Post covid fibrosis: कोरोनावायरस (Coronavirus) के संक्रमण का प्रकोप पूरी दुनिया को भुगतना पड़ा है, पिछले 3 महीनों में इस वायरस से कई लोग गंभीर रुप से संक्रमित हुए हैं। जिसमें 80% मरीज ऐसे रहे जो बिना लक्षण या मामूली लक्षण के ठीक हो गए, वहीं 15% लोग कोरोना वायरस (Coronavirus) से गंभीर रूप से संक्रमित हुए। जिनमें 5% रोगी आपातकालीन स्थिति में थे।
अनेक मरीज़ों को बचाया नहीं जा सका और कुछ मरीज कोरोना महामारी से ठीक होने के बाद एक गंभीर फेफड़ों की बीमारी पोस्ट Post covid fibrosis से पीड़ित हुए और अभी तक श्वास लेने की तकलीफ से परेशान है और ऑक्सीजन पर निर्भर है।
फेफड़ों की तुलना हम एक बड़े पेड़ से कर सकते है, जैसे एक पेड़ की छोटी शाखाएं आखिर में हरी पत्ती पर खत्म होती हैं और यही पत्ती वातावरण से कार्बन डाइआक्साइड ले कर आक्सीजन वातावरण में छोड़ती हैं। हमारे फेफड़े भी पेड़ की तरह कई छोटी श्वास नली में विभाजित होकर एक झिल्ली पर खत्म होते हैं, इसी झिल्ली से हमारे शरीर को आक्सीजन मिलती है और इसी झिल्ली से कार्बन डाई आक्साइड का वातावरण में उत्सर्जन होता है।
1. फेफड़ों को कैसे प्रभावित करता है कोरोना वायरस
Coronavirus फेफड़ों की इसी झिल्ली पर दुष्प्रभाव डालता है और इस झिल्ली में निमोनियाके निशान बनाता है।यह निशान ct scan पर आसानी से बीमारी के पांचवे दिन पर देखे जा सकते हैं और 8 से 12 दिन पर पूरे फेफड़े की झिल्ली में फैल जाते हैं।
अगर शुरू में इलाज वक़्त पर मिले तो निमोनिया को पूरी झिल्ली में फैलने से रोका जा सकता है। अक्सर यह देखा गया है कि रोगी इलाज के लिए देरी से पहुंचता है इससे corona को पूरी झिल्ली में फैलने से नहीं रोका जा सकता है। ऐसी स्थिति में रोगी की जान तो काफी cases में बच जाती है परंतु फेफड़ों की झिल्ली जैसे हरी पत्ती सूख कर पीली पड़ती है और फिर पत्ती में जाल बन जाता है।
वैसे ही फेफड़ों की झिल्ली सूख कर जाल बन जाती है जिससे झिल्ली के द्वारा फेफड़ों को आक्सीजन पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पाती। इस कारणवश शरीर में आक्सीजन की कमी और श्वास में तकलीफ होने लगती है, जिसे post covid fibrosis कहते हैं।
चूंकि COVID-19 नई और अप्रत्याशित बीमारी है इसलिए अभी से तय कर पाना संभव नहीं है कि किस मरीज में यह रोग ठीक होगा या नहीं, आक्सीजन हटेगी या नहीं या ताउम्र श्वास की तकलीफ बनेगी?
नीचे दिए गए पहले ct scan में नीले गोले में फेफड़ों में corona के निमोनिया के निशान हैं और दूसरे ct scan में नीले गोले में झिल्ली फेफड़े की झिल्ली सूखने लगी है।

याद रखें आज भी corona का 100% इलाज सम्भव नहीं है…. Mask और social distancing ही एक मात्र उपाय है।
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