखार कम हो जाता है।

2. टाइफाइड फैलने के प्रमुख कारण

– गंदे पानी के सेवन से
– दूषित भोजन करने से
– आस पास की गंदगी के कारण।
– टाइफाइड से पीड़ित किसी शख्स के सीधे संपर्क में आने से।
– टाइफाइड पीड़ित व्यक्ति द्वारा बनाये गए भोजन का सेवन करने से।

3. टाइफाइड के लक्षण (Symptoms Of Typhoid)

टायफायड बुखार के रोगियों को बैक्टीरिया के संपर्क में आने के लगभग 1-3 सप्ताह बाद लक्षण दिखाई देते हैं। गंभीरता के आधार पर रोग की अवधि 3 से 4 सप्ताह तक भी हो सकती है। सामान्य इंक्यूबेशन समय 7 से 14 दिन है।

टाइफॉइड बुखार के कुछ प्रमुख लक्षण इस प्रकार हैं:-

  • सिरदर्द
  • कब्ज या डायरिया
  • तेज बुखार (103° फेरेनहाइट)
  • भूख ना लगना
  • लिवर और स्प्लीन का बढ़ जाना
  • सीने पर लाल रंग के निशान
  • थकान
  • ठंड लगना
  • दर्द और कमजोरी महसूस होना
  • पेट में दर्द

4. टाइफाइड के निदान कैसे किया जाता है? Typhoid fever diagnosis in Hindi

टाइफाइड टेस्ट

आमतौर पर टाइफाइड का निदान खून, मल या मूत्र के नमूनों का परीक्षण करके किया जाता है। इसके बाद इनका साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया के लिए माइक्रोस्कोप के तहत परीक्षण किया जाता है जो संक्रमण के लिए जिम्मेदार होते हैं।

बोन मैरो के नमूने का परीक्षण बैक्टीरिया का पता लगाने का सबसे अच्छा तरीका है, लेकिन यह समय लेने वाला और दर्दनाक हो सकता है।

टाइफाइड की बीमारी 7 से 14 दिनों तक शरीर में रहती है लेकिन यह कम से कम 3 दिन और ज्यादा से ज्यादा 30 दिन तक रह सकती है। यदि इसका उपचार नहीं किया जाता है, तो बीमारी 3 से 4 सप्ताह तक रह सकती है।

5. टाइफाइड का उपचार (Treatment Of Typhoid)

– टाइफाइड के दौरान डॉक्टर एंटीबायोटिक्स दवाओं से भी टाइफाइड फीवर का इलाज किया जा सकता है। सही समय में शुरू किया गया एंटीबायोटिक्स का इलाज ही कुछ दिनों में रिजल्ट देने लगता है।

– टाइफाइड से पीड़ित किसी भी इंसान की बॉडी में पानी की कमी होने लगती है। इसकी पूर्ति लिक्विड डाइट से पूरी की जा सकती है।

– इस दौरान पीड़ित की स्थिति ज्यादा खराब होने पर सर्जरी की नौबत भी आ जाती है।

6. टाइफाइड बुखार से बचाव के उपाय (Prevention of Typhoid Fever in Hindi)

आमतौर पर भोजन और जीवनशैली के असर के कारण भी टाइफाइड होता है। इसके लिए आहार और जीवनशैली में थोड़ा बदलाव (typhoid remedies) लाने की जरूरत होती है। जैसे-

Typhoid Diet

                                             Typhoid Diet

आहार में बदलाव

-टाइफाइड में प्याज, लहसुन आदि तीव्र गंध  वाले खाद्य पदार्थों से परहेज करें।
-टाइफाइड में सभी मसाले जैसे कि मिर्च, सॉस, सिरका आदि से परहेज करें।
-टाइफाइड में गैस बनाने वाले आहार जैसे- अनानास, कटहल आदि का सेवन न करें।
-टाइफाइड के लक्षण महसूस होने पर उच्च रेशेदार युक्त आहार, सब्जियाँ जिनमें उच्च मात्रा में रेशा, अघुलनशील रेशा हो जैसे-केला, पपीता, शक्करकन्द, साबुत अनाज से परहेज (typhoid remedies) करें।
-टाइफाइड के लक्षण महसूस होने पर मक्खन, घी, पेस्ट्री, तले हुए आहार, मिठाईयाँ से परहेज करें।
-बाजार की बनी हुई चीजों से परहेज करें।
-टाइफाइड में मांसाहारी भोजन से परहेज करें।
-चाय, कॉफी, दारु-शराब, सिगरेट का सेवन करने से बचें।

जीवनशैली में बदलाव :

– साफ और उबलाकर पानी पिएं।
– पूरी तरह से पका और गरम खाना खाएं।
– जहां तक संभव हो नॉनवेज न खाएं।
– पीड़ित लोगों के सीधा संपर्क में न आएं।
– बाजार से आए फलों को साफ करके ही खाएं।
– साफ सफाई का ध्यान रखें।

7. टाइफाइड बुखार में क्या खाना चाहिए?

हाई कैलोरी फूड जैसे- पास्ता, आलू, केले।
– ताजे फलों का जूस।
– प्रोटीन और ओमेगा 3 से भरपूर खाना। जैसे- अखरोट और नट्स।

डिस्क्लेमर-

दोस्तों अब तो आप को टाइफाइड बुखार (Typhoid fever) क्यों होता है, इसके कारण, लक्षण और बचाव के उपाय के बारे में पता चल गया होगा।

अगर आपको टाइफाइड बुखार (Typhoid fever in Hindi) के बारे में यह जानकारी अच्छी लगी तो इसे अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ भी जरूर शेयर करें। अगर आप घर बैठे टाइफाइड बुखार के इलाज के लिए विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श करना चाहते हैं तो www.aayu.app पर विजिट करें। 

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