National Doctor’s Day: शुक्रिया डॉक्टर्स! पूरे भारत को गर्व है आप पर, आपकी वज़ह से आज देश सुरक्षित है।
National Doctor’s Day: आज राष्ट्रीय डॉक्टर्स डे है। डॉक्टर के योगदान को सम्मान देने के लिए भारत में हर साल 1 जुलाई को राष्ट्रीय डॉक्टर्स डे (National Doctor Day, July 1) मनाया जाता है। इस वर्ष डॉक्टर दिवस की थीम (National Doctor’s Day 2020 Theme) कोरोनावायरस से संबंधित रखी गई है। राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस 2020 चल रहे कोरोनोवायरस महामारी के लिए अपनी निरंतर सेवा के लिए सभी डॉक्टरों और चिकित्सा पेशेवरों को धन्यवाद करता है।
साल 2020 की शुरुआत से ही कोरोना महामारी ने दुनिया के एक कोने एशिया महाद्वीप में दस्तक दे दी थी। और धीरे-धीरे इस महामारी ने पूरे विश्व में अपने पैर पसार दिए। संकट की इस घड़ी में आप डॉक्टर्स ने रात-दिन एक करके देश को कोरोना से जंग जीतने में मदद की है। भारत में कोरोना संक्रमितों की रिकवरी रेट अब बढ़ रही है।
पांच लाख संक्रमित मामलों में 3 लाख मरीज अब तक ठीक हो चुके हैं। राष्ट्र और मेड्रकॉर्ड कोरोना वॉरियर्स को देशहित में दिए आपके योगदान के लिए सलाम करता है।
पूरे देश को आप डॉक्टर्स पर गर्व है, आपकी वज़ह से देश आज सुरक्षित है। (Thank you Doctor’s)
(Note: मेड्कॉर्ड्स की डॉक्टर्स से अपील अब आप मेड्कॉर्ड्स के डॉक्टर पोर्टल पर रजिस्टर करके अधिक से अधिक लोगों की मदद कर सकते हैं। रजिस्टर करने के लिए क्लिक करें)
क्यों मनाया जाता है डॉक्टर्स डे –
देश के महान चिकित्सक और पश्चिम बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री डॉ. बिधानचंद्र रॉय के सम्मान में 1 जुलाई को नेशनल डॉक्टर्स डे मनाया जाता है। रॉय ने चिकित्सा के क्षेत्र में बहुत विस्तृत काम किए।
उन्होंने लंदन के प्रतिष्ठित सेंट बार्थोलोम्यू अस्पताल से डॉक्टरी की पढ़ाई की कोशिश की, लेकिन उस समय उनके भारतीय होने के चलते उन्हें दाख़िला नहीं दिया गया, बिधानचंद्र नहीं मानें और तकरीबन डेढ़ महीने तक डीन के पास आवेदन करते रहे, आखिर में डीन ने हार मानकर 30वीं बार में उनका आवेदन स्वीकार कर लिया।
अपनी निष्ठा के चलते रॉय ने सवा दो साल में ही डिग्री लेकर एक साथ फिजिशन और सर्जन की रॉयल कॉलेज की सदस्यता पाई। ऐसा बहुत ही कम लोग कर पाते थे। पढ़ाई के बाद भारत लौटकर डॉक्टर रॉय ने चिकित्सा के क्षेत्र में बहुत बड़ा योगदान दिया।
टेलीकंसल्टेशन से कर सकते हैं डॉक्टर्स की मदद
इस महामारी के दौर में अस्पताल जाना और घर से बाहर निकलना खतरे से खाली नहीं है। अस्पतालों में पहले से ही गंभीर रोगियों की भीड़ है ऐसे में सामान्य बीमारियों के लिए अस्पताल जाने से संक्रमण का खतरा और अधिक बढ़ जाता है।
हमारे प्रधानमंत्री जी और विशेषज्ञ डॉक्टर्स बार-बार लोगों से घर से ही टेलीकंसल्टेशन और टेलीमेडिसिन को अपनाने की बात कह रहे हैं।
ऐसे में आप सभी देशवासियों की भी जिम्मेदारी बनती है कि सामान्य बीमारियों के लिए या जिन बीमारियों का इलाज घर रह कर डॉक्टर से ऑनलाइन परामर्श से संभव है उसके लिए डॉक्टर्स और अस्पतालों पर अनावश्यक भीड़ बनने से बचें।
आमजन आयु ऐप डाउनलोड करके घर बैठे ही विशेषज्ञ डॉक्टरों से परामर्श कर सकते हैं और नज़दीकी मेडिकल स्टोर से घर पर दवाइयां भी मंगवा सकते हैं।
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