गर्भधारण करने का सही तरीका, जानें 9 तरीके| Pregnancy Tips
देखा जाए तो भारत दुनिया का सबसे आबादी वाला देश है लेकिन अभी भी बहुत से महिलाऐं ऐसी है जिन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि बच्चा पैदा करने में किन-किन बातों की सावधानियाँ रखनी चाहिए। इसका एक मुख्य कारण यह है कि हमारे समाज में सेक्स से सम्बंधित बाते करने में आज भी लोग हिचकिचाते है जिसका परिणाम महिलाओं को इस दौरान की सही जानकारी नहीं मिल पाती है जिससे उनको काफी परेशानियाँ होती है। आइये जानते है गर्भधारण करने का सही तरीका जानें।
1. प्रेगनेंसी से संबंधित कुछ तथ्य: (Important points about Pregnancy in Hindi)
⚫ जितनी भी महिलाऐं बच्चा पैदा करना चाहती हैं , उनमे से लगभग 85% लोग एक साल के अन्दर ऐसा करने में सफल हो जाते हैं। जिसमे से 22 % लोग तो पहले महीने के अन्दर ही सफल हो जाते हैं। यदि एक साल तक प्रयास करने पर भी बच्चा ना हो तो यह समस्या हो सकती है और इन्हें लोग इनफर्टाइल कहते है।
⚫ बच्चा पैदा होने के लिए सेक्स का होना अनिवार्य है। इस दौरान पुरुष का penis (लिंग) स्री के vagina (योनी) में जाना चाहिए और उसे स्री के vagina में sperm ( शुक्राणु ) छोड़ने होंगे , जिससे sperm ,uterus(गर्भाशय) के मुख के पास इकठ्ठा हो जाए। यह प्रक्रिया सेक्स के दौरान अपने आप हो जाती है इसलिए इसके लिए परेशान ना हो।
⚫ इसके आलावा सम्भोग ovulation के समय के आस-पास होना चाहिए. Ovulation एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमे महिलाओं के Ovary (अंडाशय ) से egg ( अंडे) निकलते हैं। Ovulation menstruation cycle(MC) यानि मासिक धर्म चक्र का पार्ट होता है, जो कि मासिक चक्र के चौदहवें दिन, पर शुरू हो जाती है।
⚫ बच्चा पैदा करने के लिए महिलाओं में सेक्स के दौरान orgasm का होना अनिवार्य नहीं होता। दरअसल fallopian tube जो कि अंडे को ovary से uterus तक ले जाता है , sperm को अपने अन्दर खींच ले जाता है और उसे egg से मिलाने की कोशिश करता है। इसमें महिलाओं में ऑर्गज्म आना अनिवार्य नहीं होता।
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2. प्रेगनेंट होने के लिए कुछ टिप्स(How to be pregnant)
Doctor से जांच कराएं :बच्चे के बारे में सोचने से पहले डॉक्टर से सलाह ले और अपनी जांच करा लें। इससे यह पता चल जाएगा कि आपको किसी तरह कि शारीरिक परेशानी तो नहीं है , या कोई infection। इससे sexually transmitted disease होने की संभावना खत्म हो जाएगी। गर्भाशय के स्तर की सूजन जैसी परेशानियों की भी जांच हो जाएगी।
Ovulation के समय के आस-पास sex करें: बच्चा पैदा करने के लिए स्त्री के eggs ovary से निकलने के 24 घंटे के अन्दर fertilize होने चाहिए।आदमी के sperms औरत के reproductive tract (प्रजनन पथ) में 48 से 72 घंटे तक ही जीवित रह सकते हैं. चूँकि बच्चा पैदा करने के लिए आवश्यक embryo (भ्रूण ) egg और sperm के मिलन से ही बनता है।
