फ्रोजन फूड्स क्यों है सेहत के लिए खतरनाक जानें

ज्यादा व्यस्त जीवनशैली की वजह से हमारे खानपान के तरीके में भी बदलाव आता है। फ्रोजन फूड्स का इस्तेमाल किया जाता है, पर इनका इस्तेमाल करते समय लोगों को अपनी सेहत का ध्यान रखना चाहिए क्योंकि यह कई तरह से नुकसान पहुँचा सकते है।
फ्रोजन फूड्स के नुकसान (Side effects of Frozen Foods):
- फ्रोजन सब्जियों की लगभग 50 प्रतिशत पौष्टिकता नष्ट हो जाती है खासतौर पर विटामिन-बी और विटामिन-सी पूरी तरह नष्ट हो जाते है साथ ही स्वाद भी बदल सकता है।
- ऐसी चीजों की शेल्फ लाइफ बढाने के लिए कई तरह के प्रिजर्वेटिव्स का इस्तेमाल किया जाता है, जो हार्ट और लिवर के लिए नुकसानदायक होता है।
- फ्रोजन चीजें खासतौर पर चिकन, नगेट्स, पिज्जा, कबाब, आलू टिक्की और फ्रेंच फ्राइज जैसी चीजों को बहुत समय तक सुरक्षित रखने के लिए उनमें मोनो-सोडियम ग्लूटामेट और सोडियम बाइकार्बोनेट जैसे तत्व मिलाए जाते है ऐसी चीजों के सेवन से लोगों का ब्लडप्रेशर बढ जाता है।
- फ्रोजन सब्जियों और अन्य खाद्य पदार्थो को सुरक्षित रखने के कुछ ऐसे केमिकल्स मिलाए जाते है, जिन्हें एंटी माइक्रोबिएंस कहा जाता है। इनसे सेंसिटिव लोगों को एलर्जी हो सकती है।
- अगर लगातार लंबे समय तक फ्रोजन चीजों का सेवन किया जाए तो इसकी वजह से ट्यूमर या कैंसर जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती है।
- फ्रोजन फूड्स को आकर्षक बनाने के लिए उनमें ब्लू-1 और रेड-3 जैसे केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है, जो सेहत के लिए बहुत नुकसानदायक होते है। कई देशों में यह पूरी तरह प्रतिबंधित है इसलिए ऐसी चीजें खरीदते समय उनके पैकेट पर दी गई इंग्रीडिएंट्स की लिस्ट को ध्यान से पढें, जिन चीजों में इनका इस्तेमाल हो उन्हें ना खरीदें।
- फ्रोजन नॉनवेज में कई तरह के सैचुरेटेड फैट होते है, जो बैड कॉलेस्ट्रॉल यानि एलडीएल (लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन) का लेवल बढाते है।
- फ्रोजन फूड में टिक्का, फ्रेंच फ्राई, चिकेन नगेट्स, मटन कोफ्ता, स्प्रिंग रोल आदि कई ऐसी चीजें होती है, जिन्हें डीप फ्राई करने की जरूरत पडती है। इससे वजन बढने का खतरा रहता है।
- ऑक्सीजन की कमी की वजह से कभी-कभी रेड मीट और कुक्ड सब्जियों या दालों की स्वाभाविक रंगत बदल जाती है।
फ्रोजन फूड्स इस्तेमाल करते समय ध्यान रखने वाली बातें (Things to take care of while using Frozen Foods):
- फ्रोजन फूड किसी भी दृष्टि से सेहत के लिए अच्छा नहीं है, लेकिन अगर आपके पास कुकिंग के लिए समय नहीं हो और मजबूरी में आपको फ्रोजन फूड का इस्तेमाल करना ही पडे तो इन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
- फ्रोजन सब्जियों और मटर को इस्तेमाल के पंद्रह-बीस मिनट पहले फ्रिज से बाहर निकालें और साफ पानी में भिगोने के बाद उन्हें अच्छी तरह से धोएं। इससे सर्फेस प्रिजर्ववेटिव (सब्जियों की बाहरी सतह पर लगे केमिकल्स) अच्छी तरह धुल जाते है।
- फ्रोजन चीजों को ज्यादा देर तक फ्रिज से बाहर ना रखें। तापमान में बदलाव की वजह से बैक्टीरिया पनपने लगते है, जिससे यह चीजें जल्दी खराब होने लग जाती है।
- ऐसी चीजों को हमेशा तेज आंच पर अच्छी तरह गर्म करने के बाद ही इस्तेमाल करना चाहिए।
