क्वारंटाइन में रहने वालों को डिप्रेशन का खतरा, कहीं आप तो नहीं डिप्रेशन का शिकार

कोरोना महामारी के प्रकोप के चलते देश ही नहीं बल्कि विश्व की अर्थव्यवस्था गड़बड़ा गई है। लोगों की जिंदगी पानी के फफोले की भांति सस्ती हो गई है। पिछले 2 महीने से विश्व की आधी आबादी घरों में कैद है, और लोग डिप्रेशन का शिकार बनते जा रहे हैं। कोरोना स्ट्रेस क्या है। क्वारंटाइन में कैसे पता करें की आप स्ट्रेस में अर्थात डिप्रेशन में जा रहे हैं। यह सब बता रहे हैं कोटा मेडिकल कॉलेज के सीनियर एचओडी डॉ.सी.एस.सुशील-
क्या होता है डिप्रेशन।
डिप्रेशन एक लगातार चलने वाली बीमारी है, इसमें व्यक्ति गुमसुम रहता है, चुपचाप रहता है काम में मन नहीं लगता। भूख नहीं लगती हैं, नींद नहीं आती है, बहुत ज्यादा थकान महसूस होती है।अगर ये लक्षण रोगी को लंबे समय तक रहते हैं तो इसका मतलब वह डिप्रेशन का शिकार है। यह एक तरह का मनोविकार है। हिंदी में इसे अवसाद के नाम से भी जाना जाता है। स्त्रियों में पुरुषों के मुकाबले अधिक मात्रा में डिप्रेशन पाया जाता है।
कैसे पता लगाएं डिप्रेशन में हैं?
हमारी बॉडी में कई तरह के रसायन तत्व होते हैं। जो कभी ज्यादा हो जाते हैं तो कभी कम हो जाते हैं।
ब्रेन में न्यूरॉट्रांसमीटर्स के कम या ज्यादा होने से डिप्रेशन की बीमारी होती है।
अनुवांशिकता भी डिप्रेशन का प्रमुख कारण है। अगर परिवार में माता-पिता में से किसी को डिप्रेशन की समस्या हो तो इसके बच्चों में आने की अधिक संभावना होती है।
परिवार में कलह (जिन परिवारों में हर समय किसी न किसी बात को लेकर झगड़ा रहता हैं, इससे बच्चों में या किसी भी सदस्य में डिप्रेशन के होने की संभावना रहती है)
परिवार में किसी व्यक्ति के नशा करने के कारण परिवार डिप्रेशन का शिकार हो जाता है
प्रेम में असफलता भी डिप्रेशन का प्रमुख कारण है।
डिप्रेशन को कैसे पहचानें?
डिप्रेशन में रोगी को नींद कम आना, भूख नहीं लगना, मन उदास रहना काम में मन नहीं लगना, अकेले में रहने का मन करना और कभी कभी आत्महत्या के विचार आना ये सभी डिप्रेशन के लक्षण हैं।
अवसाद (Depression) के प्रकार
- सायकोटिक डिप्रेशन
- न्यूरोटिक डिप्रेशन
मतलब सायकोटिक डिप्रेशन में व्यक्ति उदास रहता है और उसमें पागलपन के भी कुछ लक्षण आ जाते हैं।
जबकि न्यूरोटिक डिप्रेशन में व्यक्ति खुद अपनी प्रॉब्लम बताता है। दोनों प्रकार के डिप्रेशन का इलाज भी अलग-अलग है।
डिप्रेशन का इलाज
- आज के समय में डिप्रेशन का 100 प्रतिशत उपचार संभव है। कोई भी मरीज वह चाहे किसी भी प्रकार के डिप्रेशन से ग्रसित हो उसका उपचार किया जा सकता है।
- सबसे पहले पता करें की व्यक्ति वास्तव में डिप्रेशन में है या नहीं। उसके बाद मरीज़ को उससे संबंधित मानसिक और न्यूरोटिक उपचार दिया जाता है। डिप्रेशन से संबंधित दवाइयाँ दी जाती हैं।
- कई बार साइकोथेरेपी द्वारा भी उपचार किया जाता है उनको दवाई देने की आवश्यकता भी नहीं पड़ती
- कई बार मरीज जब ज्यादा गंभीर स्थिति में होता है तो फिर उसको ECT में लिया जाता है।
डिप्रेशन से बचाव के उपाय
अगर कोई परेशानी है तो अपने परिवार, दोस्तों, रिश्तेदारों या चिकित्सक से बात करके उस परेशानी का समाधान निकालने की कोशिश करें।
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