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सिकल सेल बीमारी क्या है? जानें, इसके लक्षण, कारण, उपचार

sickle cell disease

सिकल सेल बीमारी क्या है?: What is Sickle Cell Disease in Hindi:

सिकल सेल एक बीमारी नहीं होती यह कई बिमारियों का समूह है जो हीमोग्लोबिन को प्रभावित करता है। हीमोग्लोबिन शरीर की सभी कोशिकाओं तक ऑक्सीजन पहुँचाने का काम करता है। यह एक वंशानुगत (Genetic) बीमारी है जिसका मतलब ऐसी बिमारी जो माता-पिता से बच्चे में आता है। इसमें हीमोग्लोबिन के असामान्य अणु (Molecule) होते है जिन्हें हीमोग्लोबिन एस कहते है यह लाल रक्त कोशिकाओं का रूप बिगाड़ देती है जिससे वह सिकल या हंसिया (अर्धचन्द्राकार) शेप का हो जाता है।

लाल रक्त कोशिकाएं या आरबीसी जो स्वस्थ होती हैं उनका शेप गोलाकार होता है और वे छोटी-छोटी रक्त धमनियों से भी आसानी से गुजर जाती हैं जिससे शरीर के हर एक हिस्से और कोने तक ऑक्सीजन आसानी से पहुँचता है। लाल रक्त कोशिकाएं या आरबीसी जो स्वस्थ होती हैं उनका शेप गोलाकार होता है और वे छोटी-छोटी रक्त धमनियों से भी आसानी से गुजर जाती हैं जिससे शरीर के हर एक हिस्से और कोने तक ऑक्सीजन आसानी से पहुंचता है। लाल रक्त कोशिकाएं या आरबीसी जो स्वस्थ होती है उनका शेप गोलाकार होता है और वह छोटी-छोटी धमनियों (Arteries) से आसानी से गुजरता है। जिससे शरीर के हर हिस्से तक ऑक्सीजन आसानी से पहुँच जाए।

सिकल सेल, सामान्य लाल रक्त कोशिकाओं की तुलना में कम लचीली होती है। कई बार जब यह छोटी रक्त धमनियों से गुजरते है तो इस दौरान सिकल सेल फंस जाते है जिससे रक्त संचार में रुकावट पैदा होती है। जिससे व्यक्ति को तेज दर्द महसूस होता है और कई गंभीर बीमारियाँ जैसे इंफेक्शन, स्ट्रोक हो सकता है। सिकल सेल से पीड़ित मरीज को हड्डियों और जोड़ों के क्षतिग्रस्त होने,किडनी डैमेज, और दृष्टि जैसी समस्याएं हो सकती है।

सामान्य लाल रक्त कोशिकाएं जहां 90 से 120 दिन तक जीवित रहती है वहीं, सिकल सेल सिर्फ 10 से 20 दिन तक जीवित रह पाती है। जिस वजह से शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं की कमी होने लगती है और इंसान एनीमिया से पीड़ित हो जाता है। आइये हम इस आर्टिकल में जानते है कि सिकल सेल के लक्षण, कारण, इलाज और इसकी पतंजलि दवा।

सिकल सेल के लक्षण: Symptoms of Sickle Cell in Hindi:

सिकल सेल बीमारी जन्म के तुरंत बाद से जब बच्चा नवजात होता है तभी से उसके शरीर में हो जाती है। हालांकि नवजात शिशु जब तक 5 या 6 महीने का नहीं हो जाता उसमें बीमारी के लक्षण नजर नहीं आते।

बीमारी के लक्षण:

सिकल सेल के कारण: Causes of Sickle Cell Disease in Hindi:

सिकल सेल संक्रामक बीमारी नहीं है यानि यह सर्दी-जुकाम या किसी तरह के इंफेक्शन की तरह एक व्यक्ति से दूसरे में ट्रांसफर नहीं होती। सिकल सेल बीमारी मुख्य रूप से एक आनुवांशिक त्रुटि (Genetic Error) या दोष के कारण होती है। जब किसी बच्चे को अपने माता-पिता दोनों से सिकल सेल के जींस मिलते है तो उस बच्चे को सिकल सेल बीमारी हो सकती है।

अगर किसी बच्चे को सिर्फ एक पैरेंट यानि माता-पिता में से सिर्फ किसी एक से यह सिकल सेल जीन मिलता है तो उस व्यक्ति को सिकल सेल बीमारी नहीं बल्कि सिकल सेल ट्रेट की समस्या हो सकती है। सिकल सेल ट्रेट वाले व्यक्ति को बीमारी नहीं होती लेकिन वह इस बीमारी का कैरियर बन जाता है यानि वह अपने बच्चों को सिकल सेल जीन ट्रांसफर कर सकते है। ऐसे लोगों में या तो बीमारी के बेहद हल्के लक्षण नजर आते या फिर कोई लक्षण नहीं दिखते।

सिकल सेल बीमारी का इलाज: Treatment of Sickle Cell Disease in Hindi:

सिकल सेल बीमारी से पीड़ित सभी लोगों के लिए एक तरह का इलाज नहीं है। इलाज का विकल्प हर मरीज के लिए अलग-अलग होता है और यह इस बात पर निर्भर करता है कि व्यक्ति में बीमारी के लक्षण सिकल सेल बीमारी के लक्षण हल्के या गंभीर हो सकते है। इलाज में कई बार खून चढ़ाना पड़ता है और कई बार बोन मैरो या स्टेम सेल ट्रांसप्लांट भी करवाने की जरूरत पड़ती है।

बोन मेरो ट्रांसप्लांट सिकल सेल बिमारी का एकमात्र इलाज नहीं है। इसके कई तरह के साइड इफेक्ट्स भी होते है कई बार मरीज की मौत हो सकती है। बोन मैरो ट्रांसप्लांट सही तरीके से काम करे इसके लिए बेहद जरूरी है कि डोनर, मरीज का भाई या बहन हो ताकि बोन मैरो का मैच बेहद नजदीकी हो। 

अस्वीकरण: सलाह सहित इस लेख में सामान्य जानकारी दी गई है। अधिक जानकारी के लिए आज ही अपने फोन में आयु ऐपडाउनलोड कर घर बैठे विशेषज्ञ डॉक्टरों से परामर्श करें। स्वास्थ संबंधी जानकारी के लिए आप हमारे हेल्पलाइन नंबर 781-681-11-11 पर कॉल करके भी अपनी समस्या दर्ज करा सकते हैं। आयु ऐप हमेशा आपके बेहतर स्वास्थ के लिए कार्यरत है।