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मुलेठी के फायदे और नुकसान

मुलेठी के फायदे और नुकसान

मुलेठी का इस्तेमाल सर्दी-जुकाम या खांसी में आराम दिलाने में आता है। मुलेठी के फायदे के अलावा इसके कई तरह के नुकसान भी है। आइये सबसे पहले हम जानते है मुलेठी क्या है।

मुलेठी क्या है (What is Mulethi in Hindi):

मुलेठी एक तरह का पौधा है। इसका उपयोग करने के लिए आप पौधे के तने को छाल सहित सुखाए। यह दांतों, मसूड़ों और गले के लिए फायदेमंद है।

मुलेठी के फायदे (Benefits of Mulethi in Hindi):

मुलेठी कई रोगों में लाभकारी है। यह पित्त दोष को कम करती है। शरीर के बाहरी हिस्सों के लिए यह त्वचा रोगों और बालों के लिए फायदेमंद हैं। मुलेठी के प्रयोग से खून साफ़ होता है, बाल बढ़ते हैं और बुद्धि तेज होती है। इसके अलावा मुलेठी के कई फायदे हैं।

सिरदर्द में आराम दिलाए: अगर आप सिरदर्द से परेशान हैं तो मुलेठी आपके लिए बहुत फायदेमंद है। मुलेठी चूर्ण या मुलेठी पाउडर के एक भाग से चौथाई भाग कलिहारी चूर्ण और थोड़ा सा सरसों का तेल मिलाएं। इसे सूंघने से आराम मिलता है। 

बाल बढ़ाने में फायदेमंद: मुलेठी का उपयोग बालों को सही पोषण देने और बढ़ाने में किया जाता है। मुलेठी से बालों को धोने से बाल तेजी से बढ़ते हैं। मुलेठी और तिल को भैंस के दूध में पीसकर सिर पर लेप लगाने से बालों का झड़ना बंद हो जाता है। 

बालों को सफ़ेद होने से रोकने में फायदेमंद: बाल सफ़ेद होना आम समस्या है और ज्यादातर लोगों के बाल समय से पहले सफ़ेद हो जाते है। इससे आप बालों को झड़ने और सफ़ेद होने से रोक सकते है। नियमित रूप से इस तेल की 1-2 बूँद नाक में डालने से असमय बाल सफ़ेद नहीं होते और बालों का झड़ना कम हो जाता है। 

आँखों के रोगों में फायदेमंद: आँखों में जलन या आँखों से जुड़ा हुआ कोई भी रोग होने पर मुलेठी का इस्तेमाल करने में फायदा होता है। इसके लिए मुलेठी के काढ़े से आँखों को धोएं। इसके अलावा मुलेठी चूर्ण या मुलेठी पाउडर में बराबर मात्रा में सौंफ का चूर्ण मिलाए । इस चूर्ण को सुबह शाम खाने से आँखों की जलन कम होती है और आँखों की रोशनी बढ़ती है। 

आँखों में सफ़ेद धब्बे की रोकथाम में फायदेमंद: मुलेठी और आंवले को पीसकर पानी में मिलाकर या उसके काढ़े से नहाने से या आँखों को धोने से पित्त कम होता है और आँखों के सफ़ेद धब्बों में मुलेठी से लाभ होता है।

पित्त से होने वाले कान के रोग में फायदेमंद: मुलेठी से पकाए हुए दूध को कान में डालने से पित्त के कारण होने वाले कान के रोग में लाभ मिलता है। मुलेठी के औषधीय गुण कान के बीमारियों में फायदेमंद होते हैं। 

नाक के रोगों से आराम दिलाए: 3-3 ग्राम मुलेठी और शुण्ठी में छह छोटी इलायची और 25 ग्राम मिश्री मिलाकर काढ़ा बनाए। इस काढ़े की 1-2 बूँद नाक में डालने से नाक के रोग ठीक होते हैं।

मुँह के छालों से आराम दिलाए: अगर आप मुँह के छालों से परेशान रहते हैं तो मुलेठी के औषधीय गुणों का फायदा लें। अगर आपके मुँह में छाले हो गए हैं तो मुलेठी के टुकड़े लें और उसमें शहद मिलाकर चूसें। इससे छाले जल्दी ठीक होते हैं।

गला बैठने के इलाज में फायदेमंद: कभी कभी गले में संक्रमण की वजह से गला बैठ जाता है तब आपकी आवाज भारी हो जाती है या आपकी आवाज नहीं निकल पाती। मुलेठी को मुँह में लेकर चूसने से गला बैठने की समस्या में आराम मिलता है। यह कई अन्य रोगों में भी लाभदायक है।

