महिलाओं की कुछ सामान्य समस्याएं और उनका समाधान

महिलाओं को अपनी ज़िन्दगी में कई तरह की समस्या होती है। आइये इस आर्टिकल में हम महिलाओं की कुछ सामान्य समस्याएं जानते है और उनसे सम्बंधित समाधान।
ऐसा देखा गया है कि भारत में महिलाओं को पूरे परिवार का ध्यान रखना होता है इसलिए अक्सर उन्हें अपना ध्यान रखने का समय नहीं मिलता है। उनको कई तरह की हेल्थ संबंधित परेशानियाँ होती है पर वो इन्हें नजरअंदाज करती है।
महिलाओं को अपनी हेल्थ संबंधित समस्याएं नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। महिलाओं को अपने हेल्थ के लिए हमेशा सतर्क रहना चाहिए।
महिलाओं में हर महीने कई तरह के बदलाव आते है जिसका उनकी हेल्थ पर सीधा असर पड़ता है। इसलिए उन्हें अपनी बिमारियों को लेकर सजग रहना चाहिए।
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महिलाओं की कुछ सामान्य समस्याएं और उनके समाधान:
महिलाओं को बार-बार पेशाब की समस्या होती है। महिलाऐं कई बार इसे हल्के में ले लेती है। ऐसा करना कई बार कई तरह की समस्या को जन्म देती है। डॉक्टर्स की सुने तो उनका कहना होता है कि महिलाओं में पेशाब कंट्रोल करने की समस्या कम होती है। वैसे तो आप मसूर की दाल, अंकुरित अनाज, गाजर का जूस और अंगूर का सेवन कर सकते है। लेकिन अगर इसकी आपको ज्यादा समस्या है तो आप डॉक्टर से कंसल्ट करें।
महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर की समस्या बहुत आम है। कई मौत की वजह ब्रेस्ट कैंसर होती है अगर इसके लिए पहले से ही सतर्क रहें तो शुरुआत में ही यह बीमारी पकड़ में आ सकती है। इसकी जानकारी अपनी गायनोकोलॉजिस्ट से बात करें।
सबसे कम बात महिलाऐं जिस चीज के लिए करती है वह है पीरियड्स। कई बार महिलाओं को इस दौरान बहुत ज्यादा दर्द होता है। वह इसे कमजोरी मान लेती है। कई बार महिलाओं को इस दौरान बहुत ज्यादा ब्लीडिंग होती है कई बार बहुत कम होती है। लेकिन महिलाऐं इसे सामान्य मानती है। अगर आपको ऐसी किसी भी तरह की समस्या है तो अपने डॉक्टर से जरूर बात करें।
महिलाओं में कम ब्लीडिंग होने के कारण:
- थायराइड से संबंधित समस्या का होना जैसे-हाइपोथायराइड।
- मेनोपॉज (Menopause) से पहले होने वाले हार्मोनल बदलाव।
- उचित आहार न लेना जैसे आहार में जरुरी पोषक तत्वों की कमी।
- अत्यधिक तनावयुक्त जीवन या अवसाद होना।
- अधिक व्यायाम करना या अधिक शारीरिक मेहनत करना।
- लंबी बीमारी से ग्रस्त होना।
- गर्भाशय या गर्भाशय नलिका में विकार होना।
- स्टेरॉयड (Steroid) का सेवन करना।
कम ब्लीडिंग रोकने के घरेलू उपाय:
हल्दी: गर्म पानी में एक चुटकी हल्दी डालकर मासिक धर्म की निर्धारित तिथि से पाँच दिन पहले सुबह-शाम पीना शुरू करें। यह उपाय मासिक धर्म में कम ब्लीडिंग की समस्या को ठीक करता है।
गाजर: गाजर में कैरोटीन होता है, जिससे शरीर में एस्ट्रोजन (Estrogen) का स्तर बढ़ जाता है। इससे मासिक स्राव समय पर और अच्छे से होता है। दिन में दो से तीन गाजर खाएँ। पीरियड्स में ब्लीडिंग कम होना हार्मोन संबंधी समस्या है उस परेशानी से राहत दिलाने में गाजर का सेवन करना चाहिए।
अदरक: एक चम्मच अदरक के रस में एक चम्मच गुड़ मिलाकर खाएँ। यह उपाय मासिक धर्म की अनियमितता में लाभदायक होता है।
पपीता: पपीते का फल खाएं। इसमें मौजूद कैरोटीन एस्ट्रोजन हार्मोन को उत्तेजित करता है। इसके सेवन से मासिक स्राव समय पर मिलता है।
सौंफ: धनिया और सौंफ के बीज का काढ़ा रोज दिन में एक बार पिएँ। यह उपाय महामारी में कम रक्तस्राव होने पर लाभ दिलाता है।
पीरियड्स के समय ज्यादा ब्लीडिंग का कारण:
- गर्भनिरोधक दवाईयों का ज्यादा सेवन से बचें।
- महिलाओ में एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन के 2 हारमोंस पाए जाते है| जिनका संतुलन में रहना जरुरी है अगर किसी कारण से हॉर्मोन का संतुलन बिगड़ता है | इससे हॉर्मोन्स असंतुलित हो जाते है। ऐसी स्थिति में ज्यादा बिल्डिंग होने लगती है |
- गर्भावस्था में miscarriage हो जाना या फिर कोई और प्रेगनेंसी संबंधित जटिलता होना कारण बन सकता है।
- खून पतला करने की कई दवाइयाँ है जिनका सेवन करने से खून पतला होता है लेकिन इन दवाओं का ज्यादा सेवन करने से हैवी बिल्डिंग की परेशानी होने लगती है |
- प्रजनन अंगो में इंफेक्शन होने से कई तरह की परेशानियाँ होती है।
