Corona Brief News: स्पुत्निक-5 के बाद रूस ने बनाई दूसरी कोरोना वैक्सीन, नई स्टडी में दावा !
Corona Vaccine Update: कोरोना वायरस (Coronavirus) के खिलाफ वैक्सीन (Corona Vaccine) बनाने के लिए दुनिया के कई देश दिन-रात मेहनत कर रहे हैं, इसी बीच रूसी कोरोना वैक्सीन स्पुत्निक-5 के बाद रूस दूसरी कोरोना वैक्सीन की घोषणा करने जा रहा है।
इसके अलावा कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर की गई एक नई स्टडी में दावा किया है कि डायलिसिस करा रहे मरीजों को कोरोना का अधिक खतरा है, सीडीसी ने कहा- किसी भी स्टेज की क्रोनिक किडनी बीमारी खतरनाक हो सकती है।
1. जानें, स्पुत्निक-5 के बाद रूस की दूसरी कोरोना वैक्सीन के बारे में-
Russia announce second Corona vaccine: रूस ने स्पुतनिक-5 के बाद अब एक और कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) बनाने का ऐलान कर दिया है। समाचार एजेंसी रॉयटर के अनुसार, बुधवार (26 अगस्त) को, रूस के डिप्टी प्रधानमंत्री तात्याना गोलिकोवा (Russian Deputy Prime Minister Tatiana Golikova) ने कहा है कि ये वैक्सीन आखिरी चरण में है और इसके नतीजे भी शानदार हैं।
गौरतलब है कि रूस दुनिया का पहला ऐसा देश बन गया है जहां नियामकों ने दो महीने से भी कम वक्त के ह्यूमन ट्रायल के बाद गेमालेया इंस्टीट्यूट के बनाए कोविड-19 वैक्सीन (Corona Vaccine) के बड़े पैमाने पर उत्पादन को मंज़ूरी दी थी। अंतरिक्ष में छोड़े गए सोवियत संघ के पहले उपग्रह स्पुत्निक की याद में इस वैक्सीन का नाम स्पुत्निक 5 दिया गया है। (अधिक स्वास्थ्य जानकारी के लिए क्लिक करें)
2. नई स्टडी में ऐसे मरीज़ों को कोरोना का खतरा अधिक –
एक रिसर्च में दावा किया गया है कि नर्सिंग होम या केयर फेसिलिटी में इलाज के लिए भर्ती मरीज़ों के बीच SARS-CoV-2 वायरस बहुत तेजी से फैलता है। बतादें, मॉर्बिडिटी एंड मोर्टेलिटी वीकली रिपोर्ट में दी गई स्टडी की जानकारियों को अमेरिका के सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) ने प्रकाशित किया था।
अध्ययन में बताया गया है कि अगर जांच के दौरान यूरिन में प्रोटीन (एल्ब्युमिन) मिलता है, तो यह डायबिटीज़ के कारण किडनी की बीमारी के संकेत हैं।
ऐसे रखें किडनी का ख्याल
- ब्लड प्रेशर 140/90 से कम रखें या डॉक्टर से सलाह लें। (घर बैठे डॉक्टर से परामर्श लेने के लिए क्लिक करें)
- कॉलेस्ट्रॉल रेंज को तय करें।
- कम नमक वाला खाना खाएं।
- ज्यादा फल और सब्ज़ियाँ खाएं।
- एक्टिव रहें
- डॉक्टर की सलाह से दवाई लेते रहें। (कोरोना में बाहर न जाएं, अब घर बैठे दवाई मंगवाएं)
नहीं चाहते किडनी फेल हो तो इन बातों का रखें ध्यान
- अगर रिस्क पर हैं तो क्रोनिक किडनी बीमारी की नियमित जांच कराएं।
- शुरु में पता लगाएं और इलाज करें।
- एक्टिव रहें इससे बल्ड शुगर कंट्रोल रहती है।
- ब्लड और यूरिन की जांच कराएं।
- वजन अधिक है तो इसे कम करें, चेक अप के दौरान किडनी की भी जांच कराएं।
- स्मोकिंग बंद करें, दवाइयाँ लेते रहें।
3. देश में पहला मामला, कोरोना से भ्रूण की मौत
देश में कोरोना से गर्भपात का पहला मामला सामने आया है, जहां मुंबई की महिला सिक्योरिटी गार्ड को प्रेग्नेंसी के 13वें हफ्ते में संक्रमण हुआ, वायरस गर्भनाल के जरिए भ्रूण तक पहुँचा और भ्रूण की मौत हो गई।
बतादें, कोरोना वायरस (Coronavirus)का संक्रमण हो जाने के बाद भी महिला में संक्रमण के एक भी लक्षण नहीं दिखाई दिए। सावधानी के उद्देश्य से महिला ने कोरोना टेस्ट करवाया और जांच में कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि हुई। दो हफ्तों बाद जब रिपोर्ट निगेटिव आई तो महिला का अल्ट्रासाउंड हुआ, रिपोर्ट में भ्रूण की मौत होने की बात सामने आई।
अब इस पूरे मामले पर आईसीएमआर (ICMR) और नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर रिसर्च इन रिप्रोडक्टिव हेल्थ ने रिसर्च की है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, महिला की गर्भनाल (प्लेसेंटा) में कोरोना की पुष्टि हुई है। यहीं से संक्रमण भ्रूण तक पहुंचा।
ग़ौरतलब है कि गर्भनाल आमतौर पर पेट में पल रहे बच्चे को बाहरी संक्रमण से बचाने का काम भी करता है। लेकिन पिछली कुछ रिसर्च में यह सामने आया है कि इसमें बड़ी संख्या में कोरोना वायरस मिल सकते हैं। इतना ही नहीं, यहां वायरस अपनी संख्या भी बढ़ा सकते हैं।
4. 80 फीसदी मरीजों में नहीं दिख रहे कोरोना के लक्षण
- कोरोना वायरस (Coronavirus) को लेकर तमाम तरह की रिसर्च की जा रही हैं, कोरोना वायरस का संक्रमण कब खत्म होगा, शरीर पर कोरोना के दूरगामी परिणाम क्या हो सकते हैं, लेकिन वायरस पर हाल ही में हुए अध्ययन के हवाले से, कोरोना वायरस मरीज के शरीर में अम्ल व क्षार के बीच संतुलन बिगाड़ रहा है। साथ ही मरीज़ों में डिहाइड्रेशन या अचानक से बढ़ने वाली धड़कन जैसी दिक्कतें मिल रही हैं।
- इस बीच करीब साढ़े आठ फीसदी मरीज ऐसे भी मिले हैं, जो स्वस्थ हो तो गए हैं, लेकिन डॉक्टरों को उनका एक्स-रे सामान्य नहीं मिला है।
- आंतरिक सर्वे का हवाला देते हुए डॉक्टरों ने बताया कि देश में संक्रमित मरीज़ों की संख्या जिस तरह से बढ़ रही है अगर इनकी चिकित्सीय स्थिति पर गौर करें तो करीब 80 फीसदी मरीज बगैर लक्षण वाले हैं। जो कुछ समय पहले तक 60 से 70 फीसदी के बीच थे।
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