कान दर्द होने पर हो सकती हैं ये समस्याएं, जानें कान दर्द के लक्षण, और इलाज Symptoms, Causes and treatment

कान में दर्द होने का मुख्य कारण किसी तरह का संक्रमण या जुकाम हो सकता है, लेकिन कभी-कभी कुछ अन्य कारणों की वजह से भी कान दर्द की समस्या हो सकती है। कान के मध्य से लेकर गले के पीछे तक यूस्टेशियन ट्यूब होती है। यूस्टेशियन ट्यूब कान के बीच तरल पदार्थ का उत्पादन करती है, जब ट्यूब के अवरूद्ध होने पर तरल पदार्थ का निर्माण अधिक होने लगता है तो कान के पर्दे पर दबाव पड़ने लगता है जिसकी वजह से कान में दर्द होने लगता है। उपचार ना होने पर तरल पदार्थ संक्रमित होकर कान में संक्रमण पैदा करता है जिससे आपके कान का दर्द और बढ़ सकता है।
आइये आपको बताते है कान दर्द के लक्षण (Symptoms of Ear Pain in Hindi), कारण और इलाज।
“कान में पानी जाना आपके कान में दर्द होने का कारण बन सकता है। इसके लिए आप तुलसी की पत्तियों को पीसकर उसका रस निकालकर कानों में डालें। इससे आपको कुछ देर में कान दर्द से राहत मिलेगी। “
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कान में दर्द काफी पीड़ादायक होता है। कानों में मैल जम जाने की वजह से, साइनस इंफेक्शन या फिर कैविटीज की वजह से कानों में दर्द की समस्या उत्पन्न हो सकती है। कान का दर्द असहनीय होता है। कभी-कभी कान दर्द की वजह से लोग बुखार से भी पीड़ित हो जाते है। इसके अलावा कान का दर्द बहरेपन का कारण भी बन सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि कान में किसी भी तरह का संक्रमण होने पर एंटी बायोटिक्स से परहेज करना चाहिए ऐसा इसलिए क्योंकि ज्यादा एंटीबायोटिक्स का सेवन एंटीबायोटिक प्रतिरोधी संक्रमण का कारण हो सकता है।
कान दर्द के लक्षण: Symptoms of Ear Pain in Hindi:
- कान में तेज़ दर्द होना: यह कान के दर्द का मुख्य लक्षण है, जिसमें व्यक्ति के कान में तेज़ दर्द होता है। इसकी वजह से वह कुछ समय के लिए बेसुध हो जाता है और आराम करने की जरूरत पड़ती है।
- कान में भारीपन महसूस होना: अक्सर, ऐसा देखा गया है कि कुछ लोगों को कान में भारीपन महसूस होता है, जिसकी वजह से उन्हें काफी तकलीफ का सामना करना पड़ता है।
- जी घबराना: आमतौर पर, जी घबराने को गंभीरता से नहीं लिया जाता है और ऐसा माना जाता है कि यह समस्या कुछ समय के बाद स्वयं ही ठीक हो जाती है लेकिन, कुछ मामलों में जैसे कान के दर्द में जी घबराना गंभीर समस्या का कारण बन सकता है।
- सुनाई कम देना: जब किसी इंसान को कान का दर्द काफी लंबे समय तक रहता है, तो इसका असर उसकी सुनने की क्षमता पर पड़ता है उसे धीरे-धीरे कम सुनाई देना की परेशानी हो जाती है। अत: यदि कोई व्यक्ति ऐसी समस्या से पीड़ित है तो उसे इसकी सूचना अपने डॉक्टर को तुरंत देनी चाहिए।
- कान से तरल पदार्थ का निकलना: कभी-कभी ऐसा देखा गया है कि कान की समस्या के होने पर कुछ लोगों का कान बेहने लगता है और उन्हें ऐसा महसूस होता है जैसे उनके कान से कोई तरल पदार्थ निकल रहा है।
कान दर्द के कारण: Causes of Ear Pain in Hindi:
- सर्दी और जुकाम यदि ज्यादा दिनों तक बना रहता है तो कान का दर्द हो सकता है।
- कान के पर्दे के फटने या कान के पर्दे में छेद होने पर कान में दर्द हो सकता है इसके कई कारण हो सकते है जैसे, कान में कोई वस्तु डालना, सिर पर गंभीर चोट, बहुत तेज आवाज, मध्य कान में संक्रमण होना।
- ओटाइटिस मीडिया बच्चों के कान में दर्द का एक आम कारण है। यह मध्य कान में होने वाला एक संक्रमण है। इसमें कान में बहुत तेज दर्द होता है। इसके अन्य लक्षणों में तेज बुखार, लगातार कान में दर्द, सुनने में कठिनाई होती है।
- कान में पानी जाने की वजह से या वैक्स जमा होने की वजह से भी कान में दर्द हो सकता है।