- ऐसी चीजों को हमेशा डीप फ्रीजर में रखें और फ्रिज हमेशा ऑन रखें। क्षेत्र में पावर कट की समस्या होने पर फ्रोजन फूड्स जैसी चीजों के इस्तेमाल से बचें।
- आजकल बडी कंपनियों के फ्रोजन पनीर का चलन भी बढ़ रहा है। अगर आप भी ऐसे पनीर का इस्तेमाल करती है तो खरीदने से पहले पैकेट पर लिखी गई पैकिंग की तारीख देख लें क्योंकि मिल्क प्रोड्क्टस की शेल्फ लाइफ बहुत कम होती है। कंपनियां पैकिंग के बाद से पांच दिनों के अंदर पनीर को खत्म कर देने की सलाह देती है, पर वास्तव में तीन दिनों के अंदर ही इसका इस्तेमाल कर लेना चाहिए।
- ऐसी चीजें खरीदते समय पैकेट पर उसमें मौजूद आवश्यक तत्वों की मात्रा चेक कर लें। जिन चीजों में सैचुरेटेड फैट, कैलोरी और सोडियम सीमित मात्रा में हो, लेकिन फाइबर्स, विटामिन्स और मिनरल्स की मात्रा ज्यादा हो। ऐसी चीजों का इस्तेमाल सेहत के लिए फायदेमंद होता है।
- इन्हें अपनी फूड के डेली रूटीन में शामिल ना करें, जब बहुत जल्दबाजी में हो तभी फ्रोजन चीजों का सेवन करें। कम से कम छुट्टी वाले दिन कुकिंग के लिए ताजी सब्जियों का ही इस्तेमाल करें।
फ्रोजन फूड्स से होने वाली बीमारियाँ (Disease Caused by Frozen Foods):
डायबिटीज का खतरा रहें: फ्रोजन फूड्स को ताजी दिखाने के लिए इसमें स्टार्च का इस्तेमाल करें। यह स्टार्च फूड को दिखने में फ्रेश बनाता है, साथ-साथ स्वाद भी बढ़ाता है। इन फूड्स को पचाने के लिए हमारा शरीर फूड में मौजूद स्टार्च को शुगर में बदलता है ऐसे में शरीर में शुगर बढ़ने से डायबिटीज का खतरा ज्यादा रहता है। यह स्टार्च शरीर के टिश्यूज को भी नुकसान पहुँचाते है।
हार्ट अटैक का खतरा रहें: फ्रोजन फूड्स के सेवन से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता है। फ्रोजन और पैक्ड फूड में मौजूद ट्रांस फैट्स बंद धमनियों की परेशानियाँ बढ़ाते है। शरीर में इन ट्रांस फैट्स से कोलेस्ट्रॉल बढ़ने की संभावना ज्यादा हो जाती है। इसके साथ ही यह गुड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी घटाता है, जिससे दिल से संबंधित परेशानियाँ बढ़ने की संभावना ज्यादा रहती है। इन फूड्स में सोडियम की मात्रा ज्यादा होती है, जो शरीर का ब्लड प्रेशर बढ़ाता है।
खाने की पौष्टिकता खत्म करें: फ्रोजन सब्जियों में केमिकल्स की वजह से लगभग 50 फीसदी पौष्टिक तत्व नष्ट हो जाते है। खासतौर पर इन सब्जियों में पाए जाने वाले विटामिन-बी और सी पूरी तरह से सब्जियों में नष्ट हो जाते है। इन सब्जियों के स्वाद में भी काफी ज्यादा अंतर आ जाता है।
मोटापा बढ़ाएं: फ्रोजन फूड्स में फैट ज्यादा मात्रा में होता है। कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन की तुलना में फैट में अधिक कैलोरीज होती हैं। 250 ग्राम फ्रोजेन चिकन में 600 ग्राम कैलोरी होती है और कुछ फैट की मात्रा भी होती है। इसलिए इस तरह के फैट आपके शरीर का वजन काफी ज्यादा बढ़ा देते है।
कैंसर का खतरा रहें: जो लोग बहुत ज्यादा फ्रोजन फूड्स खाते है, उनमें कैंसर का खतरा भी काफी ज्यादा होता है। कई रिसर्च में इस बात का खुलासा हुआ है कि फ्रोजन मीट खाने से पैनक्रिएटिक कैंसर होने का खतरा भी काफी ज्यादा रहता है। इसके अलावा फ्रोजन मसालेदार नॉनवेज और सॉस खाने से 65 फीसदी कैंसर का खतरा बढ़ता है।
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