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5 पीसीओडी का घरेलू उपचार के टिप्स | Daily Health Tip | Aayu App

5 पीसीओडी का घरेलू उपचार के टिप्स | Daily Health Tip | Aayu App

PCOS से पीड़ित महिलाओं को भोजन से पहले एक्सरसाइज जरूर करनी चाहिए। इससे मेटाबॉलिज्म बढ़ता है।

Women suffering from PCOS must exercise before meals. It helps to increase metabolism.

Health Tip for Aayu App

महिलाओं को अपने जीवन में कई तरह की शारीरिक समस्याओं से जूझना पड़ता है। जिसमें से एक है पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS), जिसे पॉलिसिस्टिक ओवरी डिजीज (PCOD) भी कहा जाता है। यह महिलाओं में होने वाली आम बीमारी है। वहीं, आजकल यह बिमारी किशोरियों (teenagers) में भी देखने को मिल रही है। आंकड़ों की माने तो 6-10 प्रतिशत महिलाऐं इसकी चपेट में आ जाती है। आज हम इस लेख में जानेंगे पीसीओडी का घरेलू उपचार (PCOD Ka Gharelu Upchar), PCOD के कारण (PCOD Ke Karan), PCOD के लक्षण (PCOD Ke Lakshan).

पीसीओडी क्या होता है?: (PCOD Kya Hota Hai):

महिलाओं को यह बीमारी प्रजनन हार्मोंस (Reproductive Hormone) के संतुलन में गड़बड़ी व मेटाबॉलिज्म खराब होने पर होती है। हार्मोंस असंतुलित होने से मासिक धर्म चक्र (Menstrual Cycle) प्रभावित होता है। आज हम आपको पीसीओडी का घरेलू उपचार बताने जा रहे है। ऐसा देखा गया है कि सामान्य स्थिति में हर माह पीरियड्स के बाद ओवरी (अंडाशय) में अंडाणुओं का निर्माण होता है और बाहर निकलते हैं। वहीं, पीसीओडी (PCOD) की स्थिति में ये अंडाणु ना तो पूरी तरह से विकसित हो पाते हैं और ना ही बाहर निकल पाते हैं।

पीसीओडी के कारण: PCOD Ke Karan:

  • आनुवंशिक : हार्मोंस में असंतुलन को इस बीमारी की मुख्य वजह माना जाता है, लेकिन अगर किसी माँ को यह समस्या हुई है, तो आशंका है कि उनकी बेटी भी इसकी चपेट में आ सकती है। हालांकि, वैज्ञानिक तौर पर इसकी पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन सावधानी बरतना जरूरी है।
  • पुरुष हार्मोन: महिलाओं की ओवरी कुछ मात्रा में पुरुष हार्मोन (एंड्रोजन) का भी उत्पादन करती है। पीसीओएस की स्थिति में पुरुष हार्मोन का अधिक मात्रा में उत्पादन होता है, जिस कारण ओव्यूलेशन प्रक्रिया के दौरान अंडाणु बाहर नहीं निकल पाते हैं। इस स्थिति को हाइपरएंड्रोजनिसम कहा जाता है।
  • इंसुलिन: कुछ वैज्ञानिक शोध में इंसुलिन को भी पीसीओडी का कारण माना गया है। शरीर में मौजूद इंसुलिन हार्मोन, शुगर, स्टार्च व भोजन को ऊर्जा में बदलने का काम करता है। जब इंसुलिन असंतुलित हो जाता है, तो एंड्रोजन हार्मोन की मात्रा बढ़ जाती है और ओव्यूलेशन प्रक्रिया प्रभावित होती है जिसके परिणामस्वरूप महिलाओं में पीसीओएस (PCOD Problem) की समस्या होती है।
  • खराब जीवनशैली : भोजन में पौष्टिक तत्वों की कमी, अधिक जंक फूड खाना, शारीरिक व्यायाम ना करने और शराब व सिगरेट का सेवन करने से महिलाओं को यह बीमारी हो सकती है।