- बच्चों के कान में दर्द का सबसे आम कारण इंफेक्शन या कोल्ड है या फिर किसी तेज चीज से कान को साफ करने से दर्द हो जाता है।
- कई बार नहाते समय साबुन या शैम्पू कान में रह जाने से भी कान में दर्द हो सकता है।
- इयर बैरोट्राँमा ज्यादातर स्काइडाइविंग, स्कूवा डाइविंग या हवाई जहाज की उड़ानों के दौरान अनुभव होता है,जैसे जब विमान लैंडिंग के लिए उतरता है तब वायुमंडलीय दबाव और कान दबाव में अंतर मध्य कान में वैक्यूम पैदा कर कान के पर्दे पर दबाव डालता है जिसके कारण कान का दर्द होता है। बैरोट्रॉमा का मुख्य कारण कान के दबाव में अचानक परिवर्तन होना है तथा इसके अन्य कारणों में गले में सूजन, एलर्जी से नाक का बंद होना, श्वसन संक्रमण है। बैरोट्रॉमा की स्थिति में कान में दर्द तथा कान भरा हुआ महसूस होता है।
- कान के पर्दे का फटना भी कान दर्द का एक मुख्य कारण है। किसी भी वजह से इस संवेदनशील जगह पर क्षति पहुँचने से कान में दर्द होने लगता है। कान का पर्दा कान में पेन, सेफ्टीपिन या कोई अन्य नुकीली वस्तु के डालने से, सिर पर गंभीर चोट, बहुत तेज ध्वनि सुनने के कारण होता है।
- किसी बारीक चीज से कान में खुजलाने से कान में दर्द होता है।
- साइनस के संक्रमण के कारण भी कान दर्द की समस्या हो जाती है। साइनस हमारे माथे, नाक की हड्डियों, गाल और आँखों के पीछे खोपड़ी में पाया जाने वाला रिक्त स्थान है। स्वस्थ साइनस से प्रवाह कर सकती है परंतु साइनस के म्यूकस से अवरुद्ध होने से वहाँ पर संक्रमण हो जाता है तथा साइनस में सूजन आ जाती है। इस कारण से कान का दर्द होने लगता है।
- दाँत में बैक्टीरियल इंफेक्शन होने की वजह से भी कान में दर्द होने लगता है। दाँत में कैविटी या संक्रमण होने से, कई बार यह संक्रमण दाँतों का समर्थन करने वाली हड्डियों तक फैलकर गंभीर दर्द का कारण बनता है।
- जबड़े में सूजन होने से कान में दर्द होता है।
- कान में फुंसी होने पर कान में दर्द होता है।
- कान में किसी बाहरी वस्तु या कीड़े के घुसने से भी कान में दर्द होता है।
कान में दर्द का घरेलू इलाज: Treatment of Ear Pain in Hindi:
लहसुन का इस्तेमाल कान दर्द से छुटकारा दिलाएं: लहसुन का प्रयोग करके कान दर्द से आसानी से छुटकारा पाया जा सकता है। लहसुन की दो कलियों को कूटकर उन्हें 2 चम्मच सरसो के तेल में मिलाएं। इस मिश्रण को तब तक गर्म करें जब तक लहसुन पककर काला ना हो जाए। अब इसे ठंडा कर कुछ बूंदे दर्द से प्रभावित कान में डालें। लहसुन की प्रवृति दर्दनिवारक होती है। कुछ ही देर में आपको दर्द से राहत मिलेगी।
तुलसी के पत्ते का जूस पिएँ: दर्द के इलाज के लिए तुलसी के पत्ते का जूस एक महत्वपूर्ण औषधि है। इसकी पत्तियों को पीसकर उसका रस निकालकर कानों में डालें। कुछ ही देर में दर्द से राहत मिलेगी।
सरसों के तेल की बूंदें कान दर्द से छुटकारा दिलाएं: सरसो का तेल कान के मैल को साफ करने की मदद करते है। इस तेल की दो-तीन बूंदों को दोनों कानों में बारी-बारी से डालें। एक कान में तेल डालने के बाद दूसरे कान में डालने से पहले 15 मिनट तक इंतजार करें। यह कान के मैल को बाहर लाने में मदद करता है।
नमक को गर्म करके इसका इस्तेमाल करें: नमक कान के लिए एक औषधि का काम करता है। थोड़ा-सा नमक लेकर उसे धीमी आंच पर गर्म करें। एक सूत की बत्ती इसमें भिगोकर प्रभावित कान में डालें और 10 मिनट तक ऐसे ही रहने दें। यह कान से मैल को बाहर निकालता है और सूजन कम करता है।
अस्वीकरण: सलाह सहित इस लेख में सामान्य जानकारी दी गई है। अधिक जानकारी के लिए आज ही अपने फोन में आयु ऐपडाउनलोड कर घर बैठे विशेषज्ञ डॉक्टरों से परामर्श करें। स्वास्थ संबंधी जानकारी के लिए आप हमारे हेल्पलाइन नंबर 781-681-11-11 पर कॉल करके भी अपनी समस्या दर्ज करा सकते हैं। आयु ऐप हमेशा आपके बेहतर स्वास्थ के लिए कार्यरत है।