गले में खराश यानि फैरिन्जाइटिस (Pharyngnitis) क्या है, इसके लक्षण और घरेलू उपचार
गले में खराश (Sore Throat) की समस्या किसी को भी हो सकती है। यह मौसम के बदलने पर होता है, जो धीरे-धीरे सही होता जाता है। इसके बावजूद कुछ लोगों के लिए गले में खराश काफी तकलीफदेह हो जाती है।
कई बार यह परेशानी बार-बार होने लगती है। जिसकी वजह से आप इससे निजात पाना चाहते है। अगर आप इस समस्या को जड़ से खत्म करना चाहते है तो आप इस आर्टिकल को पढ़ें।
गले में खराश क्या होता है? (What is sore throat in Hindi)
जब किसी व्यक्ति को निगलने में, पानी पीने के समय, आदि कामों को करते समय गले में दर्द होता है, तो उसे गले में खराश कहा जाता है। आमतौर पर, गले में खराश को गले का दर्द कहा जाता है, जो सर्दी लगने या जुखाम के कारण हो सकता है। हालांकि, गले में खराश गरारे करने या अन्य तरीके को अपनाने से ठीक हो जाता है, लेकिन जब यह समस्या गंभीर बन जाती है तब इससे कई तरह की समस्या हो सकती है।
गले में खराश के प्रकार (Types of sore throat):
गले में खराश (Sore throat) मुख्य रूप से 2 प्रकार के होते है।
- वायरल थ्रोट: जब किसी व्यक्ति को गले में खराश किसी वायरल के कारण होती है, तो उसे वायरल थ्रोट कहते है। इस तरह के गले में खराश की शुरूआत सर्दी लगने से होती है, जो कुछ समय के बाद बुखार का रूप ले लेता है।
- बैक्टीरिया थ्रोट: इसके अलावा, कुछ गले में खराश बैक्टीरिया के संपर्क में आने से होता है। ऐसी स्थिति में, एंटिबायोटिक दवाईयाँ लेना कारगर है, जिससे बैक्टीरिया थ्रोट को ठीक कर सकते है।
गले में खराश के लक्षण (Symptom of sore throat):
गले में खराश (Sore throat) एक ऐसी समस्या है, जिसके साधारण लक्षण हैं। इसी कारण, किसी भी व्यक्ति को 5 लक्षणों को नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए क्योंकि यह गले में खराश के संकेत हो सकते हैं।
- गले में खिंचाव होना: गले में खराश का प्रमुख लक्षण गले में खिंचाव होना है। आमतौर पर, लोग इस पर ध्यान नहीं देते, लेकिन यह गले में खराश का रूप ले सकती है, जिसकी वजह से उन्हें काफी सारी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
- गले में जलन होना: यदि किसी शख्स को गले में जलन होती है, तो उसे इसे नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए क्योंकि यह गले में खराश का लक्षण हो सकता है।
- मुंह के अंदरूनी हिस्से में लाल धब्बे होना: अक्सर, गले में खराश की शुरूआत मुंह के अंदरूनी हिस्से में लाल धब्बे के साथ होती है। आमतौर पर, लोग इसे मुँह के छाले समझने की गलती करते हैं, लेकिन उन्हें किसी भी नतीजे पर पहुँचने से पहले डॉक्टर से सलाह लें क्योंकि यह गले में खराश का संकेत हो सकता है।
- हल्की खांसी होना: कई बार, गले में खराश के लक्षण हल्की खांसी के रूप में सामने आते हैं। इसी कारण, किसी भी शख्स को हल्की खांसी को गंभीरता से लेना चाहिए और उसकी जांच डॉक्टर से करवानी चाहिए।
- गले की ग्रंथि में सूजन होना: गले में खराश के कुछ मामले सामने आते हैं, जिनमें इसकी शुरूआत गले की ग्रंथि की सूजन के साथ होती है। यदि किसी व्यक्ति को गले की ग्रंथि में सूजन की शिकायत है, तो उसे इसका पूरा इलाज करवाना चाहिए ताकि उसे गले में खराश की समस्या ना हो।
गले में खराश के कारण (Reason of sore throat):
गले में खराश की समस्या की वजह कई सारे कारण है।
- जुखाम होना: गले में खराश का सामान्य कारण जुखाम है। ज्यादातर लोग जुखाम को सामान्य बीमारी समझते है। इसी कारण, किसी भी शख्स को जुखाम का इलाज सही तरीके से करवाना चाहिए ताकि उसे गले में खराश ना हो।
- फ्लू होना: गले में खराश होने की संभावना उन लोगों में ज्यादा होती है, जो किसी भी तरह के फ्लू से पीड़ित है।ऐसे लोगों को फ्लू का इलाज करवाना चाहिए ताकि उसे गले में खराश होने की संभावना कम हो।
- इंफेक्शन होना: अक्सर, गले में खराश इंफेक्शन का नतीजा हो सकता है। हालांकि, इंफेक्शन का इलाज एंटीबायोटिक दवाइयों का सेवन करके भी किया जा सकता है। लेकिन फिर भी लोगों को खुद को किसी भी तरह के इंफेक्शन से बचाने की कोशिश करनी चाहिए ताकि उनकी सेहत खराब ना हो।
