Corona Brief News: अब सिर्फ 50 मिनट में सैनेटाइज होगा एन-95 मास्क, कोरोना मरीजों का ब्रेन बूस्ट करेंगे मनोवैज्ञानिक
एन-95 मास्क को 50 मिनट तक 100 डिग्री सेल्सियस तापमान पर कुकर में रखें तो यह किटाणुमुक्त हो सकता है। इस दौरान मास्क के फिल्टर को किसी तरह का नुकसान नहीं होता है। दूसरी ओर मध्यप्रदेश में कोरोना मरीज़ों पर नया प्रयोग किया जाएगा। यहां मनोवैज्ञानिक कोरोना मरीज़ों का ब्रेन बूस्ट करेंगे।
एन-95 मास्क अब सिर्फ 50 मिनट में होगा सैनेटाइज-
एन-95 मास्क को इलेक्ट्रिक कुकर की मदद से भी सैनेटाइज किया जा सकता है। वो भी सिर्फ 50 मिनट में। यह दावा अमेरिकी की 150 साल पुरानी इलिनोइस यूनिवर्सिटी ने किया है।
एन-95 मास्क को ऐसे बनाएं इस्तेमाल करने लायक
एनवायरनमेंट साइंस एंड टेक्नोलॉजी जर्नल में प्रकाशित शोध के मुताबिक, एन-95 मास्क को इस तरह सैनेटाइज करके उसे दोबारा इस्तेमाल करने लायक बनाया जा सकता है।
शोधकर्ता हेलेन नगुयेन के मुताबिक, कपड़े वाला या सर्जिकल मास्क हमें ड्रॉपलेट्स से बचाते हैं लेकिन रेस्पिरेटर मास्क यानी एन-95 वायरस के बेहद बारीक से बारीक कण से भी सुरक्षित रखते हैं।
एन-95 मास्क को ऐसे अपने सैनेटाइज करें
- इलेक्ट्रिक कुकर में पानी या नहीं होनी चाहिए।
- अब कुकर में तौलिए को डबल फोल्ड करके बिछा दें, ताकि मास्क तक सीधे गर्माहट न पहुंचे।
- अब कुकर का तापमान 50 मिनट के लिए 100 ड्रिग्री सेल्सियस तक कर दें।
- 50 मिनट के बाद इसे ठंडा होने दें, अब मास्क दोबारा इस्तेमाल करने के लिए तैयार है।
2.कोरोना मरीजों का ब्रेन बूस्ट करेंगे मनोवैज्ञानिक
कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप को रोकने के लिए मध्यप्रदेश में मरीज़ों पर नया प्रयोग किया जा रहा है। जहाँ मनोवैज्ञानिक कोरोना मरीज़ों का ब्रेन बूस्ट करेंगे। गांवों में संक्रमण फैलने से रोकने के लिए जागरुकता अभियान चलाया जाएगा। होम आइसोलेशन के संबंध में स्पष्ट गाइडलाइन जल्द ही जारी की जाएगी।
यह बात लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने कही। कोरोना की जंग जीतने वाले शिवराज ने कहा कि प्लाज्मा थेरेपी को बढ़ावा देने की आवश्यकता है, इसलिए मैं खुद भी प्लाज्मा डोनेट करुंगा।
यह गाइड लाइन जारी
- डेथ ऑडिट के साथ-साथ ट्रीटमेंट ऑडिट सुनिश्चित होगा।
- उपचार और व्यवस्था में सुधार की दृष्टि से गंभीर मरीज़ों की इलाज प्रक्रिया के अध्ययन के लिए विशेषज्ञ समूह का गठन।
- चिकित्सकों तथा पैरामेडिकल स्टॉफ को संक्रमण से बचाने के लिए प्रभावी उपाय किए जाएंगे।
- गंभीर रूप से बीमार मरीज़ों के लिए चिकित्सकों की टीम पहुंच में हो।
- प्रोटोकॉल के अनुसार, पैरामेडिकल स्टॉफ की लगातार ट्रेनिंग होगी।
- संभावित तथा संक्रमितों को कोविड केयर सेंटर तथा डेडिकेटेड सेंटर में पहुंचने की सही व्यवस्था।
- मेडिकल कॉलेज तथा एम्स जिला चिकित्सालयों की मॉनीटरिंग करेंगे।
- 60 वर्ष से अधिक उम्र के अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रस्त मरीज़ों को विशेष व्यवस्था।
3. इजराइल में बन रहा है दुनिया का सबसे महंगा मास्क-
इजरायल में 11 करोड़ की क़ीमत का मास्क बन रहा है। जो दुनिया का सबसे महंगा मास्क है। बता दें कि सोने-हीरे से बने इस मास्क में N-95 फ़िल्टर भी लगा होगा।
इजरायल के डिज़ाइनर इस्साक लेवी ने बताया कि 18 कैरट सोने से बने इस मास्क में 3,600 काले तथा सफेद हीरे और एन99 फिल्टर लगाया जाएगा। एक खरीददार की मांग पर इसे बनाया जा रहा है।
‘यवेल कम्पनी’ के मालिक लेवी ने बताया कि खरीददार की दो और मांगें थीं कि यह साल के अंत तक बन जाए और यह विश्व में सबसे महँगा हो। इस मास्क का वजन 270 ग्राम है जो कि एक सामान्य मास्क के मुकाबले 100 गुना से भी ज्यादा है।
4. कोरोना मरीज के लिए 450 किमी दूर पहुंचाया ब्लड प्लाज्मा
कोरोना महामारी जहाँ लगातार बढ़ रही है, वहीं इस परिस्थिति में कोरोना मरीज़ों की मदद को आगे भी आ रहे हैं। ऐसा ही एक उदाहरण असम के युवाओं ने दिया है। जिसमें वो किस तरह 450 किलोमीटर की दूरी 8 घंटे से भी कम समय में तय करके कोरोना मरीज़ तक ब्लड प्लाज्मा पहुँचाते हैं।
जानकारी के मुताबिक, डिब्रूगढ़ में ‘मारवाड़ी युवा मंच’ संगठन देश में सबसे ज्यादा यंग वॉलंटियर्स वाला संगठन है। जब डिब्रूगढ़ स्थित डॉक्टर और सामाजिक कार्यकर्ता भास्कर पापुकोन गोगोई को AMCH में एक स्टाफ नर्स बिजुरानी गोगोई के लिए ब्लड प्लाज्मा की तत्काल आवश्यकता के बारे में कॉल आया।
बिजुरानी गोगोई ड्यूटी के दौरान कोरोनावायरस से संक्रमित हुए थे और जीवन के लिए जूझ रहे थे। AMCH स्थित प्लाज्मा बैंक में प्लाज्मा नहीं था और सबसे करीब प्लाज्मा बैंक जोरहाट मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल (JMCH) था लेकिन वहां भी प्लाज्मा उपलब्ध नहीं था।
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