खांसी या सुखी खांसी में फायदेमंद: मुलेठी मुँह में रखकर देर तक चूसने से खांसी से आराम मिलता है। अगर आपको सूखी खांसी है तो एक चम्मच मुलेठी को शहद के साथ मिलाकर दिन में 2-3 बार चाटकर खाएं। मुलेठी का काढ़ा बनाकर 20-25 मिली मात्रा का सुबह और शाम को सेवन करने से मुलेठी का फायदा मिलता है।

हिचकी से आराम दिलाए: अगर आपको बिना रुके हिचकी आ रही है तो मुलेठी को कुछ देर मुँह में रखकर चूसें। मुलेठी चूसने से थोड़ी देर में हिचकी आना बंद हो जाती है। 

साँसों से जुड़े रोगों में फायदेमंद: मुलेठी का काढ़ा बनाकर 10-15 मिली की मात्रा में पीने से साँस से जुड़े रोग ठीक किए जा सकते हैं। 

दिल से जुड़ी बिमारियों में फायदेमंद: 3-5 ग्राम मुलेठी और कुटकी चूर्ण मिलाए। इस मिश्रण को 15-20 ग्राम मिश्री मिले हुए पानी के साथ रोजाना पिएँ। इसके सेवन से दिल से जुड़ी बीमारियों में राहत मिलती है। पित्त दोष से होने वाले ह्रदय रोगों के लिए मुलेठी, शहद, शक्कर और कूट को मिलाकर चूर्ण बनाए और इस चूर्ण से उल्टी करवाए। 

पेट के अल्सर में फायदेमंद: पेट का अल्सर एक तरह की गंभीर समस्या है जिसका इलाज करवाना जरूरी है। आप एक चम्मच मुलेठी चूर्ण या मुलेठी पाउडर का एक कप दूध के साथ दिन में 3 बार सेवन करें। पेट में अल्सर होने पर मिर्च मसालों और तीखी चीजों से परहेज करें। 

पेट दर्द में आराम दिलाए: गलत खानपान होने या खाया हुआ खाना ठीक से ना पचने के कारण पेट में ऐंठन और दर्द होने लग जाता है। एक चम्मच मुलेठी चूर्ण या मुलेठी पाउडर में शहद मिलाकर दिन में तीन बार सेवन करें। इससे पेट और आंतों की ऐंठन एवं दर्द से राहत मिलती है। 

पेट फूलने की समस्या से राहत दिलाए: पेट फूलना आजकल के लोगों की एक समस्या है। भोजन ठीक से ना पचने के कारण या शारीरिक व्यायाम ना करने की वजह से पेट फूलने की समस्या होती है। इससे आराम पाने के लिए 2-5 ग्राम मुलेठी चूर्ण या मुलेठी पाउडर को पानी और मिश्री के साथ मिलाकर खाए। 

उल्टी में खून आने को रोकें: अगर उल्टी करते समय उसमें खून निकल रहा है तो मुलेठी का सेवन करें। मुलेठी और रक्त चंदन चूर्ण दोनों की 1-2 ग्राम मात्रा को दूध में पीसकर, इसमें 50 मिली दूध मिलाए। इसकी थोड़ी-थोड़ी मात्रा पीने से उल्टी में खून आना बंद होने लग जाता है। 

खून की कमी दूर करने में फायदेमंद: शरीर में खून की कमी होने पर मुलेठी का सेवन करना बहुत फायदेमंद होता है। एक चम्मच मुलेठी चूर्ण या मुलेठी पाउडर को शहद के साथ मिलाकर खाएं या 10-20 मिली मुलेठी काढ़े में शहद मिलाकर पिएँ।

मूत्र में जलन से रोकथाम करें: अगर आपको पेशाब करते समय जलन होती है तो एक चम्मच मुलेठी चूर्ण को एक कप दूध के साथ लें। इससे पेशाब में होने वाली जलन कम होती है। 

स्तनों में दूध बढ़ाने में मददगार: प्रसव के बाद बच्चों के लिए माँ का दूध बहुत फायदेमंद है। जिन महिलाओं में स्तनपान के दौरान दूध कम बनता है उन्हें मुलेठी का सेवन करना चाहिए। मुलेठी स्तनों में दूध बढ़ाने में मदद करती है।

इसके लिए 2 चम्मच मुलेठी चूर्ण और 3 चम्मच शतावर चूर्ण को एक कप दूध में उबालें। दूध तब तक उबालें जब तक वह आधा ना हो जाए। इसमें से आधा सुबह और बाकी आधा शाम को एक कप दूध में मिलाकर पिएँ। इसके अलावा 100 मिली दूध में 2-4 ग्राम मुलेठी और 5-10 ग्राम मिश्री मिलाकर रोजाना सुबह शाम पिलाने से स्तनों में दूध ज्यादा बनता है। 

