Corona Brief News: रूसी वैक्सीन स्पूतनिक-5 का ट्रायल इसी महीने होगा शुरु, UNICEF करेगा कोरोना वैक्सीन नेतृत्व
Covid-19 Russian Vaccine sputnik-V : रूसी वैक्सीन स्पूतनिक -5 का सितंबर यानि इसी महीने से भारत में तीसरे चरण का ट्रायल किया जाएगा। हालांकि, रूस ने इस वैक्सीन के पूरे परीक्षण करने का दावा किया था, लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन सहित कई देशों ने इस पर आपत्ति जताई थी। वहीं संयुक्त राष्ट्र बाल कोष यानि यूनिसेफ़ (UNICEF) कोरोना वायरस के टीकों की खरीद और आपूर्ति का नेतृत्व करेगा।
1 भारत में सितंबर में शुरू होगा रूसी वैक्सीन स्पूतनिक-5 का ट्रायल
Covid-19 Russian Vaccine sputnik-V : कोरोना महामारी की रूसी वैक्सीन के रूस में लॉंच करने के बाद इस स्पूतनिक-5 का भारत में ट्रायल किया जाएगा।
- रूस ने कहा है कि इसी महीने से भारत में भी कोरोना वैक्सीन स्पूतनिक-5 (Sputnik-V) का क्लीनिकल ट्रायल शुरू हो जाएगा। वैक्सीन बनाने के लिए फंड मुहैया कराने वाली एजेंसी रशियन डॉयरेक्ट इनवेस्ट फंड (RDIF) के सीईओ किरिल दिमित्रिज ने कहा कि इस वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल भारत समेत यूएई, सऊदी अरब, फिलीपींस और ब्राजील में इस महीने से शुरू हो जाएगा।
- जानकारी के मुताबिक, रूस के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा है कि इस हफ्ते से कोरोना वायरस वैक्सीन स्पूतनिक-5 (Covid-19 Russian Vaccine sputnik-V) को आम नागरिकों के लिए जारी कर दिया जाएगा। इस वैक्सीन को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 11 अगस्त को लॉन्च किया था।
2. UNICEF करेगा कोरोना वैक्सीन का नेतृत्व
सभी ज़रूरतमंद लोगों तक कोरोना की वैक्सीन पहुँचे, इसकी सुनिश्चित्ता यूनिसेफ़ तय करेगा। जानकारी के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ़) कोरोना वायरस के टीकों की खरीद और आपूर्ति का नेतृत्व करेगा।
इसके जरिए सुनिश्चित किया जाएगा कि जब यह टीका उपलब्ध हो तो सभी देशों को सुरक्षित, तेजी से और उचित रूप से टीके की प्रारंभिक खुराक हासिल हो सके।
मालूम हो, यूनिसेफ़ दुनिया का सबसे बड़ा एकल टीका ख़रीदार है, जो सालाना 100 देशों की ओर से नियमित टीका करण और संक्रमण रोकने के लिए दो अरब से ज्यादा टीकों की खरीद करता है।
यूनिसेफ़, रिवॉवल्विंग फंड ऑफ द पैन अमेरिका हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (पीएएचओ) के सहयोग से कोविड-19 टीकों की खरीद और खुराक की आपूर्ति कोवैक्स ग्लोबल वैक्सीन फैसिलिटी की तरफ से 92 निम्न और निम्न मध्यम आय वाले देशों के लिए करेगा।
3. जर्मनी कोरोना वायरस से लड़ने में भारत के साथ
- भारत को कोरोना वायरस से लड़ने के लिए जर्मनी मदद दे रहा है, इसकी घोषणा जर्मनी के विकास मंत्रालय ने की है। जर्मनी ने भारत को 3,30,000 कोरोनावायरस परीक्षण किट और 1.5 करोड़ यूरो के मूल्य की 6,00,000 व्यक्तिगत सुरक्षा किट पीपीई दी हैं।
- न्यूज़ रिपोर्ट्स के मुताबिक, जर्मन विकास सहायता मंत्री मुलर ने इस पर जोर दिया कि सहायता उपायों का उद्देश्य देश में बीमारी के और अधिक प्रसार को धीमा करना है।
- मुलर ने कहा कि इस तरह से हम यह सुनिश्चित करने के लिए साथ मिलकर काम कर रहे हैं कि 80 करोड़ लोगों को भोजन वितरित किया जा सके और कोरोना संकट के दौरान उन 32 करोड़ लोगों को सहायता दी जा सके जिन्होंने अपनी नौकरी खो दी है।
4. कोरोना से लड़ने में कारगर च्वयन प्राश
भारत में कोरोना वायरस से लड़ने के लिए आयुष मंत्रालय आयुर्वेदिक उपाय बता रहा है, जिसके जरिए कोरोना तो नहीं लेकिन इम्यूनिटी सिस्टम (रोग प्रतिगोधक क्षमता) को मजबूत कर इससे फतह हासिल की जा सकती है। आयुर्वेद ने च्वयनप्राश से कोरोना को हराने और इम्यूनिटी को मजबूत करने की बात कही है।
खुशी की बात ये है कि इसके सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिले हैं। लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज (केजीएमयू) में च्यवनप्राश का ट्रायल जून से अगस्त तक हुआ, जिसे आयुर्वेद संस्थान ने तैयार किया है। इस ट्रायल में 100 कर्मचारियों को च्यवनप्राश दी गई और 100 को नहीं दी गई।
फिर च्यवनप्राश खाने और नहीं खाने वालों की इम्युनिटी परखी गई, जिसमें सकारात्मक नतीजे देखने को मिले। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब ट्रायल के सभी पहलुओं का मूल्यांकन कर ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया को भेजा जाएगा।
आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने भी कुछ महीने पहले च्यवनप्राश के फ़ायदों के बारे में बताया था। उन्होंने कहा था, ‘च्यवनप्राश का सेवन सर्दी-गर्मी किसी भी मौसम में कर सकते हैं। यह शरीर के लिए फ़ायदेमंद होता है। इसमें आंवला होता है, जो किसी भी मौसम में खाया जा सकता है। च्यवनप्राश सुबह नाश्ते में ले सकते हैं, लेकिन दूध में मिला कर नहीं पीना चाहिए।’
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