National Safe Motherhood day: सुरक्षित मातृत्व के लिए गर्भावस्था में इन बातों का रखें ध्यान
National Safe Motherhood day 2021: राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस , व्हाइट रिबन एलायंस इंडिया (WRAI) द्वारा शुरू की गई एक पहल है, जिसे गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की उचित देखभाल और प्रसव संबंधी जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से हर साल 11 अप्रैल को मनाया जाता है ।
गर्भवती महिलाओं की प्रसव से पूर्व जरूरी है ये जांच
राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस (National Safe Motherhood day) के तहत यह तय किया गया है कि हर माह की 9 तारीख को एक विशेष दिवस का आयोजन कर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, नगरीय पीएचसी, पीएचसी व हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों पर गर्भवती महिलाओं को जागरूक किया जाएगा।
इस दौरान गर्भवती महिलाओं की प्रसव से पूर्व जांच कर हाई रिस्क प्रेगनेंसी (एचआरपी) वाली महिलाओं को चिह्नित कर इलाज किया जाता है ताकि सुरक्षित प्रसव कराया जा सके।
सुरक्षित मातृत्व के लिए गर्भावस्था में इन बातों का रखें ध्यान (National Safe Motherhood day)
समय-समय पर कराएं प्रेग्नेंसी टेस्ट (Pregnancy test)
ज्यादातर गर्भवती महिलाओं की किसी न किसी कारण से गर्भावस्था के दौरान या फिर बच्चे के जन्म के बाद मौत हो जाती है जिनमें सबसे प्रमुख कारण खून की कमी का होना है। इनमें ज्यादातर वही महिलाएं होती हैं, जो गर्भावस्था के दौरान रूटीन चेकअप के लिए हॉस्पिटल नहीं जाती हैं। इसलिए उन्हें पता ही नहीं चलता है कि उनके भीतर स्वास्थ्य संबंधी कौन सी दिक्कतें आ रही हैं। इस दौरान बहुत सी गर्भवती महिलाओं को खून की कमी होना, ब्लड प्रेशर की समस्या, अनुचित खानपान या सही डाइट न लेना, किडनी, लीवर, शुगर, थायराइड आदि समस्याएं हो जाती हैं। इसलिए समय-समय पर प्रेग्नेंसी टेस्ट करवाएं।
गर्भावस्था में डाइट का रखें खास ध्यान (Pregnancy Diet)
सुरक्षित मातृत्व (National Safe Motherhood day) ही विकास की निशानी है। मां और बच्चा दोनों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए गर्भावस्था के दौरान डाइट का विशेष ध्यान रखना जरूरी है। इस दौरान डॉक्टर की सलाह के अनुसार डाइट लें। शरीर में खून की कमी को पूरा करने के लिए भोजन में मौसमी फलों को शामिल करें। चाय और कॉफी से दूर रहें, अगर आप चाय की आदि हैं तो कम मात्रा में सेवन करें।
प्रेगनेंसी में करें उष्ट्रासन
गर्भावस्था में महिलाओं को उष्ट्रासन का जरूर अभ्यास करना चाहिए। इसके अभ्यास से रीढ़ की हड्डियां मजबूत होती हैं। पेट और कमर को यह लचीला बनाता है। इसे करने से शरीर में खून का प्रवाह आपके सिर में होता है, जिससे एनर्जी लेवल बढ़ती है। इससे प्रेगनेंसी में आप पूर्ण रूप से चुस्त-दुरुस्त महसूस करेंगी। इसे करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर कर लें।
प्रेग्नेंसी में अनुलोम-विलोम है फायदेमंद
इसमें केवल अपनी सांसो को अंदर लें और बाहर छोड़े। इसके लिए किसी एकांत जगह पर चटाई बिछाकर बैठ जाएं। धीरे-धीरे सांस अंदर लें और बाहर छोड़ें। प्रेगनेंसी में प्राणायाम करना भी लाभदायक होता है।
डिस्क्लेमर
इस लेख में (National Safe Motherhood day) केवल सामान्य जानकारी दी गई है, यह किसी भी रूप से योग्य चिकित्सक का विकल्प नहीं हो सकता है। किसी भी स्वास्थ्य समस्या का घर बैठे डॉक्टर से परामर्श करने के लिए www.aayu.app पर विजिट करें।
स्रोत (Source)
https://pmsma.nhp.gov.in/?lang=h
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