Latest Health update: हर साल भारत को कोरोना वैक्सीन स्पूतनिक V के 10 करोड़ डोज मिलेंगे
कोरोना वैक्सीन स्पूतनिक V (Corona Vaccine Sputnik V) का निर्माण अब भारत में ही होगा। भारत में वैक्सीन का उत्पादन करने के लिए भारतीय दवा कंपनी हेटरो और रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड (RDIF) के बीच करार हुआ है। यह करार भारत में हर साल 10 करोड़ डोज बनाने का है। प्रोडक्शन की शुरुआत अगले साल से होगी।
1. कहाँ हो रहा है रूसी वैक्सीन स्पूतनिक V का निर्माण
बतादें, कोरोना की रूसी वैक्सीन स्पूतनिक V (Russia Coronavirus Vaccine Sputnik V) का निर्माण रूस के गैमेलेया नेशनल रिसर्च सेंटर फॉर एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी ने किया है। RDIF विदेश में इसके प्रोडक्शन और प्रमोशन का काम देख रहा है।
वैक्सीन (vaccine) के तीसरे फेज के क्लिनिकल ट्रायल को मंजूरी मिल चुकी है। ये ट्रायल बेलारूस, यूएई, वेनेजुएला समेत कई देशों में चल रहे हैं। IDIF के मुताबिक, भारत में दूसरे और तीसरे फेज का ट्रायल जारी है।
स्पूतनिक V की कीमत और प्रभाव
स्पूतनिक V (vaccine) ट्रायल के दौरान कोरोना से लड़ने में 95% असरदार साबित हुई है। क्लिनिकल ट्रायल के दूसरे शुरुआती एनालिसिस में पता चला है पहला डोज देने के 42 दिन बाद इसने 95% इफेक्टिवनेस दिखाई है।
डोज देने के 28 दिन बाद यह डाटा 91.4% था। दूसरी वैक्सीन के मुकाबले इसकी कीमत भी काफी कम रहेगी। रूस के लोगों को यह फ्री में मिलेगी। दूसरे देशों के लिए इसकी कीमत 700 रुपए से कम होगी।
बता दें, रूसी वैक्सीन स्पूतनिक V (Russia Coronavirus Vaccine Sputnik V) के साथ करार करने वाली हैदराबाद बेस्ड कंपनी हेटरो भारत की लीडिंग जेनरिक फार्मास्यूटिकल कंपनी है। इसकी स्थापना डॉ. बीपीएस रेड्डी ने 1993 में की थी। यह HIV / AIDS के इलाज के लिए एंटी-रेट्रोवायरल दवा बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी है। कंपनी के पास फार्मास्यूटिकल इंडस्ट्री में 25 साल से ज्यादा का अनुभव है। हेटरो का कारोबार 126 देशों में फैला है।
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