- एलर्जी होना: गले की खराश एलर्जी से पीड़ित लोगों को हो सकती है। अत: ऐसे लोगों को अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखना चाहिए ताकि उसे कोई गंभीर बीमारी ना हो।
- स्मॉग होना: आजकल प्रदूषण खतरनाक स्तर पर है जिसकी वजह से कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती है। इनमें गले की खराश भी शामिल है, जो कुछ समय के बाद गंभीर रूप ले लेती है।
गले में खराश का इलाज (Treatment of sore throat):
गले में खराश (Sore throat) से पीड़ित लोगों को परेशान होने की जरूरत नहीं है क्योंकि किसी भी अन्य बीमारी की तरह गले में खराश का इलाज भी संभव है।
- गरारे करना: गले में खराश का इलाज करने का आसान तरीका गरारे करना है। यह गले की खराश दूर करता है।
- गर्म पानी पीना: गरारे करने के साथ-साथ गले में खराश का इलाज गर्म पानी पीकर किया जा सकता है।
- गले की सिकाई करना: यदि कोई व्यक्ति गले में खराश से पीड़ित है, तो इसका इलाज करवाने के लिए गले की सिकाई कर सकते हैं। इससे गले की ग्रंथियो को आराम मिलता है, जिससे गले में खराश की समस्या ठीक होती है।
- दवाई लेना: यदि गले में खराश में किसी भी अन्य तरीके से आराम नहीं मिलता, तो फिर इसमें दवाई ली जा सकती है। यह दवाई गले में खराश को बढ़ने से रोकती है, जिससे इससे पीड़ित व्यक्ति को आराम मिलता है।
फैरिन्जाइटिस में गले में सूजन के साथ-साथ खराश और दर्द का सामना करना पड़ सकता है। खाना-पीना निगलने में दिक्कत होती है। सर्दियों में यह बीमारी काफी आम है। इस मौसम में यह बढ़ जाती है। फैरिन्जाइटिस मुख्य रूप से वायरस की वजह से होता है, लेकिन कुछ मामलों में बैक्टीरियल इंफेक्शन की वजह से गले में दर्द हो सकता है। जिन लोगों को जुकाम होता है या फिर एलर्जी होती है, उन्हें फैरिन्जाइटिस होने का जोखिम अधिक होता है।
गुनगुने पानी में नमक मिलाकर दिन में दो-तीन बार गरारे करें। गरारे के तुरंत बाद कुछ ठंडा ना लें। इससे आपको गले की सूजन से राहत मिलेगी।
गले में खराश दूर करने के घरेलू उपचार:
मुलेठी: सोते समय एक ग्राम मुलेठी की छोटी-सी गांठ मुख में रखकर कुछ देर चबाएं फिर मुँह में रखकर सो जाए। मुलेठी चूर्ण को पान के पत्ते में रखकर चबाते रहें। इससे सुबह गला खुलने के साथ-साथ गले का दर्द और सूजन भी दूर हो जाएगा।
लहसुन: इसमें एंटी-माइक्रोबियल गुण होता है, जो बैक्टीरिया और वायरस को मारने में मदद करता है। लहसुन खाने से गले की सूजन कम होती है। इसके लिए लहसुन की एक छोटी-सी कली लेकर अपने मुँह में रखकर धीरे-धीरे चूसें।
नींबू का रस: नींबू के रस में नेचुरल एसिड होता है, यह बैक्टीरिया को मार कर गले की सूजन कम करने में मदद करता है। एक कप गर्म पानी में थोड़ा-सा नमक और नींबू के रस की कुछ बूंदे मिलाकर गरारा करें।
मुनक्का: सुबह-शाम दोनों वक्त चार-पाँच मुनक्का के दानों को खूब चबाकर खा लें, लेकिन ऊपर से पानी ना पिएँ। दस दिनों तक लगातार ऐसा करने से आपको लाभ होगा।
पालक: फैरिन्जाइटिस की समस्या में पालक से आराम मिलता है। पालक के पत्तों को पीसकर इसकी पट्टी बनाकर गले में बांधे। इस पट्टी को 15-20 मिनट के बाद खोल दें। इससे गले की सूजन और दर्द कम होता है।
अदरक: अदरक, गले के चारों ओर झिल्ली को शांत कर, सूजन से तुरंत राहत देता है। समस्या होने पर एक पैन में कटा हुआ अदरक उबाल लें और कुछ देर उबालने के बाद इसे थोड़ा ठंडा होने के लिए रख दें। इसमें नींबू का रस और मीठा करने के लिए शहद मिला सकते हैं।
बैक्टीरियल इंफेक्शन की वजह से फैरिन्जाइटिस की समस्या हो सकती है। जिन लोगों को जुकाम होता है या जल्दी एलर्जी होती है, उन्हें यह बीमारी होने का जोखिम होता है।
अस्वीकरण: सलाह सहित इस लेख में सामान्य जानकारी दी गई है। अधिक जानकारी के लिए आज ही अपने फोन में आयु ऐपडाउनलोड कर घर बैठे विशेषज्ञ डॉक्टरों से परामर्श करें। स्वास्थ संबंधी जानकारी के लिए आप हमारे हेल्पलाइन नंबर 781-681-11-11 पर कॉल करके भी अपनी समस्या दर्ज करा सकते हैं। आयु ऐप हमेशा आपके बेहतर स्वास्थ के लिए कार्यरत है।