थैलेसीमिया गर्भावस्था को कैसे करता है प्रभावित, जानें थैलेसीमिया के बारे में सबकुछ
थैलेसीमिया गर्भावस्था से संबंधित विभिन्न चिंताओं को भी सामने लाती है। यह विकार प्रजनन अंग के विकास को प्रभावित करता है। इस वजह से, थैलेसीमिया वाली महिलाओं में प्रजनन संबंधित समस्याएं आ सकती हैं। विश्व थैलेसीमिया दिवस हर बार बदलती थीम पर 8 मई को मनाया जाता है। वर्ल्ड थैलेसीमिया डे 2020 की थीम (World Thalassaemia Day 2020 Theme) ‘यूनिवर्सल एक्सेस टू क्वालिटी थैलीसीमिया हैल्थकेयर सर्विसेसः बिल्डिंग ब्रिजेस विद एंड फॉर पेशेंट्स’ रखी गई है।
थैलेसीमिया क्या है? (What is Thalassemia)
डॉक्टर्स के अनुसार, थैलेसीमिया खून से संबंधित विकार है, जो एक जेनेटिक रोग है। यह माता-पिता से बच्चों को होता है। हीमोग्लोबिन निर्माण के कार्य में गड़बड़ी देखने को मिलती है। इसलिए डॉक्टर सलाह देते हैं कि कोई भी कपल यदि बच्चे की प्लानिंग कर रहे हैं तो थैलेसीमिया टेस्ट जरूर करवा लें।
थैलेसीमिया का गर्भावस्था पर क्या असर पड़ेगा? (Effect of Thalassemia)
- सबसे पहले थैलेसीमिया के प्रकार को जानना बहुत जरूरी है।
- एल्फा थैलेसीमिया माइनर की वजह से गर्भावस्था में एनीमिया हो सकता है।
- एल्फा थैलेसीमिया की वजह से गंभीर एनीमिया होता है और खून चढ़वाने की जरुरत होती है।
- बीटा थैलेसीमिया मेजर होने पर गर्भधारण करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
- गर्भावस्था बढ़ने के साथ-साथ आपके रक्त आधान और चिकित्सकीय जरुरतों में भी शायद बदलाव आएगा।
नवजात को भी हो सकता है थैलेसीमिया
यदि माता-पिता में से किसी एक को थैलेसीमिया माइनर है तो शिशु को वंशाणु विकार प्राप्त होने और अपने माता या पिता की तरह थैलेसीमिया वाहक होने की संभावना 50 फीसदी होती है।
माता-पिता दोनों को थैलेसीमिया माइनर है, तो उसे विकारग्रस्त वंशाणु दोगुणा ज्यादा मिल सकते हैं और उसे गंभीर थैलेसीमिया मेजर हो सकता है।
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