महिलाओं में पीरियड्स का दर्द होने का कारण
पीरियड पेट में यूटेरस से आतंरिक परत झड़ने का समय होता है। इस प्रक्रिया के कारण आपको अधिक पसीना, चक्कर आना, कमजोरी लगना, किसी काम की इच्छा ना होना, ब्रेस्ट में बदलाव लगना, मूड बदलना और पीठ या पेट में दर्द जैसी दिक्कतें हो सकती है।
पीरियड मुश्किलों से भरे दिन होते हैं जिसमे अपने ही कुछ कामों या आदतों से इन दिनों की परेशानियां हो सकती है। अपनी कुछ आदतों की वजह से आपको पेट में ज़्यादा दर्द हो सकता है।
पीरियड्स में दर्द के 6 मुख्य कारण:
कम नींद: रात में अच्छी नींद लेना ज़रूरी है। रात में लेने वाली मीठी नींद सेक्स हॉर्मोन्स को ठीक रखती है। नींद कम होने पर आपका शारीरिक सिस्टम बिगड़ सकता है जिसका परिणाम अनियमित और लंबे चलने वाले पीरियड के रूप में हो सकता है। सोने जाने से पहले मोबाइल चलाने पर स्ट्रेस की समस्या हो सकती है। इससे पीरियड का दर्द बढ़ सकता है।
कैफीन ड्रिंक्स: कैफीन ड्रिंक्स मतलब कॉफी का सेवन। कैफीन का बुरा या अच्छा असर होना पूरी तरह आपके शरीर पर निर्भर करता है।
स्मोकिंग: पीरियड के दिनों में स्मोकिंग करने से ज्यादा दर्द हो सकता है। अगर स्मोकिंग की आदी महिलाऐं पीरियड्स के दिनों में स्मोकिंग करती है तो इससे पीरियड्स में ज़्यादा दर्द होता है।
अल्कोहल या शराब: अल्कोहल ना सिर्फ आपके शरीर में पानी की कमी करता है बल्कि इसके सेवन से मैग्नेशियम का स्तर कम हो जाता है। मैग्नेशियम की कमी से पीरियड्स के दर्द में बढ़ोतरी होती है। शराब या अल्कोहल के बाद आने वाले लक्षण जैसे हैंगओवर, सिरदर्द, मूड चैंज आपके पीरियड के लक्षणों के साथ मिलकर मुश्किल को दोगुना करते हैं। इस दौरान शराब ना पीएं तो बेहतर है।
शक्कर: शुगर की ज्यादा मात्रा आपके शरीर में इन्सुलिन बढ़ा सकती है। पीरियड्स के दिनों में इन्सुलिन का स्तर ज़्यादा होता है। आपके शरीर में एस्ट्रोजन-टेस्टोस्टेरो-प्रोजेस्टेरोन बैलेंस बिगाड़ सकता है। इससे आपको इन दिनों ज्यादा गुस्सा आना, चिढ़चिढ़ापन, मूड स्विंग जैसे लक्षण नजर आते हैं।
स्ट्रेस: स्ट्रेस का मतलब मन भारी होना, दिमाग में हलचल होना, काम में दिल नहीं लगना। स्ट्रेस के समय में पीरियड आने पर स्थिति और बिगड़ सकती है। अगर आप पीरियड से जूझ रहे हैं तो मेडिटेशन, आर्ट प्रेक्टिस, कोई फन एक्टिविटी या योगा का सहारा लें।
यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा आयु ऐप (AAYU App) पर डॉक्टर से संपर्क करें.
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