Pancreas in Hindi: अग्नाशय क्या है
पैंक्रियाज यानि अग्नाशय हमारे पाचन तंत्र का महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह हमारे खाने को ऊर्जा में बदलने का काम करता है। यह पेट में अंदर की तरफ होता है। इस अंग की सेहत खराब होने पर शरीर को ऊर्जा मिलने का सिस्टम बिगड़ जाता है। आज हम आपको पैंक्रियाज की बीमारियां बताने वाले है।
सबसे पहले जानते है अग्नाशय क्या है? (What is Pancreas in Hindi)। आगे हम जानेंगे पैंक्रियाज की बीमारियां।
अग्नाशय क्या है? What is Pancreas in Hindi?
अग्नाशय (Pancreas in Hindi) उदर भाग (Abdominal Portion) में पाया जाने वाला एक अंग है जो पेट के पीछे स्थित रहता है, और लिवर तथा छोटी आंत से घिरा होता है। यह लगभग 15 सेमी लंबा और समतल प्रकार का होता है। भोजन को पचाने में और खून के शुगर को नियंत्रित करने में इसका महत्वपूर्ण योगदान है।
अब जब आप जान चुके है अग्नाशय की परिभाषा क्या है (What is Pancreas in Hindi)?, अब जानते है अग्नाशय कौन-सा हार्मोन सीक्रेट करता है?
अग्नाशय कौन-सा हार्मोन सीक्रेट करता है? What pancreatic hormone secretes?
अग्नाशय आंतरिक रूप से एंडोक्राइन हार्मोन और बाहरी रूप से एक्सोक्राइन हार्मोन का रिसाव करता है। इसके एंजाइम पाचन रसों का रिसाव करते हैं जो खाने को आसानी से पचाने के लिए जरूरी है। अग्नाशय के हार्मोनों का रिसाव आइलेट कोशिकाओं द्वारा किया जाता है जो गुच्छों के रूप में उपस्थित हैं। इसकी तीन मुख्य कोशिकाएं होती हैं।
अग्नाशय (Pancreas in Hindi) हमारे पाचन तंत्र का एक अहम हिस्सा है। हमारे खाने में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और फैट सर्वाधिक मात्रा में शामिल होते हैं। इसके अलावा हमें सीमित मात्रा में विटामिन एवं खनिज की भी आवश्यकता होती है।
हमारा शरीर भोजन में उपलब्ध इन तत्वों को उनके मूल रूप में उपयोग नहीं कर सकता इसलिए पाचन तंत्र इसे छोटे अणुओं (Molecules) में तोड़कर साधारण पदार्थों में बदल देता है, जो हमारे शरीर के हिसाब से प्रयोग किया जाता है। (यह भी पढ़ें: पाचन तंत्र कैसे ठीक करें)
अग्नाशय हमारे ब्लड शुगर को भी कंट्रोल करता है। एल्फा कोशिकाएं जो कि ग्लूकागॉन का रिसाव करती हैं और ग्लूकागॉन रक्त में ग्लूकोज के स्तर को बढ़ाने में मदद करता है।
अग्नाशय में होने वाले इंफेक्शन : Pancreatic infections
अग्नाशय में होने वाले इंफेक्शन में क्रोनिक पैंक्रियाटाइटिस शामिल है। आप सोच रहे होंगे कि क्रोनिक पैंक्रियाटाइटिस क्या है? तो आपको बताते है क्रोनिक पैंक्रियाटाइटिस आपके अग्नाशय (पैंक्रियाज) में होने वाली सूजन है जो ग्रंथि (ग्लैंड) के प्रगतिशील विनाश का कारण बनता है। इससे ग्रंथि (ग्लैंड) की क्षति हो सकती है। परिणामस्वरूप आपके अग्नाशय में पथरी और अल्सर विकसित हो सकते हैं, जो आपकी आंत में पाचन रस को प्रवाहित करने वाली नली को बंद कर देते हैं।
इससे आपके शरीर के लिए भोजन को पचाने और ब्लड शुगर नियंत्रित रखने में कठिनाई आती है। यह कुपोषण और मधुमेह (डायबिटीज) का कारण बन सकता है। हालांकि सबसे ज्यादा परेशान करने वाला लक्षण ऊपरी पेट में गंभीर दर्द है। यह जिस आयु वर्ग को प्रभावित करता है उसके परिणाम स्वरुप यह शिक्षा और रोजगार को भी प्रभावित करता है।
आइये अब जानते है क्रोनिक पैंक्रियाटाइटिस के कारण। Causes of chronic pancreatitis
- शराब का सेवन करना।
- धूम्रपान जैसे निकोटीन की खपत।
- पोषण संबंधी कारक (आहार में उच्च वसा (फाइबर) और प्रोटीन, हाइपरट्राईग्लेसराइड जो आपके रक्त में ट्राइग्लिसराइड वसा का उच्च स्तर है)।
- वंशानुगत कारक (जैसे सिस्टिक फाइब्रोसिस)।
- संकीर्ण या अवरुद्ध अग्नाशय वाहिनी, जो कि एक ट्यूब है जो अग्नाशय से छोटी आंत में एंजाइमों को ले जाती है।
- ऑटोइम्यून बीमारी, जो तब होती है जब आपका शरीर गलती से आपके स्वस्थ कोशिकाओं और ऊतकों पर हमला करता है।
अब हम जानते है पैंक्रियाज की बीमारियां।
पैंक्रियाज की बीमारियां: Pancreas Diseases in Hindi:
आइये अब जानते है पैंक्रियाज की बीमारियां। इसमें हम आपको बताने वाले है पैंक्रियाटिक कैंसर का कारण और लक्षण।
पैनक्रियाटिक कैंसर की शुरुआती दौर में पहचान करना मुश्किल होता है। इसे साइलेंट किलर भी कहा जाता है क्योंकि इसके लक्षण एकदम से नजर नहीं आते। पैनक्रियाज यानि अग्नाशय में कैंसर के शुरुआती लक्षण इतने साधारण होते हैं कि इसे कैंसर मानना मुश्किल होता है मगर जब तक आपको इसकी भनक लगती है, तब तक कैंसर गंभीर रूप ले लेता है।
आज की खराब लाइफस्टाइल की वजह से पैंक्रियाटिक कैंसर के मामलों में तेजी आई है। इसका कारण अनियमित जीवनशैली के अलावा अस्वस्थ खानपान और मिलावट है। इसके अलावा धूम्रपान, शराब, रेड मीट व ज्यादा चर्बी वाली चीजें अधिक खाने वालों को इसका खतरा ज्यादा रहता है।
आइये जानते है पैंक्रियाटिक कैंसर के लक्षण। Symptoms of Pancreatic Cancer:
- पेट के ऊपरी भाग में दर्द रहना।
- स्किन, आँख और यूरिन का कलर पीला हो जाना।
- भूख ना लगना, जी मिचलाना और उल्टियाँ होना।
- कमजोरी महसूस होना और वजन घटना। (यह भी पढ़ें: वजन कैसे घटाएं)
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