इसलिए couples को ovulation के दौरान कम से कम 72 घंटे में एक बार ज़रूर sex करना चाहिए और इस दौरान पुरुष को स्त्री के ऊपर होना चाहिए ताकि sperms के leakage की संभावना कम हो। साथ ही पुरुषों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वो 48 घंटे में एक बार से ज्यादा ना ejaculate करें वरना उनका sperm count काफी नीचे जा सकता है , जो हो सकता है कि egg जो fertilize करने में पर्याप्त ना हो।
Ovulation का समय पता करने का अर्थ है उस समय का पता करना जब ovaries से fertilization के लिए तैयार egg निकलते है। इसे जानने के लिए आपको अपने period-cycle (मासिक-धर्म) का अंदाजा होना चाहिए। यह 24 से 40 दिन के बीच हो सकता है। नेक्स्ट पीरियड आने से 12 से 16 दिन पहले का समय ovulation पीरियड होता है।
हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएँ: बच्चा पैदा करने के chances बढ़ाने के लिए बेहद आवश्यक है कि पति-पत्नी एक स्वस्थ्य- जीवनशैली बनाएं रखें। इससे होने वाली संतान भी अच्छी होगी। खाने –पीने में पर्याप्त भोजन और फल की मात्रा रखें। Vitamins की सही मात्रा से पुरुष-स्त्री दोनों की fertility rate बढती है। रोजाना व्यायाम करने से भी फायदा होता है।
तनाव-मुक्त रहने का प्रयास करें: इसमें कोई शक नहीं है कि अत्यधिक तनाव आपके reproductive function में बाधा डालता है। तनाव से कामेक्षा खत्म हो सकती है , और extreme conditions में स्त्रियों में menstruation कि प्रक्रिया को रोक सकती है। एक शांत मन आपके शरीर पर अच्छा प्रभाव डालता है और आपके pregnant होने की संभावना बढ़ाता है। इसके लिए आप regularly breathing- exercises और relaxation techniques का प्रयोग करें।
Testicles (अंडकोष) को ज्यादा heat से बचाएं: यदि sperms ज्यादा तापमान में expose हो जाए तो वह मर सकते है। इसीलिए testicles (जहाँ sperms का निर्माण होता है) body के बाहर होते हैं ताकि वह ठंढे रह सकें। गाड़ी चलाते समय ऐसे beaded सीट का प्रयोग करें जिसमे से थोड़ी हवा पास हो सकें। बहुत ज्यादा गर्म पानी से इस अंग को ना धोएं। आमतौर पर इतना अधिक precaution लेने की ज़रुरत नहीं है पर जो लोग आग की भट्टी या किसी गर्म जगह पर देर तक काम करते हैं उन्हें सावधान रहने की ज़रुरत होती है।
सेक्स के बाद थोड़ी देर आराम करें: सेक्स के बाद थोड़ी देर लेटे रहने से महिलाओं की योनि से sperms के निकलने की सम्भावनाएँ नहीं रहती। इसलिए सेक्स के बाद 15-20 मिनट लेटे रहें।
नशा ना करें: ड्रग्स, नशीली दवाओं, सिगरेट या शराब के सेवन से दोनों के हॉर्मोन्स का संतुलन बिगड़ सकता है। इससे आपकी प्रजनन क्षमता (Fertility) बुरी तरह प्रभावित हो सकती है। इससे बच्चों में भी जन्मजात विसंगतियां हो सकती हैं।
दवाईयों का प्रयोग कम करें: कई दवाईयाँ ऐसी होती है जो आपकी Fertility पर बुरा प्रभाव डाल सकती है। कई दवाईयाँ ovulation को भी रोक सकती हैं , इसलिए दवाओं का कम से कम उपयोग करें। आप किसी भी दवा को लेने या छोड़ने से पहले डॉक्टर से जरूर सलाह लें। खुद से किसी भी तरह की दवाईयाँ ना लें।
