Corona Brief News: कोरोना फिर बदल रहा अपना रूप, अचानक इम्युनिटी बढ़ने से आ सकता है बुखार
Coronavirus India Updates: कोरोनावायरस (Coronavirus) के बारे में नई जानकारी सामने आई है। साइंस जर्नल में प्रकाशित शोध के मुताबिक, संक्रमण के बाद वायरस का आकार बदलता है। इसकी वजह है स्पाइक प्रोटीन। दूसरी ओर रूस द्वारा बनाई जा रही कोरोना वैक्सीन पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने चेतावनी दी है कि ऐसे लोग जिनमें एंटी-बॉडीज बन रही हैं, उनके लिए यह वैक्सीन खतरनाक साबित हो सकती है।
1.कोरोना फिर बदल रहा अपना रूप-
अमेरिका के बॉस्टन चिल्ड्रन हॉस्पिटल ने अपनी रिसर्च में दावा किया है कि इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप से देखने पर स्पाइक प्रोटीन बदला-बदला सा दिखाई दिया। शोधकर्ताओं के मुताबिक, कोरोना फिर अपना रूप बदल रहा है। यह वायरस संक्रमण के बाद स्पाइक प्रोटीन रॉड जैसा आकार ले रहा है, और ये नई जानकारी इस वायरस को खत्म करने में मदद कर सकती है।
जानें क्या है स्पाइक प्रोटीन?
- कोरोनावायरस (Coronavirus) की बाहरी सतह पर क्राउन (मुकुट) की तरह दिखने वाला जो हिस्सा होता है, यहां से वायरस प्रोटीन को निकालता है। इसे स्पाइक प्रोटीन कहते हैं।
- इसी प्रोटीन से संक्रमण की शुरुआत होती है। यह इंसान के एंजाइम एसीई2 रिसेप्टर से जुड़कर शरीर तक पहुँचता है और फिर अपनी संख्या बढ़ाकर संक्रमण को बढ़ाता है।
2. रूस वैक्सीन पर Who का दावा: इम्युनिटी बढ़ने से आ सकता है बुखार
कोरोना वायरस पर रूस की 12 अगस्त को आने वाली वैक्सीन को लेकर WHO ने चेतावनी दी है कि ऐसे लोग जिनमें एंटी-बॉडीज बन रही हैं, उनके लिए यह वैक्सीन खतरनाक साबित हो सकती है।
बतादें, रूस की वैक्सीन Gam-Covid-Vac Lyo को रक्षा मंत्रालय और गामालेया नेशनल सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एपिडिमियोलॉजी एंड माइक्रोबायलॉजी ने मिलकर तैयार किया है। दावा किया है कि यह दुनिया की पहली वैक्सीन साबित होगी। सितम्बर से इसका उत्पादन करने और अक्टूबर से लोगों तक पहुंचाने की तैयारी शुरू हो गई है।
इस वैक्सीन को लेकर (WHO) समेत रशिया के कई वायरस विशेषज्ञ सवाल उठा चुके हैं। उन्होंने चेतावनी दी है कि ऐसे लोग जिनमें एंटी-बॉडीज बन रही हैं, उनके लिए यह वैक्सीन खतरनाक साबित हो सकती है।
वैक्सीन तैयार करने वाले इंस्टीट्यूट की सफाई
- गामालेया नेशनल रिसर्च सेंटर के डायरेक्टर अलेक्जेंडर गिंट्सबर्ग का कहना है कि हमने कोरोना के जो कण वैक्सीन में इस्तेमाल किए हैं, वो शरीर को नुकसान नहीं पहुंचाते। ये कण शरीर में अपनी संख्या को नहीं बढ़ाते।
- वैक्सीन लगने के बाद कुछ लोगों में बुखार की स्थिति बन सकती है, लेकिन ऐसा इम्यून सिस्टम बूस्ट होने के कारण होता है। लेकिन, इस साइडइफेक्ट को आसानी से पैरासिटामॉल की टेबलेट लेकर ठीक किया जा सकता है।
3. RT-PCR टेस्ट बढ़ा रहा है भारत में कोरोना की रफ्तार-
भारत में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए लगातार रैपिड एंटीजन टेस्ट (RAT) टेक्नोलॉजी कोरोना टेस्ट किया जा रहा है।
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के अनुसार देश में अब तक हुए कुल टेस्ट में एंटीजन टेस्ट (RT-PCR) की संख्या 26.5 लाख है। एंटीजन टेस्ट आरटी-पीसीआर टेक्नोलॉजी के मुकाबले सस्ता और तेज है।
क्या है एंटीजन टेस्टिंग?
एंटीजन टेस्ट को रैपिड डायग्नोस्टिक टेस्ट भी कहा जाता है। एंटीजन टेस्ट प्रक्रिया के दौरान मरीज के सलाइवा को सैंपल के तौर पर लिया जाता है। इसके तहत इंसान के शरीर में वायरस का पता फ्लोरेसेंस इम्यूनोऐसे मैथड से लगाया जाता है।
अगर एंटीजन टेस्ट नेगेटिव है तो पीसीआर टेस्ट होना चाहिए: ICMR
ICMR ने 23 जून को कोविड 19 की नई गाइड लाइन जारी की थीं। इसमें कहा गया था कि एक एंटीजन टेस्ट में पॉजिटिव आए व्यक्ति को असल संक्रमित माना जाना चाहिए, लेकिन किसी व्यक्ति में अगर लक्षण नजर आ रहे हैं और रिजल्ट निगेटिव है तो इसे पीसीआर टेस्ट के जरिए कन्फर्म करना चाहिए।
4. कोरोना के कहर के बीच अच्छी खबर : रिकवर होने वालों की संख्या एक दिन में सबसे ज्यादा
देश में सोमवार यानी 10 अगस्त, 2020 को अबतक ठीक होने वाले मरीजों का आंकड़ा (Recovered Cases)सबसे ऊंचा रहा है। पिछले 24 घंटों में कोविड-19 के 54,859 मरीज ठीक हुए हैं। और भी अच्छी बात ये है कि देश में संक्रमण के एक्टिव मामलों और रिकवर हो चुके मामलों में बड़ा अंतर चल रहा है।
इस अच्छी खबर के बीच भी भारत में कोरोना के मामले फिलहाल घटते हुए नहीं दिखाई दे रहे हैं। वहीं, भारत ने महज एक दिन में एक लाख नए केस जोड़े हैं। 10 अगस्त की सुबह तक देश में कोविड-19 के कुल मामले 22 लाख के पार पहुंच चुके हैं।
देश में सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और दिल्ली में चल रहे हैं। इसके बाद उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल का नंबर है।
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