बैलेंस डाइट से नहीं हो रही विटामिन और मिनरल्स की कमी पूरी, तो ले सकते है ये सप्लीमेंट्स | Daily Health Tip | Aayu App
“प्रोबायोटिक्स एक तरह के बैक्टीरिया होता है जो हमे संक्रमण से लड़ने में मदद करते है। “
” Probiotics is a type of bacteria which help us in fighting infections. “
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विटामिन्स और मिनरल्स का हमारी बॉडी की ग्रोथ में काफी अहम योगदान होता है। खाने से सारे विटामिन्स और मिनरल्स लेना काफी मुश्किल हो गया है, क्योंकि लोगों का झुकाव हेल्दी खाने की अपेक्षा जंक फूड की ओर ज्यादा होता है।
खाने से ही विटामिन और मिनरल्स को लेना ही सबसे सही माना जाता है। लेकिन आज कल की दौड़ती भागती लाइफ में लोग सप्लीमेंट्स से इनकी कमी पूरी कर रहे हैं। यदि आप हेल्दी और बैलेंस डाइट लेते हैं, तो आपको सप्लीमेंट्स की ज़रुरत नहीं पड़ती।
एनर्जी सप्लीमेंट्स:
फिश ऑयल: यह एक बहुत जरूरी ऑमेगा-3 फैटी एसिड है। जो नैचुरल रूप से सैल्मन मछली में पाया जाता है। ओमेगा -3 फैटी एसिड हार्ट और दिमाग को एक्टिव रखने के लिए बहुत जरूरी है। मछली का तेल ओमेगा -3 फैटी एसिड का सोर्स है, लेकिन इसे आप कॉड लिवर तेल की टेब्लेट्स, अलसी का तेल, अखरोट और चिया बीज से प्राप्त कर सकते है।
प्रोबायोटिक्स: ये ऐसे बैक्टीरिया हैं, जो हमारी आंत को साफ करते हैं और अवशोषण (Absorption) और संक्रमण (Infection) से लड़ने में सहायता करते हैं। शरीर में आंत और हमारे इम्यून सिस्टम का सीधा कनेक्शन है। प्रोबायोटिक को रोजाना अपनी डेली डाइट में शामिल करने से आपको अच्छी हेल्थ में काफी मदद मिल सकती है।
प्रोबायोटिक्स, पाचन और हार्मोनल संतुलन में सहायता करते हैं। दही एक तरह का प्रोबायोटिक सोर्स है।
मैग्नीशियम: यह कई एंजाइमेटिक प्रतिक्रियाओं (Enzymatic Reactions) में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इनमें मेटाबॉल्जिंग फूड (Metabolising Food), सिंथेसाइजिंग (Synthesising) शामिल हैं। ये फैटी एसिड, प्रोटीन और नर्व स्ट्रेस का लेवल भी कम करता है।
प्रोटीन: प्रोटीन सप्लीमेंट से कई लोगों को फायदा हो सकता है। ये एथलीट्स, बॉडी बिल्डर्स, वेजिटेरियन खाना खाने वाले लोग या फिर फैट लॉस वाले लोग ले सकते है। ये मेटाबॉलिज्म बढ़ाने, भूख कम करने, मसल्स बनाने और वेट लॉस करने में मदद करता है।
कैल्शियम: शरीर की हड्डियां कैल्शियम से बनी होती है। कैल्शियम का सेवन करने से आपकी हड्डियों की हेल्थ अच्छी रहती है। दूध, दही, हरी पत्तेदार सब्जियां और पनीर कैल्शियम के अच्छे सोर्स हैं। डेयरी प्रोडक्ट्स कम लेने से आपके शरीर में इसकी कमी हो सकती है और इसका सप्लीमेंट आपकी जरुरतानुसार कैल्शियम की मात्रा लेने में हेल्प कर सकता है।
जिंक: जिंक की खुराक आपके लिए बहुत जरूरी होती है। इससे आपका इम्युन सिस्टम स्वस्थ रहता है, स्केलेटन ग्रोथ में मदद करता है, एनर्जी को मेंटेन करता है और मेटाबॉलिज्म को फास्ट करता है।
मल्टीविटामिन और मल्टी मिनरल्स: हम जब खाने को ज्यादा कुक करते है तो अधिकतर विटामिन और मिनरल्स खाने से उड़ जाते हैं। Irritable Bowel Syndrome (IBS) जैसी मेडिकल कंडिशन में, बैलेंस डाइट खाने के बाद भी एब्जॉर्ब्शन मुश्किल हो जाती है।
ऐसे मामलों में नेचुरल मल्टीविटामिन और मल्टी मिनरल्स सप्लीमेंट लेना जरूरी हो जाता है। इनका अधिक सेवन आपको नुकसान पहुंचा सकता है।
किन-किन बातों का ध्यान रखें:
- आपको हमेशा न्यूट्रिएंट्स खाने से ही प्राप्त करने की कोशिश करनी चाहिए, जब बहुत जरुरत हो तभी सप्लीमेंट्स लें।
- हमेशा बैलेंस डाइट लेनी चाहिए ताकि आप हेल्दी रह सकें।
- सप्लीमेंट्स लेने के बाद सबकुछ नहीं छोड़ना है। कुछ सप्लीमेंट्स के साइड इफेक्ट्स भी होते हैं। सप्लीमेंट्स लेने से पहले डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें।
- कुछ सप्लीमेंट जैसे कि मछली का तेल, विटामिन डी, मैग्नीशियम, प्रोटीन, कैल्शियम, अजवाइन, हल्दी, जस्ता, इलायची, जीरा, मुलेठी, नीम, लोहा, विटामिन सी, दालचीनी, स्पिरुलिना, ग्लूकोसामाइन, तुलसी और सेसमिन इस्तेमाल कर सकते है।
यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा आयु ऐप (AAYU App) परडॉक्टर से संपर्क करें.
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