पीसीओडी के लक्षण: PCOD Ke Lakshan:

  • अनियमित पीरियड्स होना या फिर बिल्कुल बंद हो जाना।
  • योनि से अधिक मात्रा में रक्तस्राव होना।
  • सामान्य परिस्थितियों में अंडों के विकसित होने के बाद, अंडाशय प्रोजेस्ट्रोन उत्पन्न करते हैं। इसके बाद प्रोजेस्ट्रोन का स्तर कम होता है और गर्भाश्य की परत हल्की हो जाती है, तो पीरियड्स शुरू हो जाते हैं। वहीं, अंडों के विकसित ना होने पर गर्भाश्य की परत मोटी होने लगती है, जिसे हाइपरप्लासिया कहते हैं। जिसके परिणामस्वरूप, महिला को अधिक व लंबे समय तक रक्तस्राव होता है।
  • तैलीय त्वचा व चेहरे पर कील-मुंहासे होना। (यह भी पढ़ें: कील-मुंहासे हटाने का तरीका)
  • शरीर के कुछ हिस्सों की त्वचा गहरी व मोटी हो जाना। ऐसा मुख्य रूप से गर्दन, बगल में और पेट व जांघ के बीच के हिस्से में होता है।
  • जांघ, पेट, छाती व चेहरे पर तेजी से बाल बढ़ने लगते हैं।
  • टाइप-1 डायबिटीज होना।
  • वजन बढ़ना शुरू हो सकता है।
  • अल्ट्रासाउंड के दौरान अंडाशय में गांठ जैसी चीजें अधिक मात्रा में नजर आ सकती हैं।

आइये जानते है पीसीओडी का घरेलू उपचार।

पीसीओडी का घरेलू उपचार: PCOD Ka Gharelu Upchar:

पीसीओडी का घरेलू उपचार के रूप में घर में रसोई में मिलनी वाली कई चीजें इस्तेमाल की जा सकती है।

  • दालचीनी का इस्तेमाल करें: एक चम्मच दालचीनी को एक गिलास गर्म पानी के साथ लें, तो इंसुलिन के स्तर को बढ़ने से रोका जा सकता है।
  • अलसी का इस्तेमाल करें: पीसीओडी का घरेलू उपचार में आप अलसी का उपयोग कर सकते है। अलसी के बीजों को पीसने के बाद एक-दो चम्मच पाउडर को एक गिलास पानी में डालकर पिएँ। इससे एंड्रोजन हार्मोंस में कमी आती है।
  • पुदीने की चाय पिएँ: पीसीओडी का घरेलू उपचार में आप पुदीने की चाय भी शामिल कर सकते है। एक शोध में यह पुष्टि हुई है कि पुदीने की चाय एंटी-एंड्रोजन का काम करती है। इसे पीने से पीसीओएस में राहत मिलती है। पानी में पुदीने की सूखी पत्तियाँ डालकर उबाल लें और फिर उसे छानकर पिएँ।
  • मेथी का इस्तेमाल करें: यह शरीर में इंसुलिन के स्तर को बढ़ने नहीं देती, हार्मोंस को संतुलित रखती है और मेटाबॉलिज्म में सुधार लाती है। आप तीन चम्मच मेथी के बीजों को आठ-दस घंटे के लिए पानी में भिगोकर रखें और फिर इन्हें पीसकर शहद के साथ दिन में तीन बार लें।
  • मुलेठी का इस्तेमाल करें: यह एंड्रोजन को कम करती है, कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करती है और मेटाबॉलिज्म प्रक्रिया को बेहतर करती है। प्रतिदिन सूखी मुलेठी को एक कप गर्म पानी में उबालकर पीने से लाभ मिलता है।

यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा आयु ऐप (AAYU App) पर डॉक्टर से संपर्क करें.

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