Lubricants का इस्तेमाल ना करें: Vagina को lubricate में प्रयोग होने वाले कुछ ज़ेल्स, तरल पदार्थ , इत्यादि sperms को महिलाओं की reproductive tract में travel करने से रोक सकते है। इसलिए इनका प्रयोग अपने डॉक्टर से पूछ कर करें। जितना हो सकें artificial lubricants का इस्तेमाल ना करें क्योंकि orgasm के दौरान शरीर खुद ही पर्याप्त मात्रा में liquid produce करता है जो sperm और ovaries दोनों के लिए healthy होता है।
3. प्रेगनेंट होने के लिए सेक्स कब करें
🔴 गर्भवती होने के लिए sex का सही समय पता करने से पहले आपको अपनी Menstrual Cycle (मेंस्ट्रुअल साइकिल ) के बारे में पता होना चाहिए।
🔴 आमतौर पर पीरियड्स दोबारा आने का समय 28 दिन यानि 4 हफ़्तों का होता है। लेकिन कई महिलाओं में यह कम और ज्यादा हो सकता है।
🔴 अगर हम पीरियड्स की normal range की बात करें तो adults में यह 21 से 35 दिनों का होता है और 13 से 19 साल की उम्र में यह 21 से 45 दिनों का हो सकता है।
🔴 आपके पीरियड्स के बीच का समय आपकी हार्मोनल बदलाव के कारण घटता और बढ़ता है। अगर आपकी पीरियड्स का समय इस बीच में नहीं आता तो आपको अपने डॉक्टर से इस बारे में बात करनी चाहिए।
🔴 आपकी menstrual cycle का duration आपकी पीरियड शुरू होने वाले दिन से दूसरे पीरियड आने वाले एक दिन पहले तक का होता है।
अब आपको बताते है प्रेगनेंट होने के लिए सेक्स कब करें।
>>> आप सबसे ज्यादा fertile (गर्भवती होने योग्य ) Ovulation के समय होती हैं। Ovulation का समय, यानि वो समय जब आपकी ovaries (अंडाशय) में से eggs निकलते हैं। आमतौर पर ऐसा अगला period शुरू होने के 12 से 14 दिन पहले होता है इस समय sex करने पर प्रेग्नेंट होने की सबसे अधिक संभावना होती है।
>>> पीरियड खत्म होने के ठीक बाद प्रेग्नेंट होने की संभावना कम होती है, लेकिन पूरी तरह से खत्म नहीं होती। ऐसा इसलिए क्योंकि male sperms sex करने के 7 दिन बाद तक ज़िंदा रह सकते हैं। इसका मतलब अगर आपका MC का duration बहुत छोटा है और आप अपने period के तुरंत बाद ovulate कर दें तो आप गर्भवती हो सकती हैं। इसलिए जो महिलाऐं pregnant नहीं होना चाहती उन्हें इस दौरान भी protection लेना चाहिए।
4. क्या प्रेगनेंसी के दौरान सेक्स करना सुरक्षित है?
(i) यदि आपकी pregnancy में किसी तरह की कोई complications नहीं हैं और यह एक healthy pregnancy है तो आप सेक्स कर सकती है। Mucus plug की मोटी परत जो cervix को सील करती है वो आपके baby को किसी भी तरह के infection से बचाती है। इसके आलावा amniotic sac और आपके uterus की मजबूत हड्डियां भी आपके baby को safe रखती हैं।
(ii) प्रेगनेंट महिलाओं की सबसे सेफ पोजीशन साइड-बाए-साइड स्पूनिंग (Side-By-Side Spooning) और एज पर सीट (Sitting at the edge) होना है।
(iii)आपने सुना होगा कि pregnancy के दौरान सेक्स करने से बच्चे का जन्म जल्दी हो जाता है। लेकिन यह बात गलत है जब तक आपकी pregnancy में कोई complications ना हो।
(iv) यदि आपकी body बच्चे पैदा करने के लिए तैयार नहीं है तो sex करने से premature birth नहीं होता।
लेकिन कुछ condition में सेक्स के लिए सावधानियाँ बरतनी होती है।
⭐⭐ यदि pregnancy के शुरूआती दिनों में आपको bleeding की problem रही हो तो आपका doctor 14 हफ्ते की प्रेगनेंसी का समय बीत जाने से पहले आपको सेक्स करने के लिए मना कर सकता है।
