पीरियड्स के दौरान सेक्स करना, जानें सही है या गल़त और पीरियड्स के बाद प्रेगनेंसी की कितनी संभावना है

पीरियड्स के दौरान सेक्स करना सुरक्षित है या नहीं इसे जानने से पहले आप पीरियड्स के शुरूआती लक्षणों के बारे में जानें और पीरियड्स के बाद प्रेगनेंसी के होने की कितनी संभावना है।
महिलाओं में महावारी की समस्या आम है। लेकिन उससे भी बड़ी समस्या महावारी से पहले के लक्षण होते है। आपको यह जानना भी ज़रूरी है कि महिलाओं में महावारी क्यों होती है। देखा जाए तो होर्मोनेस के बदलाव की वजह से महावारी होती है। लेकिन उससे भी बड़ी समस्या महावारी से पहले के लक्षण होते है। जिनमे तनाव होना यह पीरियड्स के दो-तीन दिनों पहले महसूस होता है और रक्तस्त्राव के शुरू होने से पहले समाप्त हो जाते है। इसके लक्षण चिड़चिड़ापन, थकान, बार-बार पेशाब की इच्छा, सिर व पेडू में दर्द, कब्ज, स्तनों में तनाव और कभी –कभी पैरों में सूजन होना है।
पीरियड्स में सेक्स करना सुरक्षित है या नहीं:
अकसर लड़कियां इस बात से चिंतित रहती है कि पीरियड्स के दौरान सेक्स करना सुरक्षित है या नहीं। इसके बारे में जानने से पहले आप यह समझें कि प्रेग्नेंसी कैसे होती है।
प्रेग्नेंसी के लिए दो चीजें होना बहुत आवश्यक है जिनमें से किसी एक की भी अनुपस्थिति में प्रेग्नेंसी मुमकिन नहीं होती।
- स्री और पुरुष के बीच में यौन संबंध होना
- शरीर में एग और स्पर्म की उपस्थिति होना और उनका मिलन होना
अब इस चक्र को समझें कि स्त्रियों को पीरियड्स क्यों होते है। स्त्री के प्रजनन अंग यानी अंडाशय से हर महीने अंडाणु बाहर निकलते है और फैलोपियन ट्यूब में जाते है। वहां आठ दिनों तक अंडाणु स्पर्म यानी शुक्राणु से मिलन की प्रतीक्षा करते है। पीरियड्स शुरू होने के बाद 12वें से लेकर 18वें दिन तक का समय सबसे उर्वर यानि फर्टाइल माना जाता है। इस दौरान संबंध बनाने पर गर्भ ठहरने की संभावना सबसे ज्यादा होती है।
25 दिनों के चक्र के दौरान जब अंडाणु और शुक्राणु का मिलन नहीं होता तो अंडाणु टूटकर गर्भाशय में आ जाते है और फिर मासिक चक्र यानि पीरियड्स शुरू हो जाते है। एक मासिक चक्र खत्म होने के बाद नए सिरे से अंडाणु के बनने और फैलोपियन ट्यूब में आने की प्रक्रिया शुरू होती है। यह चक्र हर महीने चलता है।
यानि पीरियड्स के दौरान असुरक्षित सेक्स से प्रेगनेंट होने की संभावना लगभग शून्य होती है लेकिन फिर भी इस बात का दावा नहीं किया जा सकता कि प्रेगनेंट हो ही नहीं सकती। कई बार किसी अन्य कारण से हो रही ब्लीडिंग को अगर पीरियड समझकर उस दौरान संबंध बनाया जाए तो प्रेगनेंट हो सकती है।
इसलिए बेहतर यही होगा कि चाहे पीरियड हों या ना हों, हर बार सुरक्षित यौन संबंध ही बनाया जाए, जैसे कंडोम या बर्थ कंट्रोल पिल का इस्तेमाल करें। पीरियड के दौरान प्रोटेक्शन का सबसे सही तरीका है कंडोम का इस्तेमाल क्योंकि इस दौरान असुरक्षित सेक्स से कई तरह के इंफेक्शन होने की आशंका भी हो सकती है इसकी वजह यह है कि रक्त में कीटाणु पनपने का डर सबसे ज्यादा होता है। इसलिए बेहतर यही है कि इस दौरान असुरक्षित सेक्स न किया जाए। लड़कियों को डर लगा रहता है कि पीरियड्स के बाद प्रेग्नेंट ना हो जाए।
प्रेग्नेंसी में पीरियड्स के बाद का समय
पीरियड के आने के 4 दिन पहले और पीरियड के बाद के 4 दिन का समय काफी अहम माना जाता है। और यह वही समय है जब महिलाओं के प्रेग्नेंट होने की सम्भावना सबसे ज्यादा बढ़ जाती है। अगर आप प्रेग्नेंट नही होना चाहती है, तो इन 7-8 दिन आपको काफी सावधानी बरतने की जरूरत है और आपको इन दिनों सेक्स करने से बचना चाहिए |
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