Corona Brief News: रूसी वैक्सीन के फर्जी होने का दावा, कोरोना का एक और लक्षण आया सामने

रूसी वैक्सीन पर राष्ट्रपति पुतिन के दावे को रूसी सरकार के दस्तावेज़ों ने ही झुठा साबित कर दिया है। इनके अनुसार जिन लोगों को वैक्सीन लगी उनमें औसत से भी कम एंटीबॉडीज बनीं। दूसरी और कोरोना का एक और लक्षण सामने आया है। अमेरिकी जर्नल ऑफ इमरजेंसी मेडिसीन में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, 62 साल के एक शख्स को चार दिन तक हिचकी आईं। जब उसकी जांच हुई तो कोरोना की पुष्टि हुई।
1.रूसी वैक्सीन के फर्जी होने का दावा

कोरोना वायरस पर दुनिया की पहली वैक्सीन होने का दावा करने वाली रूसी वैक्सीन को फर्जी बताया जा रहा है। इस पर डब्ल्यूएचओ भी य़कीन नहीं कर रहा है।
डेलीमेल की रिपोर्ट के मुताबिक, जिन वॉलंटियर्स को वैक्सीन की डोज दी गई, उन्हें बुखार आया, शरीर में दर्द हुआ और सूजन भी हुई। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, रूस ने ट्रायल के दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया, ऐसे में इस वैक्सीन की सफलता पर भरोसा करना मुश्किल है।
जब वैक्सीन की पहली डोज पुतिन की बेटी को दी गई तो शरीर का तापमान पहले एक डिग्री बढ़ा फिर कम हुआ। लेकिन, राष्ट्रपति पुतिन ने दावा किया कि मेरी बेटी के शरीर में एंटीबॉडीज बढ़ी हैं।
रूस ने अब तक वैक्सीन के जितने भी ट्रायल किए हैं, उससे जुड़ा साइंटिफिक डाटा पेश नहीं किया। तीसरे चरण का ट्रायल किया है या नहीं, इस पर भी संशय है। WHO ने रूस द्वारा बनाई गई कोरोना की वैक्सीन को लेकर कई तरह की आशंकाएं जताई हैं।
दस्तावेज़ कहते हैं कि साइड इफेक्ट केवल बुखार तक ही सीमित नहीं है। रशियन न्यूज एजेंसी फोटांका का दावा है कि वॉलंटियर्स के शरीर में दिखने वाले साइड इफेक्ट की लिस्ट लंबी है। इस पर अब गामालेया रिसर्च सेंटर का कहना है कि इतने कम लोगों पर हुई रिसर्च के आधार पर यह पुख्ता तौर पर कहना मुश्किल है कि कौन सा साइड इफेक्ट स्पष्ट दिखाई देगा।
2. कोरोना का एक और लक्षण हिचकी आना
कोरोना वायरस के संक्रमण का एक नया और हैरान कर देने वाला लक्षण सामने आया है, जहाँ मरीज़ को लगातार 4 दिन तक हिचकी आई और उसके बाद जाँच में कोरोना होने की पुष्टि की गई। इससे पहले कोरोना के कोई लक्षण नहीं दिखे लेकिन फेफड़ों में सूजन नजर आई।

रिपोर्ट के मुताबिक, उसके फेफड़े बुरी हालत में थे। उसमें काफी सूजन थी। एक फेफड़े से खून आने की बात भी सामने आई जबकि उसे फेफड़े से जुड़ी कोई बीमारी नहीं थी।
अब अमेरिकी वैज्ञानिक कहने लगे हैं कि हिचकी आना भी कोरोना संक्रमण होने का एक लक्षण हो सकता है। अमेरिकी विशेषज्ञों का कहना है कि लगातार 48 घंटे तक हिचकी का आना बंद न हो तो डॉक्टर से संपर्क करें।
3. कोरोना वायरस से मौतों की दर एक प्रतिशत से कम करने का लक्ष्य

भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित मौतों की दर एक प्रतिशत से कम करने का लक्ष्य रखा गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने आज कहा कि देश के राज्य आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु, पंजाब,महाराष्ट्र,गुजरात,यूपी,बिहार और पश्चिन बंगाल में कोरोना वायरस के 80% एक्टिव केस हैं और 81% मौतें रिपोर्ट हुई हैं।
उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि इन राज्यों के मुख्यमंत्रियों से पीएम नरेंद्र मोदी ने बातचीत की है। अभी कोरोना वायरस से देश में मृत्यु दर 1.99% है। पीएम मोदी ने कहा है कि लक्ष्य मृत्यु दर को 1% से कम करना है।
4. कोरोना वायरस के घातक होने की नई वजह आई सामने
एक शोध में कोरोना वायरस के अधिक घातक होने की एक नई वजह सामने आई है। अमेरिका की नॉर्थ वेस्टर्न यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने अध्ययन में पाया कि स्पाइक प्रोटीन के दस नैनोमीटर की दूरी पर एक विशेष क्षेत्र स्थित है जिसे ‘पॉजिटिविली चार्ज्ड साइट’ नाम दिया।

अमेरिकी वैज्ञानिकों का कहना है कि स्पाइक प्रोटीन के पास एक विशेष क्षेत्र है जो उस प्रोटीन को शक्तिशाली बना देता है ताकि वह इंसानी कोशिका से मजबूती से बंधा रहे।
अध्ययन के मुताबिक, यह क्षेत्र कोरोना वायरस की बाहरी नुकीली संरचना की इंसानी कोशिका के रिसेप्टर या ग्राही से जुड़ने की क्षमता को बढ़ाता है। अगर इस क्षेत्र को ब्लॉक कर दिया जाए तो स्पाइक प्रोटीन की क्षमता घटेगी, जिससे वायरस को फैलने से रोका जा सकेगा। यह अध्ययन ऑनलाइन जर्नल में प्रकाशित हुआ है।
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