World ORS Day 2020: जानें! ओआरएस क्या है इसके लाभ और बनाने की विधि
World ORS Day: ओआरएस का घोल शरीर के लिए बहुत ही लाभदायक है। नवजात शिशुओं को डायरिया और दस्त का होना आम बात है। यह सामान्य सी दिखने वाली समस्या बहुत ही घातक होती है शरीर को एकदम तोड़कर रख देती है। लेकिन इससे बचाव और राहत में ओआरएस (ORS) रामबाण उपाय है। आइए जानते हैं ओआरएस क्या है (ORS kya hai), कैसे बनाएं व इस्तेमाल करें (ORS banane ki vidhi aur tarika) और इसके फायदे ?
घोल और थैरेपी का असर:
ओआरएस (ORS) यानि ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन पूरी थैरेपी का एक हिस्सा है। यह थैरेपी है ओरल रिहाइड्रेशन थैरेपी। इसके अंतर्गत ओआरएस के साथ ही मां का दूध, हल्का सूप, हल्का नमक मिला चावल का पानी आदि भी आ सकते है, लेकिन इनकी मात्रा आदि को लेकर डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है। यह थैरेपी शरीर में हुई पानी और खनिज की कमी की पूर्ती कर शरीर को आवश्यक ऊर्जा देती है। इसमें ओआरएस अहम भूमिका निभाता है।
क्या होता है ओआरएस, डायरिया से बचने के लिए कैसे करते हैं इसका इस्तेमाल
डिहाइड्रेशन के लिए फायदेमंद:
निर्जलीकरण मौत का सबसे बड़ा कारण है। मरीज को ओआरएस घोल देने से निर्जलीकरण के कारण होने वाली मौतों का ग्राफ तेजी से कम होता है।
कुछ बीमारियों में मरीज के शरीर में पानी की कमी हो जाती है। निर्जलीकरण मौत का एक कारण है। मरीज को ओआरएस घोल देने से निर्जलीकरण के कारण होने वाली मौतों का ग्राफ कम होता जा रहा है।
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ओआरएस घोल का इस्तेमाल कैसे किया जाता है– ORS lene me barti jane vali savdhaniya
ओरल रिहाइड्रेशन साल्ट्स ही ओआरएस है। दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों को ज्यादा दस्त हों तो 75 से 125 मिलीलीटर ओआरएस घोल देना चाहिए। दो वर्ष से अधिक आयु के बच्चे को 125 से 250 मिलीलीटर घोल देना चाहिए। बच्चे को तीन बार से ज्यादा दस्त आए तो उन्हें दो सप्ताह तक ओआरएस का घोल दें।
ध्यान रखने वाली बात: साफ बर्तन में पर्याप्त मात्रा में स्वच्छ पानी में ओआरएस घोल बनाएं। पानी की उचित मात्रा नहीं लेने से डायरिया का दुष्प्रभाव बढ़ सकता है। ओआरएस घोल दूध, सूप, फलों के रस और सॉफ्ट ड्रिंक के साथ नहीं पीना चाहिए। इसमें अतिरिक्त चीनी नहीं मिलानी चाहिए। एक लीटर पानी मेें ओआरएस का एक पैकेट डालें। एक साल तक के बच्चे को चौबीस घंटे में दें। एक साल से बड़े बच्चे को आठ से 24 घंटे में दें।
ओआरएस के घोल से शरीर को इलेक्ट्रॉल्स, ग्लूकोज और पानी पर्याप्त मात्रा में मिलते है। शरीर में पानी की कमी होने पर कई तरह की परेशानियां हो सकती है जो कि यह पूर्ण करता है। यह बच्चों के लिए काफी फायदेमंद है।बच्चों को होने वाले दस्त और उल्टी होने के कारण शरीर में होने वाली पानी की कमी को पूरा कर देता है।
अगर आप ओआरएस का घोल घर पर बनाना चाहते है तो आइये जानते है ओआरएस का घोल घर पर कैसे बनाएं।
ओआरएस को घर पर कैसे बनाएं: ORS banane ki vidhi
एक लीटर पानी उबालकर ठंडा कर लें। इसके बाद एक छोटे गिलास में एक छोटा चम्मच सादा नमक, एक चम्मच सोडा, आधा नींबू का रस और एक चौथाई चम्मच शुगर डालकर अच्छी तरह से मिलाएं। आपका ओआरएस घोल बन कर तैयार है।
ओआरएस घोल बनाते समय ध्यान रखें ये बातें:
- अगर आपका बच्चा इसे पीकर उल्टी कर देता है तो थोड़ी देर रुककर उसे एक बार फिर से ओआरएस दें।
- हर 2 घंटे में नया घोल तैयार करें अन्यथा पैकेट पर लिखे निर्देशों का पालन करें।
- बच्चों या बड़ों को उल्टी या दस्त शुरू होते ही ओआरएस का घोल दें।
- ओआरएस घोल बनाते समय पूरी साफ-सफाई का ध्यान रखें।
- ओआरएस बनाने से पहले अपने हाथों को साबुन लगाकर अच्छी तरह से साफ कर लें।
- घोल गाढ़ा बनाने से बचें क्योंकि ओआरएस में पानी का घटक सबसे ज्यादा होता है। इसलिए ओआरएस पाउडर पर्याप्त मात्रा के पानी में मिलाएं।
- अगर आपने उचित मात्रा के साथ पानी नहीं मिलाया तो डायरिया की समस्या बढ़ जाती है।
- ओआरएस घोल को केवल पानी के साथ ही बनाएं। इसे दूध, सूप, फलों के रस और सॉफ्ट ड्रिंक के साथ इसका सेवन नहीं करना चाहिए। इसमें अतिरिक्त चीनी भी नहीं मिलाएं।
- बच्चों को बोतल से पिलाएं। कप का इस्तेमाल करने से बचें।
- डिहाइड्रेशन होने पर मरीज को सादा पानी ना पिलाएं।
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए आज ही अपने फोन में आयु ऐप डाउनलोड कर घर बैठे विशेषज्ञ डॉक्टरों से परामर्श करें। स्वास्थ संबंधी जानकारी के लिए आप हमारे हेल्पलाइन नंबर 781-681-11-11 पर कॉल करके भी अपनी समस्या दर्ज करा सकते हैं। आयु ऐप हमेशा आपके बेहतर स्वास्थ के लिए कार्यरत है।