क्यों होता है बुखार, जानें इसके लक्षण और उपाए | Fever
शरीर के सामान्य तापमान से अधिक होने की स्थिति को बुखार कहा जाता है. चिकित्सा विज्ञान में बुखार हमारे शरीर को संक्रमण से बचाने का एक तरीका है. इसलिए बुखार को संक्रमण यानि इंफेक्शन से होने वाली बीमारी भी माना जाता है. क्योंकि बुखार होने पर हमारे शरीर पर इंफेक्शन यानि बुरे बैक्टीरिया का हमला होता है जिसे बचाने के लिए शरीर में मौजूद व्हाइट ब्लड सेल्स एक्टिव हो जाते हैं. जिससे शरीर का तापमान बढ़ता है और शरीर में कंपकंपी महसूस होती है.
किन कारणों से आता है बुखार
- बक्टेरिया, वायरल संक्रमण, इन्फ्लूएंजा के कारण
- दवाओं के कारण
- गैरकानूनी ड्रग्स के सेवन के कारण
- गर्मी के संपर्क से संबंधित बीमारियों के कारण
- एलर्जी के कारण
- सूजन संबंधी बीमारियों के कारण
- नींद का पूरा नहीं होना
- टेंशन लेना
- सर्जरी के बाद बुखार होना
- यूरिन इन्फेक्शन
- छाती में इंफेक्शन
क्या है बुखार के लक्षण
- चिड़चिड़ापन, सुस्ती, उग्रता या बिल्कुल शांत होना बुखार के लक्षण हो सकते हैं
- गर्मी या शरीर को गर्म महसूस कर सकते हैं.
- अच्छी तरह से भोजन ना करना
- तेजी से सांस लेना
- सोने या खाने की आदतों में परिवर्तन प्रदर्शित करना
- भूख नहीं लगना या पेट भरा-भरा सा लगना
- सिरदर्द होना
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बुखार के प्रकार
- मलेरिया
- डेंगू
- चिकनगुनिया
- पीलिया
- टायफायड
- काला जार
साधारण और डेंगू बुखार में अंतर
साधारण बुखार डेंगू रोग की तरह संक्रामक नहीं होता, बल्कि मौसम में बदलाव के कारण अक्सर हो जाता है. लेकिन डेंगू एक संक्रामक रोग है जो एडीज नामक मच्छर के काटने से फैलता है. हालांकि ये मरीज को छूने, उसके पास बैठने या उसके साथ खाना-खाने से नहीं फैलता है.
4 प्रकार के होते हैं मलेरिया:
साधारण बुखार शरीर की प्रक्रिया है, जिसमें मस्तिष्क का तापमान बढ़ने पर शरीर उसे बैलेंस करने के लिये खुद गर्म होने लगता है. हालांकि बुखार आने के कई अन्य कारण निमोनिया, फ्लू या किसी प्रकार का इंफेक्शन भी होता है. लेकिन डेंगू 4 प्रकार के डेंगू वायरस (डी-1, डी-2, डी-3, डी-4) से होता है. यह वायरस दिन में काटने वाले दो प्रकार के मच्छरों से फैलता है. Adis Mosquito घर पर बहुत लंबे समय से भरे पानी में ठहर कर अंडे देना शुरू कर देता है।
सबसे ज़्यादा बुखार भारत में मलेरिया की वजह से होता है। भारत में दो तरह के मलेरिया की प्रजातियां पाई जाती है। प्लासमोडियम वाइवेक्स और फाल्सीपेरम। इसमें प्लासमोडियम, फाल्सीपेरम ज़्यादा खतरनाक है। इसमें हीमोग्लोबिन कम हो जाता है यहाँ तक कि मौत भी हो सकती है।
डेंगू में हो जाता है BP कम
सामान्य बुखार में ठंड लगना, कंपकपी, छींके आना और कभी-कभी खांसी भी हो जाती है. साथ ही बुखार उतरने पर बहुत सारा पसीना आने लगता है. लेकिन डेंगू में ठंड के साथ तेज बुखार, सिर मांसपेशियों तथा जोड़ों में दर्द, आंखों के पिछले भाग में दर्द, कमजोरी, भूख लगना, शरीर पर लाल-गुलाबी ददोरे या दाने आना शामिल है. इसके अलावा बेचैनी और बल्ड प्रेशर कम होना भी शामिल है। डेंगू में प्लेटलेट्स कम हो जाती है इसलिए मल्टी-विटामिन, एंटीऑक्सिडेंट्स, फ्लूइड इन्टेक ज़्यादा लेना चाहिए। अगर किसी को सर्दी लगकर बुखार आता है तो मलेरिया या UTI या Chest Infection हो सकता है।
तापमान में हो जाती हैं बढ़ोतरी
साधारण बुखार में शरीर का तापमान 100 से 102 डिग्री तक रहता है. हालांकि कभी-कभी 103 डिग्री फेरनाइट तक हो जाता है. लेकिन डेंगू में शरीर का तापमान 103 डिग्री फेरनाइट से ऊपर चला जाता है. जो बढ़कर 105 डिग्री तक हो जाता है.