अधिक रक्तस्राव से आराम दिलाए: अगर महावारी के दौरान बहुत ज्यादा खून निकलता है तो मुलेठी का सेवन करना चाहिए। 1-2 ग्राम मुलेठी चूर्ण में 5-10 ग्राम मिश्री मिलाकर चावल के धोवन के साथ पीसकर पिएँ। 

अल्सर के दर्द से राहत दिलाए: किसी चीज से चोट लगने पर या अल्सर के दर्द से जल्दी राहत पाने के लिए मुलेठी का सेवन करना चाहिए। मुलेठी चूर्ण को घी में मिलाकर थोडा गर्म करके घाव या अल्सर वाली जगह पर लगाने से दर्द से जल्दी आराम मिलता है।

शरीर की कमजोरी दूर करने में फायदेमंद: अगर आप बहुत कमजोरी महसूस कर रहे हैं तो मुलेठी का सेवन करें। एक चम्मच मुलेठी चूर्ण में आधा चम्मच शहद और एक चम्मच घी मिलाकर एक कप दूध के साथ सुबह शाम रोजाना 5-6 हफ़्तों तक सेवन करें। इसका सेवन करने से शरीर में शक्ति बढ़ती है। 

मुलेठी के स्किन के लिए फायदे:

यह एक तरह की जड़ी-बूटी है। मुलेठी स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है।

  • मुलेठी खांसी, गले की खराश, श्‍वासनली की सूजन तथा मिरगी आदि के इलाज में उपयोगी है। मुलेठी का सेवन आँखों के लिए लाभकारी है। इसमें जीवाणुरोधी क्षमता पाई जाती है। यह शरीर के अंदरूनी चोटों में लाभदायक है। मुलेठी का इस्तेमाल स्किन पर किया जाता है। बालों की रूसी, रूखापन, चेहरे पर दाग धब्‍बे आदि मुलेठी लगाने से दूर होते हैं।
  • त्‍वचा और बालों के उपचार के लिए मुलेठी का इस्तेमाल किया जाता है। मुलेठी में एंटी-बैक्‍टीरियल गुण होते हैं। यह गुण त्‍वचा को सूर्य की हानिकारक विकिरणों से होने वाली क्षति को रोकने में मदद करता हैं।
  • मुलेठी स्‍किन से जुड़ी तमाम समस्‍याओं को दूर करने के साथ ही उसे गोरा करती है। यह चेहरे से दाग-धब्‍बे, कालापन और निशान दूर करती है। मुलेठी से बना पाउडर आसानी से मिल जाता है। इसके प्रयोग से आंखों के नीचे के काले घेरों से मुक्‍ति मिलती है।
  • सूर्य की यूवी किरणों के संपर्क में आने से त्‍वचा काली हो सकती है। इसका प्रभाव समय से पहले बुढ़ापे के संकेतो को ला सकते हैं। इस प्रकार की समस्‍या से बचने के लिए मुलेठी पाउडर का प्रयोग किया जाता है।
  • नियमित रूप से मुलेठी पाउडर का उपयोग करने पर यह झुर्रियों, लाली, त्‍वचा की खुजली और लाल चकते आदि का एक इलाज है। मुलेठी पाउडर में मौजूद पोषक तत्‍व आसानी से धूप के कालेपन का इलाज कर सकते है।
  • नारियल तेल और मुलेठी के तेल को एक साथ मिक्‍स करके मालिश करें। इससे रूसी मिटेगी और सूरज से बाल डैमेज भी नहीं होंगे।
  • मुलेठी पाउडर सूजन को दूर करने के साथ ही दर्द से छुटकारा दिलाता है। आपका खान-पान और अन्‍य बाहरी कारक आपकी त्‍वचा को नुकसान पहुँचाता हैं। इसका परिणाम आपकी त्‍वचा में खुजली, सूजन और लाल धब्‍बे आ जाना होता है।

अस्वीकरण: सलाह सहित इस लेख में सामान्य जानकारी दी गई है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है।अधिक जानकारी के लिए आज ही अपने फोन में आयु ऐप डाउनलोड कर घर बैठे विशेषज्ञ  डॉक्टरों से परामर्श करें। स्वास्थ संबंधी जानकारी के लिए आप हमारे हेल्पलाइन नंबर 781-681-11-11 पर कॉल करके भी अपनी समस्या दर्ज करा सकते हैं। आयु ऐप हमेशा आपके बेहतर स्वास्थ के लिए कार्यरत है।

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