⭐⭐ Cervical (सरवाइकल) weakness का इतिहास रहने पर।
⭐⭐ Placenta (नाल) नीचे की तरफ होने पर।
⭐⭐ Vaginal (योनि) infection रहने पर।
5. गर्भावस्था के दौरान होने वाली आम समस्याएँ
(A) कमर दर्द: गर्भावस्था के दौरान पीठ में दर्द होना आम है। यह इसलिए होता है क्योंकि गर्भ में बच्चे के विकास के दौरान महिलाओं की मांसपेशियां ढीली पड़ जाती है, ताकि शरीर बच्चे को जन्म देने के लिए तैयार हो सकें। जिस वजह से स्री के कमर में दर्द होता है।
कमर दर्द से बचने के लिए हल्का व्यायाम करें, शरीर का वजन संतुलित रखें, और झुककर करने वाले काम कम से कम करें। शरीर का वजन दोनों पैरों पर समान मात्रा में होना चाहिए।
(B) कब्ज: गर्भावस्था में स्री में कब्ज की शिकायत होती है। जिसकी मुख्य वजह बच्चे की वजह से आँत में दबाव पड़ना होता है। स्री के शरीर में रिलैक्सिन नामक हॉर्मोन निकलता है जिसके कारण शरीर प्रोजेस्टेरोन पैदा करता है, जो आँतों की दीवार और पेट की मांसपेशियों को आराम देता है। जिससे पाचन क्रिया धीमी हो जाती है और रक्त की मात्रा बढ़ जाती है।
(C) प्रेगनेंसी के दौरान कब्ज की परेशानी से बचने के लिए ज्यादा से ज्यादा पानी पिएँ और फाइबर युक्त आहार लें।
उँगलियों में सुन्नता और सूजन: गर्भावस्था के दौरान महिलाओं का वजन बढ़ जाता है और रक्त का संचार कम हो जाता है जिससे शरीर में सूजन आ जाती है। जिसका कारण शरीर में पानी की मात्रा बढ़ना और नसों और मांसपेशियों पर दबाव पड़ने से उँगलियों का सुन्न हो जाना।
हाई ब्लड प्रेशर होने से भी सूजन अधिक होती है। इसलिए गर्भवती महिलओं को नमक कम और प्रोटीन युक्त आहार का ज्यादा सेवन करना चाहिए।
त्वचा संबंधी समस्याएं: गर्भवती महिलाओं को कई तरह की त्वचा संबंधी समस्याएं हो सकती है। इसके पीछे का कारण है हॉर्मोन के स्तर में बदलाव जिसकी वजह से त्वचा पर ज्यादा तेल का बनना।
(D) त्वचा में होने वाले बदलाव
⚫ वेरिकोस वेंस (Vericose Veins): त्वचा पर हल्की नीली नसें उभरना
⚫ स्पाइडर वेंस (Spider Veins): लाल ब्लड वेसल्स उभरना
⚫ ड्राई ईची एब्डोमेन (dry itchy abdomen): पेट की त्वचा को रुखा और खुजलीदार होना
⚫ लिनिया निगरा (Linea Nigra): नाभि में प्यूबिक बोन (Pubic Bone) तक गहरी काली रेखा उभरना
⚫ स्किन टैग्स (Skin Tags): शरीर के अलग-अलग हिस्सों का रंग गहरा हो जाना
5. क्या गर्भावस्था के दौरान सेक्स करने में कंडोम का प्रयोग करना जरूरी है?
गर्भावस्था के दौरान यौन संचारित infections से बचना बहुत ज़रूरी है,अन्यथा यह आपकी pregnancy और baby की health पर बुरा असर डाल सकता है। इसलिए precaution के तौर पर कंडोम का इस्तेमाल करें।
अस्वीकरण
सलाह सहित इस लेख में सामान्य जानकारी दी गई है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है।अधिक जानकारी के लिए आज ही अपने फोन में आयु ऐप डाउनलोड कर घर बैठे विशेषज्ञ डॉक्टरों से परामर्श करें। स्वास्थ संबंधी जानकारी के लिए आप हमारे हेल्पलाइन नंबर 781-681-11-11 पर कॉल करके भी अपनी समस्या दर्ज करा सकते हैं। आयु ऐप हमेशा आपके बेहतर स्वास्थ के लिए कार्यरत है।