सामान्य बुखार जल्दी हो जाता है ठीक
अगर बुखार दो से तीन घंटे में आराम करने से उतर जाये, तो बुखार सामान्य होता है. आमतौर पर साधारण बुखार का पता दवा की पहली खुराक में उतरने पर ही लग जाता है. लेकिन असाधारण बुखार जल्दी उतरता नहीं और इसका पता ब्लड टेस्ट के माध्यम से किया जाता है. अगर ब्लड में डेंगू वायरस हो तो तुरंत उपचार दिया जाना चाहिये. सामान्य बुखार ज़्यादा म्हणत करने से भी हो सकता है।
बुखार का घरेलू उपचार
- तुलसी की पत्तियां आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर होती हैं. ये इम्यूनिटी को बूस्ट करने के साथ ही तनाव, सिरदर्द और इंफेक्शन से राहत दिलाने का काम करती हैं.
- एक लौंग अच्छे से बारीक़-बारीक़ पीसकर हलके गर्म पानी के साथ लेने से बुखार जल्द ही ठीक हो जाता हैं.
- पुदीना बुखार से आई कमजोरी को दूर करने में बहुत मदद करती हैं.
- मुनक्का में बुखार उतारने की अद्भुत क्षमता होती हैं, इसके सेवन से टाइफाइड, वायरल बुखार, सामान्य बुखार आदि में अत्यंत लाभ होता हैं.
- बुखार में मुनक्का खाने से दो बड़े लाभ होते हैं पहला रोगी के शरीर में जो भी विषैले संक्रमण हैं वह सभी नष्ट हो जाते हैं और दूसरा इससे बुखार में आई कमजोरी दूर हो जाती हैं.
- अदरक भी बुखार में बहुत फायदेमंद होता हैं, इसमें ऐसे गुण होते हैं जो की सर्दी जुकाम व बुखार को ख़त्म करने में मदद करते हैं.
- बुखार के वक्त टमाटर का सूप पिने से बहुत लाभ होता हैं, यह सूप शरीर में पनप रहे ख़राब पदार्थों को ख़त्म करने में बहुत मदद करता हैं. इसलिए बुखार के समय रोजाना टमाटर का सूप लेना चाहिए.
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बुखार से बचने के उपाय
- बुखार के समय रोगी को आराम करना चाहिए व बाहरी हवा में घूमना नहीं चाहिए.
- मरीज को भरपूर मात्रा में पानी पीते रहना चाहिए, ऐसा करने से शरीर की प्रणाली सही चलती रहती हैं.
- मरीज को सामान्य चाय की जगह अदरक और पुदीना की चाय पीना चाहिए.
- मरीज को एक बार ज़रूर स्नान करना चाहिए।
- बुखार के दौरान मरीज को धूम्रपान और मदीरापान नहीं करना चाहिए
अगर आपके घर का कोई सदस्य लंबे समय से बीमार है या उसकी बीमारी घरेलू उपायों से कुछ समय के लिए ठीक हो जाती है, लेकिन पीछा नहीं छोड़ती है तो आपको तत्काल उसे डॉक्टर से दिखाना चाहिए. क्योंकि कई बार छोटी बीमारी भी विकराल रूप धारण कर लेती है.
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