- ऐडिनोमोसिस बीमारी या पेल्विक में सूजन आ जाती है।
- ब्रेस्ट कैंसर हो जाने पर |
- गर्भाशय में कोई गांठ बनाने से पीरियड्स के दौरान ज्यादा खून आता है |
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ज्यादा ब्लीडिंग रोकने के उपाय:
बर्फ से सिकाई करना:- पीरियड्स में शरीर का तापमान ज्यादा रहता है जब तापमान अधिक बढ़ जाता है तो कोशिकाएं फैल जाती है जिस कारण अधिक ब्लीडिंग होती है |
लेकिन पीरियड्स के दौरान बर्फ से सिकाई करने पर शरीर का तापमान निम्न हो जाता है और खून की कोशिकाएँ सिकुड़ जाती है जिससे ज्यादा बिल्डिंग होना बंद हो जाती है | बर्फ की सिकाई से केवल खून का आना कम नहीं होता बल्कि पेट के दर्द में लाभदायक है |
- बर्फ के टुकड़ों को लें और एक टॉवल में लपेटें फिर उससे पेट की सिकाई करें | इस सिकाई को 10-15 मिनट तक करें फिर कुछ समय के लिए पीठ के बल लेट कर आराम करें | इसके बाद भी आपको आराम ना मिले तो आप इसी उपाय को दोबारा कीजिए और यह उपाय 4 घंटे के अंतराल में कीजिए |
धनिया के बीज: धनिया के बीज इस परेशानी से राहत दिलाने में काफी सही है धनिया के बीज का उपयोग आयुर्वेद में किया जाता है | आयुर्वेद में धनिया के बीज को गर्भाशय को सही से काम करने और महिलाओं में उचित हॉर्मोन्स संतुलन बनाएं रखने के लिए उपयोग कर सकते है |
- एक गिलास पानी ले और उसमे एक चम्मच धनिया पाउडर डाले और इन्हें तब तक गर्म करे जब तक पानी आधा हो जाएं | फिर इसे ठंडा होने के लिए रख दे और जब ये हल्का गर्म रह जाये तब इसमें शहद मिलाएं और इसका सेवन करे इसका सेवन पीरियड्स के दौरान 2-3 बार करे इससे आपको जल्द ही राहत मिल जाएगी |
महिलाऐं गर्भ रोकने के लिए गर्भनिरोधक दवाएं लेती है इससे शरीर में कई तरह के बदलाव और परेशानियाँ आती है लेकिन महिलाओं को इनके बारे में पता नहीं होता। इनसे जुडी जानकारियों के बारे में सजग रहें। इसके लिए अपने डॉक्टर से बात करें।
कई महिलाओं में पीरियड लेट आते है। अगर आपको भी पीरियड लेट आते है तो अपने डॉक्टर से इस बारे में जाने की पीरियड लेट आने की समस्या क्यों होती है और यह भी पूछें कि कितने दिन लेट तक पीरियड आने से परेशानी नहीं है। यह सब चीज़े आपको पता होनी चाहिए। इसे आम समस्या की तरह नजरअंदाज ना करें।
इसकी कई वजह हो सकती है। आइये जानते है पीरियड लेट होने की वजहें।
- महिलाएं कई बार अनियमित माहवारी की समस्या या लेट पीरियड की समस्या से गुजरती है। कई बार महिलाऐं इसे सामान्य समस्या समझ ले लेती है और इसे अनदेखी करती है। लेट पीरियड वैसे तो कई कारणों से हो सकता है लेकिन आजकल जो देखा जा रहा है वो है थायराइड की परेशानी। इसलिए इसका समय रहते उपचार करना जरूरी है।
- वैसे मुख्यतः पीरियड का समय 28 दिनों का होता है। लेकिन अगर यह 28 से 35 दिनों के बीच में आती है तब भी यह नार्मल ही माना जाता है। लेकिन अगर आपको यह 35 दिन के बाद आते है तो डॉक्टर से जरूर बात करें। इसके अलावा अगर आपके खून में खून के थक्के बनते है, या अनियमित महामारी की परेशानी होती है तो बच्चेदानी में गाँठ, या खून की कमी जैसी कोई भी परेशानी हो सकती है इसलिए अपने डॉक्टर से जरूर बात करें।
महिलाओं में होने वाली आम बीमारी है UTI । इसके बारे में डॉक्टर से जरूर बात करें। इस बीमारी को आप रोजाना के परहेज से दूर कर सकते है।
- UTI को यूरिन इंफेक्शन कहते है। जो पानी की कमी से होता है। अक्सर महिलाएं कम पानी पीती हैं। जबकि एक दिन में 10 से 12 गिलास पानी पीना चाहिए। पानी कम पीने से यूरीन इन्फेक्शन का खतरा बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। यूरिन इंफेक्शन से बचने के लिए सफाई का भी ध्यान रखें इसके लिए महिलाऐं महामारी के दौरान पैड का इस्तेमाल करें और उसे अच्छे से डिस्पोज़ करें। अगर आपको किसी तरह की समस्या हो रही है तो उसे नजरअंदाज ना करें इससे किडनी खराब होने का खतरा भी रहता है।
अस्वीकरण: सलाह सहित इस लेख में सामान्य जानकारी दी गई है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है।अधिक जानकारी के लिए आज ही अपने फोन में आयु ऐप डाउनलोड कर घर बैठे विशेषज्ञ डॉक्टरों से परामर्श करें। स्वास्थ संबंधी जानकारी के लिए आप हमारे हेल्पलाइन नंबर 781-681-11-11 पर कॉल करके भी अपनी समस्या दर्ज करा सकते हैं। आयु ऐप हमेशा आपके बेहतर स्वास्थ के लिए कार्यरत है।