Spinal cord injury : क्या है स्पाइनल कार्ड इंजरी? जानें लक्षण, उपचार और बचाव के उपाय
रीढ़ की हड्डी (Spinal Cord Injury) नसों का वह समूह है जो दिमाग का संदेश शरीर के अन्य अंग खासकर हाथों और पैरों तक पहुँचाती है। अगर स्पाइनल कॉर्ड (Spinal Cord) में किसी भी प्रकार की चोट लग जाए तो यह पूरे शरीर के लिए घातक हो सकती है। चोट को तीन प्रकार में बांटा जा सकता है।
किसी भी दुर्घटना होने के बाद अगर आपको चोट लगती है तो उसकी गंभीरता इस बात पर निर्भर करती है कि स्पाइनल कॉर्ड का कौनसा भाग क्षतिग्रस्त हुआ है। कई गंभीर स्थिति में शरीर का नीचे का हिस्सा बेकार हो जाता है। इस स्थिति को पैराप्लेजिया कहते है। रोगी की स्थिति इस बात पर भी निर्भर करती है कि उसे कम्पलीट इंजरी हुई है या इन्कम्प्लीट।
कम्पलीट इंजरी में रोगी के चोटिल भाग और आसपास हरकत नहीं होती। सब सुन्न पड़ जाता है जब्कि इन्कम्प्लीट इंजरी में रोगी के चोट लगे हुए हिस्से में दर्द, हरकत या किसी प्रकार का एहसास जरूर होता है।
स्पाइनल कॉर्ड इंजरी के लक्षण (Spinal Cord Injury Symptoms)
– पैरों में जलन महसूस होना
– सुन्नपन या झुनझुनी का अहसास होना
– गर्दन, पीठ व कमर में दर्द और जकड़न
– गंभीर मामलों में मल-मूत्र संबंधी समस्याएं उत्पन्न होना
– चलने में कठिनाई होना
स्पाइनल कॉर्ड इंजरी के उपचार (Spinal Cord Injury Treatment)
स्पाइनल कॉर्ड इंजरी (Spinal Cord Injury) का उपचार इस बात पर निर्भर करता है कि इंजरी कितनी गंभीर है। स्पाइनल कॉर्ड की इंजरी के तुरंत बाद कुछ उपचार देने होते है जैसे गर्दन आदि में प्लास्टर करना, कभी-कभी सर्जरी भी करनी पड़ सकती है।
अधिकतर मामलों में मरीज को आईसीयू में वेंटिलेटर पर रखा जाता है। मरीज को पेय पदार्थ देने के लिए नली लगाई जाती है। पेशाब के लिए ट्यूब लगाई जाती है। इसमें डॉक्टरों द्वारा मरीज के दिल की धड़कन, ब्लड प्रेशर आदि पर निगरानी रखी जाती है।
स्पाइनल कॉर्ड इंजरी के लिए आधुनिक उपचार:
ज्यादातर मामलों में मिनिमली इनवेसिव सर्जरी (एमआईएस) से रोगी को थोड़ा आराम देने की कोशिश की जाती है। इसमें छोटा चीरा लगाकर सर्जरी की जाती है। इस प्रक्रिया में सामान्यतः खून का बहाव और चीर-फाड़ कम होती है। इसलिए कोशिश की जाती है कि बड़ी सर्जरी की जगह इसको प्राथमिकता दी जाए। इसमें मरीज कम समय में हॉस्पिटल से आ सकता है।
इसमें मरीज को वापस आने की जर्रोरत पड़ती है जिसमें रोगी की फिजियोथेरेपी की जाती है। इसके अलावा परिजनों की काउंसलिंग की जाती है।
स्पाइनल कॉर्ड इंजरी के बचाव के उपाय (Spinal Cord Injury prevention measure)
– व्यायाम करें
– अगर आपको देर तक गाड़ी चलानी है तो तकिये का इस्तेमाल करें
– दर्द अधिक होने पर चिकित्सक की सलाह से दर्द निवारक दवाओं का प्रयोग कर सकते है। फिजियथेरेपी द्वारा गर्दन का ट्रैक्शन व गर्दन के व्यायाम से आराम मिल सकता है।
डिस्क्लेमर
इस लेख में स्पाइनल कॉर्ड इंजरी के बारे में बताया गया है। यह केवल सामान्य जानकारी है ये किसी भी तरह से योग्य चिकित्सक का विकल्प नहीं है। किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए चिकित्सक की सलाह अनुसार इलाज लें। घर बैठे विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श करने और 2 घंटे से भी कम समय में दवाईयां पाने के लिए आयु ऐप डाउनलोड करें।
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