Monkey-B virus: कोरोना के बाद मंकी-बी वायरस का खतरा, जानिए क्या हैं इसके लक्षण?

Monkey-B virus: एक ओर कोरोना के कहर से पूरी दुनिया अभी तक उबर भी नहीं पाई है, वहीं, अब चाइना से ही निकली एक और बीमारी ने चिकित्सकों और वैज्ञानिकों की नींद उड़ा दी है। चीन में मंकी-बी वायरस (Monkey-B virus) के इंसान में संक्रमण और पहली मौत का मामला सामने आया है जिसमें एक वैटनरी डॉक्टर ने इस खतरनाक वायरस के कारण अपनी जान गंवा दी है।
1. क्या है मंकी-बी वायरस ? (What is Monkey-B virus)
दुनिया के सामने यह वायरस पहली बार 1932 में आया था। मंकी-बी वायरस (Monkey-B virus) एक तरह का जीनस मैकाका के अफ्रीकी लंगूरों में अल्फाहर्पीस वायरस एनजूटिक है जो कि सीधे संपर्क और शारीरिक स्त्राव के माध्यम से फैलता है।
इस वायरस से चिंता और भी इसलिए बढ़ गई है क्योंकि यह भी कोरोनावायरस की तरह संक्रमण फैलाने में सक्षम होता है और इंसान से इंसान में भी फैलता है। इतना ही नहीं इसकी मृत्यु दर 70 से 80 फ़ीसदी के भयानक स्तर तक हो सकती है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में पब्लिश हुई रिपोर्ट के मुताबिक बीवी जब इंसानों में संक्रमण फैलाता है तो उसके सेंट्रल नर्वस सिस्टम पर हमला करता है। संक्रमण के प्रारंभिक लक्षण आमतौर पर वायरस के संपर्क में आने के करीब 1-3 सप्ताह बाद सामने आते हैं
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 53 वर्षीय डॉक्टर चीन के रहने वाले थे और नॉन ह्यूमन प्राइमेट्स पर रिसर्च के दौरान कुछ दिनों पहले ही उन्होंने दो बंदर का ऑपरेशन किया था जिसके बाद वे इस वायरस की चपेट में आ गए थे और 27 मई को उनकी मौत हो गई। हालांकि राहत की बात यह है कि डॉक्टर के संपर्क में आने वाले लोगों में इस वायरस के लक्षण नहीं पाए गए हैं और वह अभी तक सुरक्षित हैं।
मौत से पहले डॉक्टर में मचली, उल्टी बुखार और न्यूरोलॉजिकल समस्याएं देखीं गई। मरीज पर किए गए शोध केअनुसार नतीजों में अल्फाहेपेस्वायरस इंफेक्शन की पुष्टि हुई एडवांस रिसर्च के लिए खून गले और नाक का स्वैब लिए गए इन स्वैब को चीन के नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर वायरल डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन में भेजा गया। जहां नमूनों पर चार परीक्षण किए गए यह परीक्षण मंकी-बी, वेरिसैला जोस्टर वायरस, मंकी पॉक्स (Monkey-Pox) वायरस और ऑर्थो पॉक्सवायरस के लिए थे और जांच में मंकी-बी वायरस की पुष्टि हुई
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2. दुनिया के लिए खतरा साबित हो सकता है मंकी-बी वायरस (Monkey-B virus Can be Dangerous)
जानकारों का मानना है कि अगर समय पर इलाज नहीं मिले तो यह वायरस जानलेवा साबित हो सकता है. बंदर के काटने और खंरोच मारने पर इस वायरस से संक्रमित होने की संभावना बनी रहती है. घाव वाली जगह तुरंत एंटिस्पेटिक लगानी चाहिए. इस वायरस के लिए एंटीवायरल दवाएं तो बाजार में उपलब्ध हैं लेकिन अभी तक इसकी वैक्सीन विकसित नहीं हुई है. ऐसे में अगर बड़े स्तर पर संक्रमण फैला तो मंकी-बी वायरस कोरोना से भी खतरनाक साबित हो सकता है
3. क्या हैं मंकी-बी वायरस के लक्षण Symptoms of Monkey-B virus
संक्रमण की जगह के पास फफोले पड़ जाना, घाव के पास दर्द होना, उस जगह का सुन्न हो जाना, खुजली होना, फ़्लू जैसा दर्द, बुखार और ठंड लगना, 24 घंटे से अधिक समय तक सिरदर्द और थकान रहना, मांसपेशीयों में अकड़न, सांस लेने में कठिनाई मंकी-बी वायरस (Monkey-B virus) के लक्षणों में शुमार है. लक्षण शुरू होने के पहले दिन से 3 सप्ताह तक सांस लेने में कठिनाई हो सकती है और अगर संक्रमण बहुत अधिक है तो मृत्यु तक हो सकती है.
4. जानिए कैसे फैलता है मंकी-बी वायरस (How Monkey-B virus Spread?)
इंसानों में यह वायरस आमतौर पर मैकाक बंदरों के काटने या खरोंच के बाद ही पहुंच सकता है। वायरस संक्रमित बंदर की लार, मल-मूत्र से भी फैल सकता है। इसके अलावा संक्रमित इंजेक्शन भी इसका एक ज़रिया हो सकता है।
यह वायरस वस्तुओं की सतहों पर घंटों तक जीवित रह सकता है। मंकी वायरस (Monkey-B virus) के संपर्क में आने के एक महीने के अंदर लक्षण नज़र आने लगते हैं। कई बार ये लक्षण 3 से 7 दिनों में भी दिखाई दे जाते हैं। लक्षण कितनी तेज़ी से बढ़ता है ये संक्रमण कणों पर निर्भर करता है। एक बात विशेष रूप से ध्यान देने वाली है कि हर किसी में एक समान लक्षण ही हो यह आवश्यक नहीं है।
डिस्क्लेमर
इस ब्लॉग में दी गई जानकारी नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित रिपोर्ट (Monkey-B virus) के आधार पर है। आयु ऐप इसकी पुष्टि नहीं करता। अगर आप किसी भी स्वास्थ्य परेशानी से जूझ रहे हैं तो आयु ऐप पर मौजूद 5000 से अधिक विशेषज्ञ डॉक्टरों से घर बैठे परामर्श (Online Consultation) ले सकते हैं आयु ऐप डाउनलोड करें (Download Aayu App)
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