नाभि में इंफेक्शन का रामबाण इलाज
नाभि शरीर का बेहद ही संवेदनशील अंग होता है. इसकी देखभाल शरीर के बाकी पार्ट जितनी ही जरूरी होती है. क्योंकि गर्भ में शिशु का विकास पुरी तरह नाभि द्वारा ही होता है. नाभि पेट पर होती है, जिसमें सबसे ज्यादा बैक्टीरिया एकत्रित होने की संभावना होती है. पसीना, साबुन की वजह से नाभि में इंफेक्शन हो जाता है. इंफेक्शन की वजह से बहुत दर्द होता है. नाभि में इंफेक्शन का खतरा किसी भी उम्र में हो सकता है.
नाभि में इंफेक्शन दो प्रकार का होता है.
1) बैक्टीरियल
2) यीस्ट इंफेक्शन
नाभि में इंफेक्शन के लक्षण
- नाभि से पीले- भूरे रंग का मवाद निकलना
- नाभि से निकलने वाले मवाद से बदबू आना
- नाभि में लागातार खुजली होना
- नाभि में और उसके पास वाले जगहों पर दर्द के साथ सूजन होना
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हल्दी
हल्दी में एंटीसेप्टिक, एंटीबायोटिक भरपूर मात्रा में मौजूद होता है. जो इंफेक्शन से रोकथाम करता हैं. इसके लिए पानी में हल्दी को मिलाकर पेस्ट तैयार कर लें. फिर पेस्ट को प्रभावित क्षेत्र पर लगाएं और सूखने के लिएन छोड़ दें. सूखने के बाद इसे साफ कपड़े से साफ कर लें. इस तरह से दिन में 2- 3 बार करें. इससे दर्द भी कम होता है और इंफेक्शन फैलता भी नहीं है.
नमक
नाभि में होने वाले इंफेक्शन के लिए के लिए नमक वाला पानी काफी लाभदायक होता है. पानी की गर्माहट इंफेक्शन वाली जगह पर रक्त प्रवाह पर को बढ़ा देती है और नमक नमी को अवशोषित कर लेता है. एक कप गर्म पानी में एक चमम्च नमक मिला लें. अब इस पानी में सूत्ती के कपडे़ को भिगोकर नाभि का साफ करें. उसके बाद इसे अच्छी तरह सुखा लें. दोबारा इंफेक्शन ना हो इसके लिए एंटीबैक्टीरियल क्रीम का इस्तेमाल करें. इस तरह से दिन में 1-2 बार करें.
एलोवेरा
एलोवेरा में एंटी इंफ्लेमेट्री गुण भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं. जोकि नवेल में होने वाले इंफेक्शन को दूर करने में मदद करते हैं. इसका इस्तेमाल करने से दर्द से भी बहुत जल्दी राहत मिलता है. एलोवेरा का इस्तेमला करन के लिए एक एलोवेरा के पत्ते को काटकर उसमें मौजूद तरलीय पदार्थ को निकाल लें. इसको नवेल पर लगाएं और सूखने दें. उसके बाद साफ कपड़े की मदद से एलोवेरा को हटा दें. इस तरह से दिन में एक बार करें.
नीम की पत्ती
नीम के पत्तियों में विभिन्न एंटीवायरल, जीवाणुरोधी, एंटी-फंगल और एंथेलमिंटिक गुण होते हैं. चेहरे और स्किन के अनेक प्रकार के इन्फेक्शन को दूर करने के साथ ही नवेल से जुड़े इन्फेक्शन को दूर करने में भी नीम की पत्तियों का इस्तेमाल किया जाता है. इसके एंटी सेप्टिक और एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण दर्द को दूर करने के साथ ही खुजली की समस्या से भी निजात दिलाते हैं. नीम की पत्तियों का पेस्ट बना लें और इसे नवेल पर अच्छे से लगाएं. 20 मिनट रखने के बाद इसे गुनगुने पानी से धो लें. दिन में 2 बार इसे जरूर लगाएं.
नाभि के लिए काफी फायदेमंद होता है तेल
नवेल में तेल डालने से सबसे बड़ा फायदा ये हाता है कि नाभि से गंदगी साफ हो जाती है. अगर तेल सरसों का हो तो और बेहतर है. इसके अलावा आप नारियल का तेल, जोजोबा ऑयल भी लगा सकते हैं.नाभि को साफ रखने से इन्फेक्शन होने का खतरा नहीं रहता.
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